राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जब इस साल और अगले साल कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति तैयार कर रहा था तब सरकार और संगठन के बीच सामंजस्य बिठाने वाला एक ही नाम सामने आया और वह नाम है अमित शाह का। आउटलुक ने शाह के दूसरी बार अध्यक्ष बनने से ही पहले ही इस बात का खुलासा किया था कि अमित शाह के खिलाफ कोई भी नामांकन नहीं करेगा। मतलब अमित शाह का अध्यक्ष बनना तय था।
दलित छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी पर मचे बवाल के बीच हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (एचसीयू) के अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) तबके के शिक्षक कल से भूख हड़ताल करेंगे। इन शिक्षकों ने कुलपति और प्रभारी कुलपति के इस्तीफे की मांग को लेकर यह निर्णय लिया है।
हैदराबाद विश्वविद्यालय के एक छात्र रोहित वेमुला द्वारा आत्महत्या किए जाने की घटना के बाद विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों के समर्थन में आगे आए दलित शिक्षकों ने धमकी दी है कि यदि चार अन्य छात्रों का निलंबन रद्द नहीं किया जाता तो वे प्रशासनिक पदों से इस्तीफा दे देंगे।
पश्चिम बंगाल में मालदा में हुए हिंसा को लेकर प्रदेश भाजपा और संघ के प्रमुख नेताओं की दो दिवसीय बैठक कोलकाता में हो रही है। जिसमें मालदा में हुई हिंसा को लेकर आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की चर्चा भर से बुद्धिजीवियों एवं राजनीतिज्ञों का एक वर्ग छद्म आक्रोश व्यक्त करने लगता है। ऐसा ही तब हुआ जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत ने विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल की श्रद्धांजलि सभा में राम मंदिर निर्माण के संकल्प को दोहराया। फिर क्या था। संघ पर सांप्रदायिकता, ध्रुवीकरण, न्यायालय की अवहेलना जैसे आरोप मढ़ दिए गए।
उत्तर प्रदेश में साढ़े तीन हजार उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। इस संबंध में जारी शासनादेश में एक से ज्यादा शादियां करने वालों को आवेदन के लिए अयोग्य ठहराया गया है। सरकार के इस फैसले का ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने विरोध करते हुए इसे मुसलमानों के शरई अधिकारों का हनन करार दिया है।
महाराष्ट्र के जलगांव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष रणनीतिकारों के अलावा संघ से जुड़े आनुषंगिक संगठनों की जब बैठक हो रही थी तो सभी की चिंता भारतीय जनता पार्टी के अंदर उभरे आंतरिक मतभेद को लेकर थी। लेकिन इन चिंताओं से बेखबर संघ प्रमुख मोहन भागवत का एक ही शब्द सब पर भारी पड़ गया कि अपना काम करो चिंता मत करो।
कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के धुर विरोधी रहे भाजपा नेता संजय जोशी ने सरकार के कामकाज की तारीफ क्या की पार्टी में उनका कद बढ़ गया है। पार्टी के अंदर इस बात की सुगबुगाहट तेज हो गई है कि अब जल्द ही जोशी को बड़ा जिम्मेदारी मिल सकती है।