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Search Result : "लोकतंत्र पर बहस"

लालू का उत्तराधिकारी जनता तय करेगी-पप्पू यादव

लालू का उत्तराधिकारी जनता तय करेगी-पप्पू यादव

राष्ट्रीय जनता दल के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने पार्टी प्रमुख लालू यादव के उत्तराधिकारी को लेकर साफ किया है कि उतराधिकारी का फैसला जनता करती है। यादव ने कहा कि लालू जी को इस बात को समझना चाहिए कि यह राजतंत्र नहीं है कि उन्होने वारिस का फैसला कर लिया। लोकतंत्र में राजनीतिक वारिस का फैसला जनता करती है।
आडवाणी की उपेक्षा कितनी जायज?

आडवाणी की उपेक्षा कितनी जायज?

भारतीय जनता पार्टी में इन दिनों अपने बुजुर्ग नेताओं की उपेक्षा का दौर चल रहा है। पहले बेंगलुरू में आयोजित पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में लालकृष्‍ण आडवाणी को बोलने का अवसर नहीं दिया गया जबकि इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ कि आडवाणी कार्यकारिणी की बैठक में हों और उनका संबोधन न हुआ हो।
विश्व क्रिकेट को कौन कर रहा है कंट्रोल

विश्व क्रिकेट को कौन कर रहा है कंट्रोल

आइसीसी के प्रेसीडेंट मुस्तफा कमाल के इस्तीफा देने से कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। वह इस बात से नाराज थे कि वर्ल्ड कप क्रिकेट ट्रॉफी उनके बदले आइसीसी चेयरमैन एन श्रीनिवासन ने विजेता टीम को सौंपी। पिछले कुछ अरसे से आइसीसी में भारत का बोलबाला लगातार बढ़ता जा रहा है। क्रिकेट के लिए भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पास अथाह पैसा। भारत में क्रिकेट में ढेर सारा काला धन और सटोरियों का पैसा लगा है। मैच फिक्सिंग और उसके पैसे की जड़ें भी भारत में ही हैं।
क्या आप यह कलंक धो पाएगी?

क्या आप यह कलंक धो पाएगी?

आम आदमी पार्टी में यानी आप में जिस तरह जूतम पैजार चल रही है इससे इतना साफ हो जाता है कि पार्टी नेतृत्व किसी भी तरह की आलोचना सुनने के लिए तैयार नहीं है। पार्टी के संस्थापक सदस्य प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, आनंद कुमार और अजीत झा को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाला जा चुका है। पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल और उनके गुट की निरंकुशता के किस्से मीडिया में आम हैं।
भू विधेयक पर अन्ना ने दी मोदी को बहस की चुनौती

भू विधेयक पर अन्ना ने दी मोदी को बहस की चुनौती

अन्ना हजारे ने कह है कि वह जमीन अधिग्रहण विधेयक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से खुली बहस करना चाहते है। फिलहाल राजग सरकार के संशोधित जमीन अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ अभियान चला रहे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने गुरूवार को इस प्रस्तावित कानून के विवादास्पद प्रावधानों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से खुली बहस करने को कहा है।
धर्मांतरण पर बहस चाहते हैं गृहमंत्री

धर्मांतरण पर बहस चाहते हैं गृहमंत्री

देश में भगवा खेमे की ओर से चलाए जा रहे घर वापसी कार्यक्रम और अल्पसंख्यकों के प्रार्थना गृहों पर लगातार हो रहे हमलों के बीच सोमवार को देश के के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने धर्मांतरण पर सवाल उठा दिया और धर्मांतरण रोकने के लिए कानून की वकालत की।
फेसबुक पर लिखने से रोकना अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है?

फेसबुक पर लिखने से रोकना अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है?

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बारे में फेसबुक पर कथित तौर पर आपत्तिजनक बयान पोस्ट करने के कारण उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा 66ए के तहत एक लड़के को गिरफ्तार करने का मामला चर्चा में है।
आप का एजेंडा क्या है

आप का एजेंडा क्या है

क्या आम आदमी पार्टी (आप) सचमुच लोकतांत्रिक मूल्यों या सामाजिक सरोकारों के लिए लड़ना चाहती है या जैसे-तैसे चुनाव जीतना ही इसका पहला मक़सद है? पार्टी के भीतर चल रही उथल-पुथल से यह अहम सवाल पैदा होता है।
भूषण ने फिर उठाया 'आप' में लोकतंत्र का मामला

भूषण ने फिर उठाया 'आप' में लोकतंत्र का मामला

आम आदमी पार्टी के असंतुष्ट नेता प्रशांत भूषण ने पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल को नया पत्र लिखकर उन मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित किया है जिन्हें वह उठाने की कोशिश करते रहे हैं। भूषण ने इन खबरों को भी खारिज कर दिया कि अगर केजरीवाल उनकी मांगों को मान लेते हैं तो वह राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटने को तैयार हैं।
‘आप’ का स्वराज कहां है भई?

‘आप’ का स्वराज कहां है भई?

भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति, प्रत्यक्ष लोकतंत्र (डायरेक्ट डेमोक्रेसी), स्वराज जैसे जुमलों को हवा में उछाल कर जिस तरह आम आदमी पार्टी यानी ‘आप’ दिल्ली की सत्ता में आई। उसे जनता के एक बड़े हिस्से ने भारतीय राजनीति में बदलाव की ताकत के तौर पर देखा। लेकिन पार्टी के मुख्य हीरो जिस तरह लगातार इन शब्दों का मजाक उड़ाते रहे उससे नाराज लोग अब सवाल उठाने लगे हैं कि यह आप का स्वराज है कहां? आप की भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति की पोल अब पूरी तरह खुल चुकी है। यह भी साबित हो चुका है कि पार्टी का केजरीवाल गुट किसी भी तरह से सत्ता में आना और बने रहना चाहता है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में जिस तरह से आपराधिक, धनबली और बाहुबली प्रत्याशियों को मैदान में उतारा गया उस पर सवाल तो उठे थे लेकिन केजरीवाल गुट के मीडिया मैनेजरों ने कभी भी इन्हें मुख्य सवाल नहीं बनने दिया। क्या अपराधियों और बाहुबलियों को साथ लेकर कोई भ्रष्टाचार विरोधी लड़ी जा सकती है। यह सवाल उठाना अब पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण को महंगा पड़ रहा है क्योंकि कल के उम्मीदवार आज चुनाव जीत चुके हैं और दोनों नेताओं को ठिकाने लगाने के लिए अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी कर रहे हैं।
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