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पोस्टमार्टम रिपोर्ट:  प्रद्युम्न के शरीर पर नहीं मिले यौन शोषण के सबूत

पोस्टमार्टम रिपोर्ट: प्रद्युम्न के शरीर पर नहीं मिले यौन शोषण के सबूत

पिछले हफ्ते रियान इंटरनेशनल स्कूल के दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युम्न की हत्या ने पूरे देश में शोक की लहर बिखेर दी थी। मंगलवार को प्रद्युमन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है जिसके बाद कई बड़े खुलासे हुए।
शोधः स्मार्ट फोन चार्ज कर सकता है शरीर में मौजूद मीठा

शोधः स्मार्ट फोन चार्ज कर सकता है शरीर में मौजूद मीठा

लॉस एंजल्स में एक वैज्ञानिक ने ऐसा स्किन पैच तैयार किया है जो मानव शरीर के मीठे से किसी रेडियो आइटम को कम से कम दो दिन तक पावर दे सकता है। जब लोग बाहर के सफर पर हों तो इससे मोबाइल भी रिचार्ज कर सकते हैँ।
शोधयात्राः जमीनी ज्ञान की ओर बढ़ते कदम

शोधयात्राः जमीनी ज्ञान की ओर बढ़ते कदम

शरीर के किसी हिस्से से खून बहने पर लोगों का दवा लगाना या डॉक्टर के पास दौड़ना आम है लेकिन नगालैंड के सुदूर गांवों में लोग खून का रिसाव बंद करने के लिए डॉक्टरों के पास नहीं जाते। वे अपने इलाके में उगने वाले एक खास पेड़ की पत्ती तोड़कर घाव पर रख लेते हैं, जिससे कुछ ही देर में खून बहना बंद हो जाता है। सायानग्लाजा नाम के इस पत्ते को यहां डॉक्टर पत्ता भी कहा जाता है।
अखिलेश और हेमा को सुध नहीं, मीठे पानी को तरस रहा शहीद हेमराज का गांव

अखिलेश और हेमा को सुध नहीं, मीठे पानी को तरस रहा शहीद हेमराज का गांव

देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अपना शीश कटा डालने वाले उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद निवासी शहीद हेमराज का गांव उनकी शहदत के तीन वर्ष बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहा है। हेमराज के शहीद होने के बाद गांववासियों को उम्‍मीद थी कि सरकार अब हेमराज के नाम पर गांव में मूलभूत सुविधाओं की व्‍यवस्‍था कर देगी। लेकिन तीन साल के बाद भी नतीजा सिफर रहा। गांव वाले सरकार द्वारा की गई घोषणाओं के पूरा होने का अब भी इंतजार कर रहेे हैं।
मेडिकल रिसर्च के लिए अपना ‘मंदिर’ दान कर गए ‘पॉकेट हरक्युलिस’

मेडिकल रिसर्च के लिए अपना ‘मंदिर’ दान कर गए ‘पॉकेट हरक्युलिस’

वे मानव शरीर को ‘मंदिर’ मानते थे। मंदिर की तरह ही अपने शरीर की उन्होंने देखभाल की। 104 साल की उम्र पाई। यहां बात देश के पहले मिस्टर यूनिवर्स मनोहर आइच की हो रही है। रविवार को उनका निधन हो गया। वे अपने ‘मंदिर’ को मेडिकल रिसर्च के लिए दान कर गए। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में उनका ‘मंदिर’ यानी शरीर मेडिकल के विद्यार्थियों के रिसर्च के काम आएगा।
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