पिछले महीने मंहगाई दर घटकर शून्य से 4.95 प्रतिशत नीचे चली गई। आज जारी हुए महंगाई के आंकड़ों में ऐतिहासिक गिरावट देखी गई। हालांकि इस दौरान प्याज और दलहन लगातार मंहगी हुई हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बातचीत के टलने के आसार लग रहे हैं क्योंकि दोनों ही पक्ष कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के मुद्दे पर उलझ गए हैं। भारत के सुझाव को दरकिनार करते हुए पाकिस्तान हुर्रियत नेताओं से मुलाकात पर अड़ा है।
देश में किसानों की आत्महत्या के मामलों में व्यापक कमी आने संबंधी केंद्र सरकार के दावों से उच्चतम न्यायालय आज संतुष्ट नहीं हुआ और उसने कहा कि एक भी ऐसा मामला नहीं होना चाहिए। साथ ही न्यायालय ने आठ साल पुरानी कृषि नीति पर फिर से गौर करने के बारे में केंद्र से जवाब मांगा है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक, सरकार ऐसी योजना लाने की तैयारी कर रही है जिसके तहत पुराने वाहन लौटाने पर डेढ़ लाख रुपये तक का प्रोत्साहन दिया जाएगा।
राजनीतिक-आर्थिक-सामाजिक सत्ता क्रम को नियंत्रित करने वाले वर्गों, समूहों, समुदायों और संस्थाओं के इस्तेमाल की भाषा में उनके वर्चस्ववादी पूर्वग्रहों के शब्द-संकेत देखे और व्याख्यायित किए जा सकते हैं। भारत की आजादी के 68 वर्ष बीतने पर हमारे राजनीतिक और सुरक्षा प्रतिष्ठानों के चालू विमर्श में हम ऐसे दो चलताऊ जुमलों की निशानदेही करना चाहेंगे जिनके निहितार्थ हमारी स्वतंत्रता सीमित करने के संदर्भ में गंभीर हैं।
दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति से संबंधित फाइल उप राज्यपाल की स्वीकृति हासिल करने के लिए नहीं भेजी, हर वर्ष नई आबकारी नीति लागू करने से पहले इसे उप राज्यपाल के पास स्वीकृति के लिए भेजा जाता है, लेकिन इस बार ऐसी कोई फाइल नहीं भेजी गई।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय बैंक अपनी नीतिगत ब्याज दर में कटौती करेगा, बशर्ते उसे यह भरोसा हो जाए कि इस कटौती के बाद भी मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से नीचे बनी रहेगी।
नीतिगत ब्याज दर तय करने के मामले में रिजर्व बैंक के गवर्नर के अधिकार में कटौती के प्रस्ताव वाले विधेयक के मसौदे पर सरकार पीछे हट गई है और उसने मंगलवार को कहा कि यह निष्कर्ष निकालना ठीक नहीं है कि वह केंद्रीय बैंक के गवर्नर के अधिकाराें में कमी करना चाहती है।
डा. एपीजे अब्दुल कलाम जिस दिन राष्ट्रपति पद की शपथ ले रहे थे उस समय मेरी डयूटी राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा में थी। दिल्ली पुलिस की नौकरी करते हुए मैं बहुत से लोगों की सुरक्षा में रहा लेकिन उस दिन पता नहीं क्यों मुझे लग रहा था कि आज जो आदर्श पुरूष देश के पहले नागरिक रूप में शपथ ले रहे हैं वह लोगों से बिल्कुल अलग हटकर हैं। मेरी अंर्तआत्मा से आवाज आई और कुछ शब्द कविता के रूप मैंने महामहिम डा. एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में लिखा।