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Search Result : "विश्‍व मानव समाज"

चोटों से परेशान जहीर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कहा अलविदा

चोटों से परेशान जहीर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कहा अलविदा

भारत के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों में से एक जहीर खान ने आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। चोटों से तंग आ चुके इस धुरंधर गेंदबाज ने स्वीकार किया कि अब उनका शरीर खेलने का बोझ नहीं उठा सकता। फिल्‍हाल वह आईपीएल-9 में खेलेंगे लेकिन इसके बाद वह घरेलू क्रिकेट से भी विदा लेना चाहते हैं।
विश्‍व में गोधरा-अहमदाबाद से है मोदी की पहचान: शिवसेना

विश्‍व में गोधरा-अहमदाबाद से है मोदी की पहचान: शिवसेना

भाजपा और शिवसेना के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। मुंबई में गुलाम अली का कंसर्ट रद्द होने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दुखद करार दिए जाने पर शिवसेना ने कड़ा ऐतराज जताया है। नरेंद्र मोदी काे उनका अतीत याद दिलाते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, नरेंद्र मोदी जी की पहचान विश्व में गोधरा-अहमदाबाद की वजह से हुई है, और उसी वजह से हम मोदी जी का आदर भी करते हैं।
क्‍यों कुलपति बनने के काबिल नहीं हैं सुब्रह़मण्यम स्वामी?

क्‍यों कुलपति बनने के काबिल नहीं हैं सुब्रह़मण्यम स्वामी?

सुब्रह़मण्यम स्वामी को जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद़यालय का कुलपति बनाने की चर्चा इतनी तेजी से शुरू हुई कि प्रायः हर किसी ने इसे सच मान लिया। अकादमिक दुनिया कान लगाकर आहट सुनने लगी। इस पर मीडिया माध्यमों से लेकर बौद्ध‍िक तबके में विमर्श का दौर शुरू हो गया और सुब्रह़मण्यम स्वामी की टिप्पणियां भी सामने आ गई। उन्होंने अपनी योजनाएं भी बता दीं कि वे जेएनयू में किस प्रकार नक्सलियों और ड्रग्स के शिकार लोगों को काबू में करेंगे। यह अपेक्षा भी जता दी कि सरकार उन्हें खुली छूट दे तो वे काम करने को तैयार हैं।
विश्वभारती के कुलपति को बर्खास्त करने की अनुशंसा

विश्वभारती के कुलपति को बर्खास्त करने की अनुशंसा

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विश्वभारती विश्वविद्यालय (शांति निकेतन) के कुलपति सुशांत दत्तगुप्ता को बर्खास्त करने की अनुशंसा की है। अगर उनकी बर्खास्तगी हुई तो इस तरह हटाए जाने वाले वे किसी केंद्रीय विश्वविद्यालय के पहले कुलपति हो सकते हैं।
चाय बेचते-बेचते हिंदी सीखी, इसकी ताकत जानता हूं: मोदी

चाय बेचते-बेचते हिंदी सीखी, इसकी ताकत जानता हूं: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में 10वें विश्व हिन्दी सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि भाषा की भक्ति बहिष्कृत करने वाली नहीं होनी चाहिए बल्कि यह सम्मिलित करने वाली होनी चाहिए। हिंदी उनकी मातृभाषा नहीं है लेकिन उन्‍हें हिंदी की ताकत का अहसास है। हिंदी के बिना आज वह यहां तक नहीं पहुंचते।
विकास रैंकिंग में भारत निचले पायदान पर: विश्‍व आर्थिक मंच

विकास रैंकिंग में भारत निचले पायदान पर: विश्‍व आर्थिक मंच

भारत को समावेशी वृद्धि और विकास के लिहाज से वैश्विक रैंकिंग में निचले पायदान पर रखा गया है जबकि कारोबारी एवं राजनीतिक आचार-नीति के लिहाज से भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी बेहतर स्थिति में है।
रेल मंत्री का विनिर्माण में विदेशी निवेश को न्‍यौता

रेल मंत्री का विनिर्माण में विदेशी निवेश को न्‍यौता

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज अन्य देशों से भारत को अपना विनिर्माण केंद्र बनाने का आह्वान किया और कहा कि सरकार अगले पांच वर्षों में रेलवे की सेवाओं के विकास के लिए 120 अरब डॉलर का निवेश करेगी।
'आरक्षण नहीं तो कमल उखाड़ देंगे, नीतीश भी हमारे'

'आरक्षण नहीं तो कमल उखाड़ देंगे, नीतीश भी हमारे'

अहमदाबाद में विशाल रैली बुलाकर हार्दिक पटेल में अपना लोहा मनवा लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्‍य की भाजपा सरकार को चुनौती देते हुए उन्‍होंने कहा है कि मांग नहीं मानी तो दोबारा कमल नहीं खिलेगा। यह रैली भले ही आरक्षण की मांग को लेकर हुई लेकिन हार्दिक पटेल के तेवर पूरी तरह सियासी दिखे। उन्‍होंने मंच से केजरीवाल, नीतीश कुमार और सरदार पटेल का नाम लेकर अपनी राजनैतिक महत्‍वाकांक्षाओं की झलक दिखाई है।
8 कैच लेकर रहाणे ने बनाया विश्‍व रिकॉर्ड

8 कैच लेकर रहाणे ने बनाया विश्‍व रिकॉर्ड

श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में अपनी पकड़ मजबूत करते हुए भारत ने एक और कारनामा कर दिखाया है। भारतीय बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे ने इस टेस्ट में आठ कैच लेते हुए ऐसा करने वाला पहला नॉन-कीपर खिलाड़ी बनने का विश्व कीर्तिमान बनाया लिया। भारत ने श्रीलंका को दूसरी पारी में 367 रन पर समेट दिया है और अब उसे सिर्फ 176 रन बनाने हैं।
आजादी विशेष | विचारों की स्वतंत्रता पर बंदिश की भाषा

आजादी विशेष | विचारों की स्वतंत्रता पर बंदिश की भाषा

राजनीतिक-आर्थिक-सामाजिक सत्ता क्रम को नियंत्रित करने वाले वर्गों, समूहों, समुदायों और संस्थाओं के इस्तेमाल की भाषा में उनके वर्चस्ववादी पूर्वग्रहों के शब्द-संकेत देखे और व्याख्यायित किए जा सकते हैं। भारत की आजादी के 68 वर्ष बीतने पर हमारे राजनीतिक और सुरक्षा प्रतिष्ठानों के चालू विमर्श में हम ऐसे दो चलताऊ जुमलों की निशानदेही करना चाहेंगे जिनके निहितार्थ हमारी स्वतंत्रता सीमित करने के संदर्भ में गंभीर हैं।