द्विपक्षीय संबंधों में ठहराव के बीच प्रधानमंत्राी नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा शिखर सम्मेलन में एक-दूसरे के सामने पड़े और दोनों ने हाथ हिलाकर एक दूसरे का अभिवादन किया। लेकिन दोनों नेताओं ने इसके अलावा कोई गर्मजोशी नहीं दिखाई और इनके हाथ तक नहीं मिले।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विश्वभारती विश्वविद्यालय (शांति निकेतन) के कुलपति सुशांत दत्तगुप्ता को बर्खास्त करने की अनुशंसा की है। अगर उनकी बर्खास्तगी हुई तो इस तरह हटाए जाने वाले वे किसी केंद्रीय विश्वविद्यालय के पहले कुलपति हो सकते हैं।
सभी केंद्रीय सरकारी विभागों से कहा गया है कि वे अपने सभी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति से पांच साल पहले ही सभी प्रक्रियाओं की जांच पूरी कर ली जाए ताकि पेंशन मामले में उन्हें किसी तरह की देरी का सामना न करना पड़े।
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने देश में मुसलमानों की पहचान और सुरक्षा की समस्याओं के हल के लिए रणनीतियां बनाने की वकालत करते हुए सरकार से इस दिशा में सकारात्मक कार्रवाई करने तथा सबके विकास के लिए नीति बनाने की मांग की थी। अपने भाषण में उपराष्ट्रपति ने नरेंद्र मोदी के नारे सबका साथ सबका विकास की तारीफ की पर इसमें मुसलमानों को भी वाजिब हक के साथ शामिल करने पर जोर दिया था।
भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यानी एनएसए स्तर की वार्ता से पहले पाकिस्तान ने कश्मीरी अलगाववादियों को बातचीत के लिए बुलाकर वार्ता को बड़ा झटका दिया है।
नागरिकों की निजता खतरे में है। हर कदम पर यह खतरा महसूस होने लगा है। आधार कार्ड से लेकर डीएनए विधेयक तक और गली-मोहल्ले में कानून का हवाला देकर फैली नैतिक पुलिसिंग तक। मुंबई में पुलिस ने होटल पर छापा मारकर वहां कमरों में टिके युगलों को अपराधियों की तरह निकाला और उनके साथ बदसलूकी की। उन्हें सार्वजनिक अश्लीलता संबंधी कानून के तहत दोषी बताया गया। क्या यह किसी सभ्य-परिपक्व राज्य की निशानी है। नहीं।
जैसे ही महिला को पकड़े जाने का अंदेशा हुआ वह परीक्षा कक्ष से भाग गई। महिला और शांति कश्यप द्वारा जमा की गई तस्वीरों का मिलान किया गया, इससे साफ हो गया कि छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप की पत्नी की जगह कोई और महिला परीक्षा दे रही थी।
केंद्र सरकार की उत्तर पूर्व पर ध्यान देने की नीति के परिणाम दिखने लगे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले बांग्लादेश के साथ दशकों से अटके पड़े भूमि समझौते को अंजाम दिया और अब नगालैंड में शांति बहाल करने के लिए वहां के प्रभावशाली संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (एनएससीएन) (आईएम) के साथ शांति संधि पर हस्ताक्षर हो गए हैं। इस समझौते के बाद अब नगालैंड में बंदूकों की आवाजें खामोश हो जाएंगी और राज्य के विकास को गति मिलेगी।