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Search Result : "विद्या बालन का साक्षात्कार"

कविताओं में अभिव्यक्ति

कविताओं में अभिव्यक्ति

ऑल इंडिया रेडिओ और प्रसार भारती ने मिल कर दिल्ली के भारतीय विद्या भवन में 13 मई की शाम ‘अखिल भारतीय कवयित्री सम्मेलन’ का आयोजन किया
शादी के बाद की असफलता ने विद्या को डराया

शादी के बाद की असफलता ने विद्या को डराया

बॉक्स ऑफिस पर अपनी अंतिम तीन फिल्में घनचक्कर, शादी के साइड-इफेक्ट्स, बॉबी जासूस का जादू नहीं चल पाने पर फिल्म अभिनेत्री विद्या बालन ने कहा है कि उनके दिमाग में एक बार यह ख्याल भी आया था कि कहीं शादी करने का असर उनके कैरियर पर तो नहीं पड़ रहा है।
सच बोलने की सजा मिली-पप्पू यादव

सच बोलने की सजा मिली-पप्पू यादव

“मधेपुरा से राजद सांसद पप्पू यादव को पार्टी ने निष्कासित कर दिया। राजद के इस फैसले से पप्पू निराश नहीं हैं बल्कि वह कहते हैं कि सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ते रहेंगे। आउटलुक से बातचीत में पप्पू का कहना है कि सच बोलने की उन्हें सजा मिली है। प्रस्ततु है बातचीत के प्रमुख अंश-
एक शाम पिता के नाम

एक शाम पिता के नाम

पिछले दिनों प्रसिद्ध कवि, चिंतक कैलाश वाजपेयी का निधन हो गया। उनकी कविताओं में आध्यात्म, प्रकृति और जीवन के अलग रंग दिखते थे। उनकी कविताओं की गूढ़ता ही उस रचना की खूबसूरती थी। उनकी बेटी अनन्या वाजपेयी ने अलग ढंग से पिता को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनकी कविताओं को संगीत में ढाल कर सुर के साथ इनका पाठ किया गया।
महाराष्ट्र सरकार को पता नहीं कल्याण गृहों में बच्चों की संख्या

महाराष्ट्र सरकार को पता नहीं कल्याण गृहों में बच्चों की संख्या

राज्य की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री विद्या ठाकुर ने यहां विधान परिषद में कहा, कुल 43 सरकारी और करीब ।, 100 निजी लेकिन सरकार से सहायता प्राप्त बाल कल्याण गृह हैं।
मेरा कोई धर्म नहीं-सईद मिर्जा

मेरा कोई धर्म नहीं-सईद मिर्जा

सईद मिर्जा का सिनेमा सामाजिक सरोकारों वाले सिनेमा के लिए जाना जाता है। भारतीय समानांतर सिनेमा के इस निर्देशक ने सलीम लंगड़े पे मत रो और अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है जैसी कई महत्वपूर्ण फिल्में बनाई हैं।
भाजपा ने धोखा दिया- मांझी

भाजपा ने धोखा दिया- मांझी

बिहार की राजनीति अभी गर्म लावा की तरह है। जिसकी आंच दिल्ली तक जा रही है। राजनीति के कई माहिर खिलाड़ी आने वाले चुनाव को लेकर रणनीति बनाने में लगे हैं। ऐसे में बिहार के पूर्व मुक्चयमंत्री जीतन राम मांझी की भूमिका सभी दलों के लिए चुनौती है। मांझी इतिहास के छात्र रहे हैं, उन्हें अतीत की समझ है। वे जानते हैं राजनीति के लिए इतिहास का होना जरुरी है। इतिहास में दलितों की ञ्चया जगह रही है उसे वे बार बार याद दिलाते हैं। मांझी जानते हैं दलित होने के क्या‍ फायदे और नुकसान हैं। मांझी से कई मुद्दों पर आउटलुक के लिए निवेदिता ने बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश-
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