चीन ने विवादित दक्षिण चीन सागर (एससीएस) में लंबी दूरी की विमानरोधी मिसाइलें तैनात की हैं लेकिन मीडिया की इन खबरों को कम्युनिस्ट राष्ट्र चीन ने पश्चिमी खबरिया संस्थानों की खबरें गढ़ने की कोशिश करार देते हुए तवज्जो नहीं दिया है।
जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी को उचित ठहराते हुए दिल्ली पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी ने सोमवार को दावा किया कि कन्हैया ने परिसर में विवादित कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रविरोधी नारे लगाए थे लेकिन पुलिस को अब तक जेएनयू की घटना का लश्करे तैयबा से जुड़ाव का सबूत नहीं मिला है।
लश्कर ए तैयबा का पाकिस्तानी-अमेरिकी सदस्य डेविड हेडली 26/11 मामले में सरकारी गवाह बनाए जाने के बाद वीडियो लिंक के जरिये यहां एक अदालत के समझ पेश हुआ और उसने कहा कि वह 2008 में मुंबई में किए गए हमलों से पहले सात बार भारत आया था और लश्कर में उसका मुख्य संपर्क साजिद मीर के साथ था। मीर भी इस मामले में एक आरोपी है। हेडली पहली बार अदालत के समक्ष पेश हुआ है।
रोहित वेमुला की आत्महत्या को लेकर दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कार्यालय पर प्रदर्शन करने जा रहे छात्रों के साथ पुलिस की बर्बर मारपीट का वीडियो सामने आया है। पुलिसवालों के साथ सादे कपड़ों में कई लोग भी छात्रों, महिलाओं और पत्रकारों के साथ मारपीट करते नजर आ रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी की ओर से दावेदारी कर रहे लोगों में विवादास्पद नेता डोनाल्ड ट्रंप ने सभी अन्य दावेदारों को बेहद पीछे छोड़ दिया है।
मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले के आरोपी डेविड कोलमैन हेडली को सरकारी गवाह बनने के बदले माफ़ी मिल गई है। आज मुंबई की एक अदालत में हेडली की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेशी हुई। इस दौरान हेडली ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को स्वीकार करते हुए कहा कि अगर उसे माफी दी जाए तो वह सरकारी गवाह बनने को तैयार है। इस पर सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने कहा कि सरकार हेडली को वादामाफ गवाह बनाने को तैयार है। खबर है कि कोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी है।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समय शुरू की गई अंत्योदय अन्न योजना बंद होने से फिलहाल बच गई है। केंद्र सरकार के खाद्य मंत्रालय ने उस विवादित आदेश को बदल दिया जिसके तहत नए अंत्योदय कार्ड जारी करने पर रोक लगा दी गई थी। सरकार के इस कदम को अंत्योदय योजना को चरणबद्ध तरीके से बंद करने की कोशिश माना जा रहा था और कई सामाजिक संगठनों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई थी।