आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर मई में घटकर 3.6 प्रतिशत रह गई है। खासतौर से कोयले और उर्वरक सेक्टर में कमजोरी के कारण वृद्धि दर में यह कमी आई है।
लखनऊ में दो पहिया वाहन चलाने वाले अगर बिना हेलमेट पहने चलेंगे तो उन्हें पेट्रोलपंप पर तेल नहीं मिलेगा। यह कदम पुलिस के आदेश के बाद लोगों की सुरक्षा के दृष्टि से आज से लागू किया गया है। वाहन चालकों की सुरक्षा के लिए चलाए गए इस अभियान के लिए ‘नो रुल, नो फ्यूल’ (नियम नहीं, तो ईंधन नहीं) का नारा दिया गया है।
मैकेंजी कंपनी के पूर्व प्रमुख रजत गुप्ता का मानना है कि भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग में दबाव में है। इसका कारण यह है कि इस क्षेत्र में तकनीक काफी आगे बढ़ गई है जबकि इसमें यहां निवेश नहीं किया गया है। न्यूयॉर्क में एनजीओ प्रथम द्वारा आयोजित एक चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि जिस गति से आईटी क्षेत्र में परिवर्तन हो रहे हैं भारत उसमें शामिल नहीं हो पा रहा है।
देश की शीर्ष नीति-निर्धारक नीति आयोग ने सुझाव दिया है कि इलेक्ट्रिक और साझा वाहनों के प्रयोग से आने वाले सालों में करीब 60 अरब डॉलर बचा सकता है। आयोग ने आज एक संयुक्त रिपोर्ट साझा कर इस बात का अनुमान लगाया है।
स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का आलम आज भी जस की तस है जबकि उत्तर प्रदेश की सत्ता अखिलेश सरकार से होकर योगी आदित्यनाथ के पास पहुंच चुकी है। इस दौरान सरकार बदलाव के तमाम बड़े दावे करे, लेकिन एक आम आदमी के द्वारा शव को अपने कंधे पर उठाकर ले जाना सभी दावों को ढेर करता दिख रहा है।
पाकिस्तान के अशांत उत्तरपश्चिमी कबाइली इलाके में एक यात्री वाहन को रिमोट बम से निशाना बनाए जाने पर छह बच्चों और दो महिलाओं समेत 10 लोग मारे गए और 13 अन्य घायल हो गए।
बिहार के मुजफ्फरपुर के पड़ोसी जिले सीतामढ़ी में आज सुबह कैदियों को ले जा रहे एक पुलिस वाहन और ट्रक के बीच टक्कर से पुलिस वाहन में सवार सात पुलिसकर्मियों और एक कट्टर नक्सली की मौत हो गई। छह लाोग घ्ाायल हैं।
फिल्म उद्योग में भाई-भतीजावाद पर बहस की शुरूआत करने वाली बिंदास अभिनेत्री कंगना रनौत का कहना है कि करण जौहर के चैट शो में उन्होंने जो टिप्पणी की थी वह उनका आकलन थी और इसका यह मतलब कतई नहीं है कि उन्हें फिल्मी हस्तियों की संतानों के बॉलीवुड का हिस्सा बनने पर कोई एतराज है। यह बात कंगना ने मंगलवार को मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान कही।
तेल, साबुन जैसे रोजमर्रा के उत्पादों से जुड़ा एफएमसीजी उद्योग भारत में सबसे ज्यादा वेतन देने वाला उद्योग बनकर उभरा है। इस उद्योग में सभी स्तरों और कामकाज को मिलाकर कंपनियों की औसत सालाना लागत 11.3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई।