अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अमेरिका और भारत के बीच के संबंधों पर राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
सीबीआई की विशेष अदालत ने झारखंड के अमरकोंडा मुर्गादंगल कोयला ब्लाॅक आबंटन मामले में कांग्रेस नेता एवं उद्योगपति नवीन जिंदल को आरोपी के रूप में तलब किया। अदालत ने पूर्व कोयला राज्य मंत्री दसारी नारायण राव और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को भी मामले में आरोपी के रूप में तलब किया। अदालत ने पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता और पांच कंपनियों सहित 11 अन्य को भी आरोपी के रूप में तलब किया। इस मामले में अगली सुनवाई २२ मई को होगी।
केरल के मौजूदा राज्यपाल पी. सदाशिवम को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने की सुगबुगाहट जैसे ही तेज हुई, वैसे ही मानवाधिकार संगठनों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संभवतः यह पहला मौका है जब किसी राज्यपाल को इस पद के लिए चुना जा रहा है।
हैदराबाद उच्च न्यायालय ने आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के शेषाचलम जंगलों में 7 अप्रैल को पुलिस फायरिंग में 20 लोगों के मारे जाने की घटना की जांच के लिए गठित विशेष जांच टीम एसआईटी को निर्देश दिया कि वह अपनी तफ्तीश 60 दिनों में पूरी कर अदालत में रिपोर्ट सौंपे।
राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) प्रकरण में तब नया मोड़ आ गया जब भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू ने छह सदस्यीय आयोग में दो प्रमुख व्यक्तियों के चयन के लिए तीन सदस्यीय पैनल का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया।
सीबीआई ने गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के उपाध्यक्ष (वित्त) के. वी. मोहनन और मुंबई की कानूनी फर्म चितले एंड एसोसिएट्स के राजेन्द्र चितले दस्तावेज लीक मामले में संदिग्ध हैं।
हिट एंड रन मामले में फिल्म अभिनेता सलमान खान का ड्राइविंग लाइसेंस जब्त नहीं होगाा। वर्ष 2002 के हिट एंड रन मामले में एक सत्र अदालत ने अभियोजन पक्ष के उस आग्रह को खारिज कर दिया है जिसमें मांग की गई थी कि सलमान को ड्राइविंग लाइसेंस जमा करने का निर्देश दिया जाए।
विशेष 2जी अदालत 2002 के अतिरिक्त स्पेक्टम आवंटन मामले में अगले महीने से आरोप तय करने के लिए बहस सुनेगी। इस मामले में सीबीआई ने पूर्व दूरसंचार सचिव श्यामल घोष व तीन दूरसंचार कंपनियों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया है।
राष्ट्र¬भाषा होने का दावा करने वाली हिंदी के मीडिया से तो इसी राष्ट्र का हिस्सा माना जाने वाला मणिपुर अमूमन गायब ही होता है और उत्तर पूर्व में असम अगर यदा-कदा चर्चा में आता भी है तो बिहारियों, झारखंडियों पर उग्रवादी हमले के कारण या अरूणाचल प्रदेश की चर्चा होती है तो चीनी दावेदारी के हंगामें के कारण। हिंदी के एक्टिविस्ट संपादक प्रभाष जोशी के निधन के बाद की चर्चा में यह प्रसंग जरूर आया कि वह 5 नवंबर को नागरिकों की एक टीम के साथ मणिपुर जाना चाहते थे लेकिन यह टीम मणिपुर की जिन उपरोक्त परिस्थितियों के बारे में एक तथ्यान्वेषण मिशन पर वहां जा रही थी उसका जिक्र ओझल ही रहा। और जिस ऐतिहासिक अवसर पर यह टीम मणिपुर जा रही थी उसका जिक्र तो भला कितना होता? यह ऐतिहासिक अवसर था 37 वर्षीय इरोम शर्मिला के आमरण अनशन के दसवें वर्ष में प्रवेश का। गांधी और नेल्सन मंडेला की जीवनी सिरहाने रखे बंदी परिस्थितियों में इंफाल के एक अस्पताल में अनशनरत अहिंसक वीरांगना के नाक में टयूब के जरिये जबरन तरल भोजन देकर सरकार जिंदा रखे हुए है। अपढ़ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पिता और अपढ़ माता की नौवीं संतान शर्मिला सन 2000 में असम राइफल्स के जवानों पर बागियों की बमबारी के जवाब में सशस्त्र बलों द्वारा एक बस स्टैंड पर 10 निर्दोष नागरिकों को भूने जाने की खबरें अखबारों में पढक़र और तस्वीरें देखकर तथा उन सुरक्षाकर्मियों को सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम के कारण सजा की कोई संभावना न जानकर इतना विचलित हुई कि उन्होंने इस तानाशाही कानून के खिलाफ आमरण अनशन का फैसला ले लिया।