प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्पष्ट कर दिया कि दलितों के लिए आरक्षण नीति में कोई बदलाव नहीं होगा। इस मुद्दे पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वियों को आड़े हाथ लिया और पुरजोर शब्दों में कहा कि दलितों से उनका यह अधिकार कोई नहीं छीन सकता।
ओबामा प्रशासन ने शनिवार को कहा कि उसने पाकिस्तान को लगभग 70 करोड़ डॉलर कीमत के आठ एफ-16 लड़ाकू विमान बेचने का फैसला किया है। परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम इन लड़ाकू विमानों की बिक्री के प्रस्ताव को रिपब्लिकनों के नियंत्रण वाली कांग्रेस में अवरोध का सामना करना पड़ सकता है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सम-विषम योजना फिर शुरू हो सकती है। बताया जा रहा है कि योजना की दूसरी पारी के तारीखों की घोषणा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुरुवार को कर सकते हैं।
वरिष्ठ नौकरशाह अमिताभ कांत का मानना है कि भारत जैसे लोकतंत्र में अगर कुछ लोग चाहते हों तो उन्हें बीफ सेवन की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंसद की आजादी होनी चाहिए।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दूसरे कार्यकाल में ब्लॉक आवंटित होने के बाद भी कई तरह की मंजूरी से परेशान परियोजना बीच में ही छोड़ कर चली गईं कई गैस खनन कंपनियां
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आगामी वित्त वर्ष में त्वरित वृद्धि के लिए ढांचागत सुधारों को जारी रखने का संकल्प लेते हुए आज कहा कि भारत में 8-9 प्रतिशत वृद्धि दर हासिल करने की क्षमता है तथा उंची वृद्धि दर से ही गरीबी मिट सकती है। उन्होंने संकेत दिया कि आगामी बजट में लोकलुभावन नीतियों के बजाय ढांचागत सुधारों पर ध्यान दिया जाएगा।
अमेरिका में आए बर्फीले तूफान स्नोजिला ने पूरे ईस्ट कोस्ट में जनजीवन लगभग अस्त व्यस्त कर दिया। इससे कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई और करीब 8.5 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं जिसके चलते 10 राज्यों में आपातस्थिति घोषित करनी पड़ी है।
‘योजना भवन’ की दीवार पोतकर ‘नीति आयोग’ का बोर्ड लगाने की पहली वर्षगांठ पर रोशनी और धूमधाम की तैयारी नहीं हो रही है। ‘नीति सम्राट’ आयोग के कामकाज और अब तक की ढिलाई से अप्रसन्न हैं। नवगठित आयोग में मुख्यमंत्रियों के उपसमूहों की रिपोर्ट अवश्य बनती गई, लेकिन अफसरों-बाबुओं ने पूरे एक वर्ष में केवल एक रिपोर्ट सरकार को दी। अब एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी अमिताभ कांति को मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनाया गया है, ताकि पूंजी निवेश और वितरण की योजना एवं व्यवस्था को पश्चिमी देशों की तर्ज पर आगे बढ़ाया जा सके।
देश के अहम मुस्लिम संगठनों की प्रतिनिधि संस्था, ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस ए मुशावरत का मानना है कि मुसलमानों के लिए शिक्षा क्षेत्र में आरक्षण की बेहद जरूरत है। मुशावरत ने विभिन्न क्षेत्रों में मुसलमानों के पिछड़ेपन की वजह अब तक की सरकारों की नीतियों को बताया है।