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गुजरात के हालात के लिए बेन के 2 साल नहीं, मोदी के 13 साल जिम्‍मेदार : राहुल

गुजरात के हालात के लिए बेन के 2 साल नहीं, मोदी के 13 साल जिम्‍मेदार : राहुल

आनंदीबेन पटेल के गुजरात के मुख्यमंत्री पद से हटने संबंधी फैसला लेने के एक दिन बाद राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि किसी को बलि का बकरा बना देने से भाजपा स्वयं को राज्य में नहीं बचा पाएगी क्योंकि राज्य के जलने के लिए नरेंद्र मोदी का 13 साल का शासन जिम्मेदार है। गांधी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर कहा, गुजरात के जलने के लिए आनंदीबेन का दो साल का शासन नहीं, बल्कि मोदी शासन के 13 साल जिम्मेदार हैं।
लखनऊ में नीतीश ने दिए नए सियासी समीकरणों के संकेत

लखनऊ में नीतीश ने दिए नए सियासी समीकरणों के संकेत

बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने नए सियासी समीकरणों का संकेत देते हुए मंगलवार को उत्तर प्रदेश में कहा कि देश में दलितों को उनका हक दिलाने के लिए अभी बहुत लड़ाई बाकी है और यदि मौका मिला तो वह बीएस-4 के साथ मिलकर इस लड़ाई को आगे बढ़ाएंगे।
‘ दलित महिलाओं के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग नई बात नहीं ’

‘ दलित महिलाओं के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग नई बात नहीं ’

भारतीय जनता पार्टी के नेता दयाशंकर सिंह ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती के बारे में जैसे ही अभद्र भाषा का प्रयोग किया वैसे ही लखनऊ समेत पूरे देश की दलित राजनीति में उबाल आ गया। देश भर में बहुजन समाजवादी पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं का सड़कों पर हुजूम बताता है कि भाजपा दलित मुद्दे पर चारों ओर से घिर गई है। गुजरात में गाय वाले मसले पर पहले से ही दलित आंदोलन जारी था कि दयाशंकर की इस टिप्पणी ने जलती आग में घी डाल दिया। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी गुजरात के ऊना में पीड़ितों से मुलाकात की। हालांकि भाजपा ने दयाशंकर को सभी पदों से हटा दिया है और उसे छह वर्ष के लिए पार्टी से भी निष्कासित कर दिया है। देखा जाए तो दलितों की पिटाई का मामला हो या नेताओं द्वारा दलित महिलाओं को अपशब्द बोलने का, यह देश में कोई नई बात नहीं है।
गुजरातः सड़कों पर उतरे दलित, हाईवे जाम, आगजनी

गुजरातः सड़कों पर उतरे दलित, हाईवे जाम, आगजनी

गुजरात के सौराष्ट्र में दलितों के प्रदर्शन की वजह से स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। राज्य के वेरावल में दलितों की पिटाई का वीडियो वायरल होने और दलितों के उग्र प्रदर्शन के बाद यह स्थिती पनपी। वेरावल, राजकोट, सुरेंद्र नगर और गोंडल पूरी तरह प्रभावित हैं।
पीएम की सिफारिश के बाद भी बढ़ई को नहीं मिला बैंक से लोन

पीएम की सिफारिश के बाद भी बढ़ई को नहीं मिला बैंक से लोन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सिफारिश भी लकड़ी की शीट पर गीता उकेरने वाले बेरोजगार बढ़ई संदीप सोनी के काम नहीं आई। अपना रोजगार खड़ा करने के लिए आज चार महीने बाद भी वह सरकारी कार्यालयों और बैंको के चक्कर काट रहा है। संदीप को अभी तक प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत बैंक मदद नही कर रहे हैं।
दादरी कांड: कोर्ट ने दिया अखलाक के परिवार के खिलाफ एफआईआर का आदेश

दादरी कांड: कोर्ट ने दिया अखलाक के परिवार के खिलाफ एफआईआर का आदेश

दादरी के अखलाक हत्याकांड में गुरूवार को एक नया मोड़ आ गया जब एक स्थानीय अदालत ने कथित गौकशी के मामले में अखलाक के परिवार के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दे दिया।
राष्ट्रवाद पर लिखते हों तो संघ की बैठक में स्वागत है

राष्ट्रवाद पर लिखते हों तो संघ की बैठक में स्वागत है

कानपुर में चल रही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की बैठक में हर दिन अलग-अलग मुद्दों पर चिंतन हो रहा है। उत्तर प्रदेश चुनाव के अलावा कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर संघ काम कर रहा है।
कांग्रेस की त्रिमूर्ति संभालेगी उप्र चुनाव

कांग्रेस की त्रिमूर्ति संभालेगी उप्र चुनाव

अगले वर्ष होने वाले उत्तर प्रदेश चुनावों में कांग्रेस के प्रचार की कमान मुख्य़तौर पर प्रियंका गांधी , दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद के हवाले रहेगी। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश और पंजाब चुनावों में पार्टी के रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सुझाव दिया था कि वह चाहते हैं कि कांग्रेस की ओर से इस त्रिमूर्ति को उत्तर प्रदेश के चुनावी रण में प्रचार के लिए उतारा जाए। प्रशांत के अनुसार चूंकि भौगोलिक दृष्टि से उत्तर प्रदेश काफी बड़ा राज्य है इसलिए इलाहाबाद और उसके आसपास की कमान प्रियंका गांधी, लखनऊ और उसके आसपास की कमान शीला दीक्षित के हवाले रहेगी। गुलाम नबी आजाद पूरे राज्य में घूमेंगे। उनके पास अल्पसंख्यक समुदाय को रिझाने का जिम्मा भी रहेगा। सूत्रों का कहना है कि पार्टी हाईकमान ने उनके इस सुझाव हो हरी झंडी दे दी है।
नए एलआईसी प्रमुख का चयन अगले महीने तक

नए एलआईसी प्रमुख का चयन अगले महीने तक

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के प्रमुख एस. के. रॉय द्वारा अपना कार्यकाल खत्म होने से पहले इस्तीफा दिए जाने के चलते सरकार जल्द ही निगम के नए प्रमुख को चुनने की प्रक्रिया शुरू करेगी और इस पर अंतिम निर्णय अगले महीने तक ले लिया जाएगा।
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