Advertisement

Search Result : "विदेशी मीडिया"

सम्प्रति वार्ताः श्रूयन्ताम्!

सम्प्रति वार्ताः श्रूयन्ताम्!

दूरदर्शन द्वारा संस्कृत-समाचार प्रसारण की अवधि बढ़ाने के निर्णय पर कोई खास आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि संस्कृत मोदी सरकार के एजेंडे में है। इस निर्णय का निहितार्थ भी आसानी से समझ में आने वाला है, इसलिए इस पर सवाल भी उठेंगे ही। इस ऐलान के बाद लोगों के जेहन में सबसे पहला सवाल तो यह है कि संस्कृत में न्यूज बुलेटिनों और समाचार-चर्चा के कार्यक्रमों का दर्शक या श्रोता वर्ग कौन है? दूसरा सवाल यह है कि देश में कितने लोग ऐसे होंगे जो वास्तव में संस्कृत माध्यमों से इन कार्यक्रमों की बाट जोह रहे हैं? ये महज शोशा है या इसकी कोई ठोस जरूरत है?
विदेशी चंदे पर अंकुश, 4470 एनजीओ के लाइसेंस रद्द

विदेशी चंदे पर अंकुश, 4470 एनजीओ के लाइसेंस रद्द

गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) पर एक बार फिर नकेल कसते हुए केंद्र सरकार ने ऐसे 4470 एनजीओ के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं जिनमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के कबीर सहित कई शीर्ष विश्वविद्यालय, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और एस्कोर्ट हार्ट संस्थान भी हैं। मान्यता रद्द होने से अब ये एनजीओ विदेशी चंदा नहीं प्राप्त कर सकते हैं।
विदेशी दाताओं के बहाने ज्ञान और विकास पर हमला

विदेशी दाताओं के बहाने ज्ञान और विकास पर हमला

मीडिया में आई खबरों के अनुसार, गृह मंत्रालय भारतीय एनजीओ को मिलने वाले विदेशी अनुदान पर नियम-कायदों का शिकंजा कसने के लिए एक नया तंत्र विकसित करने जा रहा है, जिसकी घोषणा 15 जून तक हो सकती है। इस नई नियामक व्‍यवस्‍था में खुफिया ब्‍यूरो, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और गृह मंत्रालय की एफसीआरए विंग के बीच मजबूत तालमेल रहेगा। विदेशी अनुदान हासिल करने वाले सभी गैर-सरकारी संगठनों को एक वेबसाइट बनानी होगी और फंड हासिल करने के 48 घंटे के अंदर इसकी जानकारी सार्वजनिक कर अपनी गतिविधियों और सहयोगी संस्‍थाओं की पूरी जानकारी देनी पड़ेगी।
'रामदेव की मैगी' को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म

'रामदेव की मैगी' को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म

बाजार तरह-तरह के फास्ट फूड से अटे पड़े हैं। रेडीमेट रोटियों से लेकर रेडी-टू-ईट दाल-सब्जी। स्नैक्स का तो अंत नहीं। लेकिन सभी के बीच लोकप्रियता का जो सिंहासन मैगी को मयस्सर था वह किसी और को नहीं। मैगी में हानिकारक सीसा की मात्रा ज्यादा होने की खबर क्या आई, 1300 करोड़ का मैगी का बाजार धड़ाम से औंधे मुंह गिर गया। ऐसे में कुछ लोगों की भावनाएं आहत हुईं तो किसी ने मैगी से जुड़ी यादें ताजा कीं। किसी ने चुटकले बना डाले तो किसी को इसके पीछे राजनीति लगी। कई लोग इस विवाद के पीछे बाबा रामदेव की मैगी लांच होने की अटकलें लगा रहे हैं। अचानक से सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर स्वास्थ्यवर्धक जानकारियों का भी रेला आ गया-
फेसबुक पर खुली फ्लिपकार्ट के डिस्‍काउंट की पोल

फेसबुक पर खुली फ्लिपकार्ट के डिस्‍काउंट की पोल

ई-काॅमर्स में धूम मचाने वाली फ्लिपकार्ट डिस्‍काउंट के नाम पर हेरा-फेरी की वजह से सोशल मीडिया के निशाने पर आ गई है। आराेप है कि फ्लिपकार्ट डिस्‍काउंट देने के नाम पर प्रोडक्‍ट की कीमत बढ़ा-चढ़ाकर बता रही है और खरीदारों को गुमराह किया जा रहा है। बिग बिलियन सेल के दौरान भी कंपनी पर इस तरह के आरोप लगे थे।
पंजाब सरकार अब सोशल मीडिया पर

पंजाब सरकार अब सोशल मीडिया पर

पंजाब सरकार ने सोशल मीडिया द्वारा राज्यों के लोगों से जुड़ने का फैसला किया है। इसके पीछे कारण है कि प्रदेश की जनता तक सरकार की योजनाएं पहुंचाई जा सकें और आम लोगों से सीधे बातचीत की जा सके। सरकार फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और वर्डप्रेस जैसे लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपनी बात रखेगी और जनता से मुखातिब होगी।
अमेरिका में 42 फीसदी बढ़ेगी भारतीय पर्यटकों की संख्‍या

अमेरिका में 42 फीसदी बढ़ेगी भारतीय पर्यटकों की संख्‍या

भारतीय पर्यटकों में अमेरिका का क्रेज बढ़ता जा रहा है। वहां इस साल भारतीय पर्यटकों की संख्‍या 42 फीसदी बढ़ने का अनुमान है। पिछले साल के मुकाबले करीब चार लाख ज्‍यादा भारतीय अमेरिका की सैर करेंगे।
मुख्यधारा का मीडिया भी फैला रहा है अफवाह

मुख्यधारा का मीडिया भी फैला रहा है अफवाह

सोशल मीडिया का इस्तेमाल किस प्रकार अफवाहें फैलाने के लिए किया जाता है यह हम अतीत में देख चुके हैं मगर अब मुख्यधारा का मीडिया भी इस प्रकार की गतिविधियों में लिप्त हो जाए तो लोगों को और अधिक सावधान रहने की जरूरत है।
मोदी की विदेश नीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं: चीनी मीडिया

मोदी की विदेश नीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं: चीनी मीडिया

चीन के सरकारी मीडिया में प्रकाशित एक आलेख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति में कोई नाटकीय सुधार नहीं होने और इसके सुरक्षा केंद्रित होने का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि चीनी नागरिकों को ई-वीजा मुहैया कराने का उनका फैसला अपर्याप्त है और इसका कारोबारी और कामकाजी वीजा तक विस्तार होना चाहिए।