पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने दो बड़ी विफलताओं में बड़े ढांचागत सुधार न करने और विपक्ष को साथ न लेना गिनाया। इन दोनों बिंदुओं पर ही कॉरपोरेट जगत का एक तबका परेशान है
भारत में उद्योग जगत के अग्रणी नेत्वकर्ताओं ने राय दी है कि लंबे समय से अटके वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक को पारित कराने के लिए सरकार राजनीतिक सहमति बनाने पर ध्यान दे। केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार की दूसरी वर्षगांठ पास आने के बीच उद्योग जगत के नेताओं ने सोमवार को कहा कि सरकार को अब जीएसटी पर आम सहमति बनाने और गैर विधायी सुधारों में गति लाने पर ध्यान देना चाहिए।
केंद्र के साथ विवाद का एक और मुद्दा उठाते हुए आप सरकार ने दिल्ली को पूर्ण राज्य के दर्जे पर आज एक मसौदा विधेयक जारी किया जिसमें पुलिस, जमीन तथा नौकरशाही को प्रदेश सरकार के तहत लाने का प्रावधान है। इसपर 30 जून तक आमजन के सुझाव मांगे गए हैं।
पाकिस्तान ने कश्मीर के नक्शे से संबंधित भारतीय संसद के मसविदा विधेयक पर संयुक्त राष्ट्र में गहरी चिंता जताई है। पाकिस्तान ने वैश्विक संस्था से कहा है कि वह अपने प्रस्तावों को बरकरार रखे और भारत को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने वाले इन कृत्यों को बंद करने के लिए कहे।
राष्ट्रपति द्वारा हाल ही में संसद द्वारा पारित किए गए एक विधेयक को मंजूरी देने के साथ ही अब दाढ़ी और केश कटा चुके, धूम्रपान करने वाले या शराब पीने वाले लोग सिखों के धार्मिक निकायों के चुनाव में वोट नहीं डाल सकते।
सरकार ने दो महीने में तीसरी बार अपने किसी फैसले को पलटते हुए आज कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर वित्त वर्ष 2015-16 के लिए ब्याज दर बढ़ाकर 8.8 प्रतिशत कर दी है।
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) प्रमुख बान की मून ने बुधवार को अमेरिका, चीन और परमाणु हथियार से लैस अन्य राष्ट्रों से अनुरोध किया है कि वह सीटीबीटी में सुधार कर परमाणु हथियारों के परीक्षण के पागलपन को अंतत: समाप्त करें। इस साल सितंबर में सीटीबीटी के 20 साल पूरे होने वाले हैं।
यह पहला अवसर है, जबकि केंद्र सरकार का दायां हाथ बाएं हाथ को मरोड़ रहा है। भविष्य निधि की ब्याज दर घटाने पर श्रम मंत्रालय हाहाकार कर रहा है। वह वित्त मंत्रालय के विरूद्ध आवाज उठा रहा है।
कार्यपालिका पर न्यायपालिका की ओर से की जाने वाली टिप्पणियों को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा ने लोकसभा में आज कड़ा रूख अपनाया और अदालतों द्वारा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और संसद आदि पर की जाने वाली टिप्पणियों पर रोक लगाने या उसकी कोई सीमा तय करने की मांग की।