Advertisement

Search Result : "विकास दुबे की पत्नी"

कामकाजी पत्नी पर वैचारिक कहानी - कशमकश

कामकाजी पत्नी पर वैचारिक कहानी - कशमकश

22 जुलाई सन 1979 को, उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के नेवादा गांव में जन्म। प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा वहीं। स्नातक और परास्नातक पूर्वांचल विश्वविद्यालय से। पूर्वांचल विश्वविद्यालय से ही ‘प्राचीन भारतीय ग्राम प्रशासन में ग्राम सभाओं की भूमिका’ विषय पर पी-एच. डी.। अनेक राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं (नया ज्ञानोदय, लमही, अक्षर पर्व, पाठ, अक्सर, संवदिया, प्रेरणा, प्रसंग, आधुनिक साहित्य, एक और अंतरीप, आज समाज, नेशनल दुनिया, असुविधा ब्लॉग, शब्दांकन) में रचनाएं। (अनुवाद, वार्ता, समीक्षा, कहानी, कविता, लेख) प्रकाशित। अनभै’ पत्रिका के पुस्तक-संस्कृति विशेषांक का सम्पादन। अनेक काव्य-पाठ कार्यक्रमों एवं साहित्यिक-गोष्ठियों में भागीदारी। साहित्यिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक विषयों से जुड़े अनेक राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय सेमिनारों में सक्रिय सहभागिता। साहित्य और ब्लॉग लेखन में विशेष रुचि। कहानी के लिए कलमकार सांत्वना पुरस्कार
मेरी लड़ाई गोगोई से नहीं बल्कि गरीबी और भ्रष्टाचार से है: मोदी

मेरी लड़ाई गोगोई से नहीं बल्कि गरीबी और भ्रष्टाचार से है: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम में चुनाव प्रचार करते हुए राज्य की कांग्रेस करकार पर जमकर हमला बोला। पीएम ने असम के तीव्र सर्वांगीण विकास का वादा करते हुए कहा कि उनकी लड़ाई मुख्यमंत्री तरूण गोगोई से नहीं बल्कि कांग्रेस शासित राज्य में गरीबी, भ्रष्टाचार और बर्बादी के खिलाफ है।
चर्चा : घुसपैठ से बड़ा मुद्दा विकास। आलोक मेहता

चर्चा : घुसपैठ से बड़ा मुद्दा विकास। आलोक मेहता

असम विधान सभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने दृ‌िष्टनकोण पत्र में बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों की घुसपैठ को प्रमुख मुद्दा बनाया है। घुसपैठ इस क्षेत्र की समस्या रही है, लेकिन इसे सांप्रदायिक रंग देना उचित नहीं लगता। खासकर यह आरोप लगाना कि तरुण गोगोई नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पिछले 15 वर्षों से घुसपैठ को बढ़वा दे रही थी।
किसानों और गांवों की समृद्धि से देश विकसित होगा- मोदी

किसानों और गांवों की समृद्धि से देश विकसित होगा- मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को किसानों, राज्यों और केंद्र सरकार सहित सभी हितधारकों से 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प‍ लेने का आह्वान किया।
कर्ज से उबरने के लिए पत्नी को बेचने का विज्ञापन दिया

कर्ज से उबरने के लिए पत्नी को बेचने का विज्ञापन दिया

कर्ज में डूबे 30 वर्षीय व्यक्ति ने रिश्तों की मर्यादा को तार-तार करते हुए अपनी पत्नी को एक लाख रुपये में बेचने का इश्तेहार सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर डाल दिया। इंदौर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। एरोडम पुलिस थाने के एक अधिकारी ने आज बताया कि फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने वाले दिलीप माली के खिलाफ उसकी पत्नी की शिकायत पर भारतीय दंड विधान की धारा 509 के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी की तलाश की जा रही है।
क्या स्मृति चाहतीं तो बच सकती थी डॉक्टर की जान

क्या स्मृति चाहतीं तो बच सकती थी डॉक्टर की जान

मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी नए विवाद में उलझती जा रहीं हैं। शनिवार की रात को यमुना एक्सप्रेस वे पर हुए एक हादसे में मारे गए एक चिकित्सक के बच्चों ने स्मृति के इस दावे को खारिज कर दिया कि उन्होंने घायलों की मदद करने और उन्हें अस्पताल पहुंचवाने के प्रयास किए थे।
भारतीय वैज्ञानिकों का डेंगू की दवा विकसित करने का दावा

भारतीय वैज्ञानिकों का डेंगू की दवा विकसित करने का दावा

भारतीय वैज्ञानिकों ने डेंगू की एक हर्बल दवा का विकास करने का दावा किया है जो डेंगू के खिलाफ लड़ाई में एक अहम सफलता हो सकती है। दुनिया भर में डेंगू के खतरे का सामना करने वाले 50 प्रतिशत लोग भारत में हैं।
राहुल गांधी की उम्र को लेकर स्मृति ईरानी ने किया कटाक्ष

राहुल गांधी की उम्र को लेकर स्मृति ईरानी ने किया कटाक्ष

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की उम्र को लेकर उनपर तीखा प्रहार किया। स्मृति ने शनिवार को एक कार्यक्रम में राहुल पर निशाना साधते हुए कहा कि वह एक एेसा नेता है जो अपने आप को युवा नेता बताता है लेकिन उसकी उम्र 50 साल के करीब है।
लापरवाही से हुई युवक की मौत पर मध्य प्रदेश सरकार को मानवाधिकार आयोग का नोटिस

लापरवाही से हुई युवक की मौत पर मध्य प्रदेश सरकार को मानवाधिकार आयोग का नोटिस

भोपाल में राज्य विधानसभा भवन के पास ही दुर्घटना के शिकार हुए युवक के प्रति पुलिस की असंवेदनशीलता और डॉक्टरी लापरवाही के चलते मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मध्यप्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
राजकोषीय घाटा नहीं, मांग बढ़ाने की चिंता जरूरी: प्रो. अरुण कुमार

राजकोषीय घाटा नहीं, मांग बढ़ाने की चिंता जरूरी: प्रो. अरुण कुमार

जाने-माने अर्थशास्त्री और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेवानिवृत प्रोफेसर अरुण कुमार देश में मौजूदा आर्थिक हालात को वैश्विक आर्थिक सुस्ती की देन मानते हैं। उनका यह भी मानना है कि हर सरकार राजकोषीय घाटा कम करने के लिए ही चिंतित रहती है और उसी मुताबिक बजट बनाकर किसी लक्ष्य तक पहुंचने में विफल रहती है। इसे वह गलत धारणा मानते हैं। आउटलुक के राजेश रंजन से बातचीत में उन्होंने रोजगार, घरेलु मांग, विकास दर आदि बढ़ाने पर जोर दिया।
Advertisement
Advertisement
Advertisement