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Search Result : "शेख जायेद मस्जिद"

जियानी इन्फैनटिनो बने फीफा के अध्यक्ष, ब्लाटर युग का हुआ अंत

जियानी इन्फैनटिनो बने फीफा के अध्यक्ष, ब्लाटर युग का हुआ अंत

स्विटजरलैंड के जियानी इन्फैनटिनो ने फीफा अध्यक्ष पद का चुनाव जीत लिया है। यूरोपीय गवर्निंग निकाय यूईएफए के 45 वर्षीय महासचिव इन्फैनटिनो स्विस एल्प्स में वलाइस क्षेत्र से फीफा के दूसरे अध्यक्ष हैं। ब्रिज के इन्फैनटिनो 79 वर्षीय ब्लाटर की जगह ली है जिनका कार्यकाल भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से सवालों के घेरे में आ गया था।
महाराष्ट्रः पुलिसकर्मी की पिटाई, जबरन हाथ में भगवा झंडा थमाया

महाराष्ट्रः पुलिसकर्मी की पिटाई, जबरन हाथ में भगवा झंडा थमाया

महाराष्ट्र के लातूर में एक पुलिसकर्मी के साथ मारपीट की घटना सामने आई है। गौरतलब है कि पुलिसकर्मी मुस्लिम है। इससे राज्य सरकार की परेशानी बढ़नी तय मानी जा रही है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने इस मामले पर सख्त रवैया अपनाया है।
सीरिया: शिया मस्जिद के पास सिलसिलेवार धमाके, 45 की मौत

सीरिया: शिया मस्जिद के पास सिलसिलेवार धमाके, 45 की मौत

सीरिया में शिया मस्जिद के निकट रविवार को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में 45 लोगों की मौत हो गई। धमाके सीरिया की राजधानी दमिश्क के दक्षिण में स्थित एक शिया बहुल जिले में हुए जिसमें 100 से ज्‍यादा घायल हो गए।
राम मंदिर का ताला खुलवाना राजीव का गलत निर्णय था : प्रणब

राम मंदिर का ताला खुलवाना राजीव का गलत निर्णय था : प्रणब

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संस्मरणों पर आधारित किताब, दि टर्बुलेंट ईयर्स:1980-1996 का गुरुवार को उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने विमोचन किया। किताब में बाबरी मस्जिद को गिराए जाने की घटना का जिक्र करते हुए मुखर्जी ने लिखा कि अयोध्या में रामजन्मभूमि मंदिर का ताला खुलवाना प्रधानमंत्री राजीव गांधी का गलत निर्णय था। मुखर्जी ने बाबरी विध्वंस को पूर्ण विश्वासघात करार दिया जिसने भारत की छवि नष्ट कर दी।
‘राम मंदिर मुद्दा पैसा कमाने की मशीन है’

‘राम मंदिर मुद्दा पैसा कमाने की मशीन है’

मैं अयोध्या के बाराबंकी कस्बे का रहने वाला हूं। मैंने अपने इलाके और उसके आसपास कभी राम मंदिर और बाबरी मस्जिद को लेकर नफरत का माहौल नहीं देखा। इस माहौल की शुरूआत दिल्ली से हुई। सन 1947 में हमारी जमीन बंटी और 1992 में हमारे दिल बंट गए। जिस दिन हमारे दिल बंटे, वह दिन हमारे लिए सबसे बदनसीब दिन था। चुनाव जीतने के चक्कर में हमारी नस्लें बरबाद हो गईं। हैरान हूं कि यह लोग अभी भी चैन से नहीं बैठ रहे हैं। आखिर यह इस मुद्दे को कहां ले जाकर छोड़ना चाहते हैं?
एक सौम्य राजनेता जिसने कश्मीर की राजनीति बदल दी

एक सौम्य राजनेता जिसने कश्मीर की राजनीति बदल दी

एक गूढ़ वकील से लेकर देश के अब तक के एकमात्र मुस्लिम गृहमंत्री बनने तक का सफर तय करने वाले मुफ्ती मोहम्मद सईद ने एक मंझे हुए राजनीतिक खिलाड़ी की तरह राष्ट्रीय राजनीति और जम्मू-कश्मीर की राजनीति में अपने लिए एक अलग मुकाम बनाया। लगभग छह दशक तक के अपने राजनीतिक जीवन में सईद जम्मू-कश्मीर के ताकतवर अब्दुल्ला परिवार के खिलाफ शक्तिशाली प्रतिद्वंद्वी शक्ति का केंद्र बनकर उभरे। राजनीति के खेल में हमेशा अपने पत्ते छिपाकर रखने वाले सईद अपने राजनीतिक एजेंडे के अनुरूप चलने के लिए विरोधाभासी विचारधाराओं वाले दलों के साथ भी दोस्ती में गुरेज नहीं करते थे।
सऊदी अरब में शिया मौलवी समेत 47 लोगों को फांसी

सऊदी अरब में शिया मौलवी समेत 47 लोगों को फांसी

सऊदी अरब में शिया मौलवी शेख निम्र अल-निम्र समेत 47 कैदियों को मौत की सजा दी गई है। मौत की सजा पाने वाले लोगों में एक शिया मौलवी भी शामिल है जिसने 2011 की अरब क्रांति के दौरान मुख्य भूमिका निभाई थी।
अमेरिका में मुस्लिमों पर कड़ी निगरानी चाहता है राष्ट्रपति पद का यह दावेदार

अमेरिका में मुस्लिमों पर कड़ी निगरानी चाहता है राष्ट्रपति पद का यह दावेदार

पेरिस हमले के बाद अमेरिका पर भी आतंकी हमले का भय दिखाकर अब वहां मुस्लिमों पर कड़ी निगरानी की बातें जोर पकड़ने लगी हैं। रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की दावेदारी की दौड़ में आगे चल रहे डोनाल्ड ट्रंप ने सीधे-सीधे यह कहा है कि यदि वे राष्ट्रपति चुने गए तो देश को आतंकवाद से बचाने के लिए अमेरिका में मुस्लिमों के डेटाबेस की व्यवस्था को निश्चित तौर पर लागू करेंगे।
उल्फा नेता अनूप चेतिया को बांग्लादेश ने किया भारत के हवाले

उल्फा नेता अनूप चेतिया को बांग्लादेश ने किया भारत के हवाले

सालों से फरार चल रहे उल्फा के शीर्ष नेता अनूप चेतिया को बांग्लादेश ने भारत को सौंप दिया है। कई गंभीर अपराधों में वांछित चेतिया पिछले दो दशक से भी अधिक समय से फरार था।
चेहरे नहीं अभिव्यक्ति पर कालिख

चेहरे नहीं अभिव्यक्ति पर कालिख

देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री और बाबरी मस्जिद के खिलाफ उग्र राष्ट्रव्यापी मंदिर आंदोलन चलाने वाले लालकृष्ण आडवाणी का मानना है कि देश में असहिष्णुता का माहौल बढ़ रहा है। यह लोकतंत्र की भावना के विपरीत है। इस टिप्पणी का संदर्भ भी कम दिलचस्प नहीं है।