बंसी कौल ने कला जगत में कई बिरवे रौंपे। ये रौंपे अब वृक्ष बन कर लहलहा रहे हैं। अभिनय की नाल से निकले हजारों खिले हुए कमलों ने उनका नाम रोशन कर दिए। उन्हीं बंसी कौल के रंगकर्म पर हुआ अनूठा कार्यक्रम।
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन ने कहा कि अंतर-राज्यीय बिक्री पर एक प्रतिशत का अतिरिक्त कर लगाना वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की भावना के अनुरूप नहीं है और इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए।
भारत में इस वर्ष विदेशों में कामकाज के लिए गए उसके नागरिकों ने सबसे अधिक मनीआर्डर भेजे। विदेशों से 72 अरब डॉलर यानी करीब 4.53 लाख करोड़ की राशि के मनीआर्डर प्राप्त करने के साथ भारत इस मामले में पहले नंबर पर रहा है। इसके बाद चीन का स्थान रहा जहां 64 अरब डॉलर आए।
अभी तक हर मंच पर देश के आर्थिक विकास के बड़े दावे करने वाली सरकार ने अब आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान में बड़ी कटौती की है। इसके लिए अब सरकार देश में कमजोर मानसून का हवाला दे रही है हालांकि हाल तक सरकार ये दावा कर रही थी कि कमजोर मानसून से आर्थिक विकास पर बहुत ज्यादा अंतर नहीं पड़ने वाला है।
भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) ने इस साल के शुरू में विश्व कप के दौरान अतिरिक्त टीम सदस्यों को भारतीय टीम में रखने के लिए विभिन्न तरह के खर्चों के तहत अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को लगभग 2.4 करोड़ रुपये का भुगतान किया।
पहले युद्ध और प्रेम में सबकुछ जायज ठहराया जाता था। अब आर्थिक-व्यापारिक हित शायद सबकुछ जायज कर देते हैं, यहां तक कि युद्ध और प्रेम को भी। बल्कि इनके बारे में यू-टर्न को भी। अच्छा हुआ कि अपने घरेलू जनाधारों में उबाल भरने के लिए दिखावे के जंगी स्वांग में भड़काऊ बयानबाजी के घोड़ों पर सवार भारत और पाकिस्तान की हुकूमतों ने अपनी भड़काऊ बयानबाजी के ऊंचे घोड़ों से उतरकर एक-दूसरे से पहले पेरिस में प्रधानमंत्री के स्तर पर, फिर क्रमश: बैंकॉक और इस्लामाबाद में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों और विदेशी मंत्रियों के जरिये एक-दूसरे से बातचीत शुरू करने के लिए हाथ मिलाया।
फेसबुक के संस्थापक जुकरबर्ग के बाद अब गूगल गूगल प्रमुख सुंदर पिचई भी मुस्लिमों के समर्थन में उतर आए हैं। शनिवार को अपने एक ब्लॉग के जरिये उन्होंने कहा कि हमें अमेरिका और विश्व में मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों का समर्थन करना चाहिए।
भारत को छोड़कर उभरते बाजारों को लगातार पांचवें साल वृद्धि में नरमी का सामाना करना पड़ा है और यह दौर पहले के अनुमानों से संभवत: लंबा खिंच रहा है। यह बात विश्व बैंक ने कही है।
संघर्ष का नाम जनकवि रमाशंकर 'विद्रोही' नहीं रहे। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में पिछले दो दशकों में आने वाले हजारों छात्र उनकी कविता सुनकर संघर्ष करना सीखे होंगे। 'आसमान में धान बोने वाला' ये निर्भीक कवि संघर्ष करते हुए ही मरा। सोशल मीडिया पर विद्रोही की कविताओं का उत्सव सा जारी है। आंदोलनों में उनकी कविताएं गूंजती रहती हैं लेकिन उनकी चर्चित कविताओं में ‘जब भी किसी गरीब आदमी का अपमान करती है, ये तुम्हारी दुनिया, तो मेरा जी करता है, कि मैं इस दुनिया को उठाकर पटक दूं।’, ‘मैं भी मरूंगा और भारत के भाग्य विधाता भी मरेंगे लेकिन मैं चाहता हूं कि पहले जन-गण-मन अधिनायक मरें, फिर भारत भाग्य विधाता मरें ’, ‘आज तो चाहे कोई विक्टोरिया छाप काजल लगाए या साध्वी ऋतंभरा छाप अंजन लेकिन असली गाय के घी का सुरमा, तो नूर मियां ही बनाते थे...’ , ‘मैं किसान हूं आसमान में धान बो रहा हूं, कुछ लोग कह रहे हैं कि पगले, आसमान में धान नहीं जमा करता, मैं कहता हूं पगले, अगर जमीन पर भगवान जम सकता है तो आसमान में धान भी जम सकता है।..’ सोशल मीडिया पर इस जनकवि को श्रद्धांजलि देने वालों का सैलाब है-
हॉकी विश्व लीग में कांस्य पदक के लिए आज खेले गए मैच में भारत ने नीदरलैंड को हरा दिया। बेहद रोमांचक मैच का फैसला शूट आउट से हुआ जिसे भारत ने नीदरलैंड के 2 गोल के मुकाबले 3 गोल कर जीत लिया है।