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Search Result : "रोजगार संकट"

राजकोषीय घाटा नहीं, मांग बढ़ाने की चिंता जरूरी: प्रो. अरुण कुमार

राजकोषीय घाटा नहीं, मांग बढ़ाने की चिंता जरूरी: प्रो. अरुण कुमार

जाने-माने अर्थशास्त्री और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेवानिवृत प्रोफेसर अरुण कुमार देश में मौजूदा आर्थिक हालात को वैश्विक आर्थिक सुस्ती की देन मानते हैं। उनका यह भी मानना है कि हर सरकार राजकोषीय घाटा कम करने के लिए ही चिंतित रहती है और उसी मुताबिक बजट बनाकर किसी लक्ष्य तक पहुंचने में विफल रहती है। इसे वह गलत धारणा मानते हैं। आउटलुक के राजेश रंजन से बातचीत में उन्होंने रोजगार, घरेलु मांग, विकास दर आदि बढ़ाने पर जोर दिया।
जल संकट: कल बंद रहेंगे दिल्ली के स्कूल

जल संकट: कल बंद रहेंगे दिल्ली के स्कूल

जाट आंदोलन के कारण हरियाणा से जल आपूर्ति में कटौती किए जाने पर दिल्ली सरकार ने कल राजधानी में स्कूलों को बंद रखने की घोषणा की है। यह घोषणा जल संकट से निपटने के लिए शहर में पानी के नियंत्रित वितरण की नीति के तहत की गई है।
जाट आंदोलनः दिल्ली में जल संकट का अंदेशा

जाट आंदोलनः दिल्ली में जल संकट का अंदेशा

हरियाणा में जाट आंदोलन से एक दो दिन में दिल्ली में जलापूर्ति के उल्लेखनीय रूप से प्रभावित होने के अंदेशों के मद्देनजर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली जल बोर्ड (डीजीबी) को निर्देश दिया वह संकट पर तत्काल सुनवाई का आग्रह करते हुए उच्चतम न्यायालय जाए।
किसानों में आत्महत्या बन गई है फैशन: भाजपा सांसद

किसानों में आत्महत्या बन गई है फैशन: भाजपा सांसद

भाजपा के सांसद गोपाल शेट्टी ने आज एक विवादास्पद टिप्पणी करते हुए किसानों की आत्महत्या को जिंदगी खत्म करने का फैशन करार दिया है। यह टिप्पणी ऐसे समय पर आई है कि जब कृषि संकट से जूझ रहे महाराष्ट्र में इस साल जनवरी से अब तक 124 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
हर रोज ढाई हजार किसान छोड़ रहे हैं खेती

हर रोज ढाई हजार किसान छोड़ रहे हैं खेती

घाटे का सौदा होने के कारण हर रोज ढाई हजार किसान खेती छोड़ रहे हैं। और तो और देश में अभी किसानों की कोई एक परिभाषा भी नहीं है। वित्तीय योजनाओं, राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो और पुलिस की नजर में किसान की अलग-अलग परिभाषाएं हैं। एेसे में किसान हितों से जुड़े लोग सवाल उठा रहे हैं कि कुछ ही समय बाद पेश होने वाले आम बजट में गांव, खेती और किसान को बचाने के लिए क्या पहल होगी।
दलितों और मुस्लिमों के पिछड़ेपन की अहम वजह है भेदभाव: थोराट

दलितों और मुस्लिमों के पिछड़ेपन की अहम वजह है भेदभाव: थोराट

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव थोराट ने दूसरे वर्गों के मुकाबले दलितों और मुसलमानों के शिक्षा, रोजगार एवं राजनीतिक प्रतिनिधित्व में पिछड़े होने का दावा करते हुए शनिवार को कहा कि इस पिछड़ेपन की सबसे बड़ी वजह इन दोनों समुदायों के साथ होने वाला कथित भेदभाव है।
अरूणाचल में भाजपा सरकार नहीं, हम अब भी कांग्रेस में: विद्रोही गुट

अरूणाचल में भाजपा सरकार नहीं, हम अब भी कांग्रेस में: विद्रोही गुट

अरूणाचल प्रदेश में असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने आज पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी को पार्टी विधायक दल के नेता पद से हटाने की मांग की ताकि पार्टी की सरकार बनी रह सके। इस के साथ ही विद्रोही विधायकों ने भाजपा नीत गठबंधन को समर्थन देने की संभावना से भी इंकार किया है।
अरुणाचल के राजनीतिक संकट का मसला संविधान पीठ को

अरुणाचल के राजनीतिक संकट का मसला संविधान पीठ को

उच्चतम न्यायालय ने अरुणाचल प्रदेश में चल रहे राजनीतिक संघर्ष के संदर्भ में गुवाहाटी उच्च न्यायालय के कुछ आदेशों से संबंधित याचिकाओं को आज संविधान पीठ को सौंप दिया। न्यायमूर्ति जे.एस. खेहड़ और न्यायमूर्ति सी. नागप्पन की पीठ ने कहा कि यह मामला राज्यपाल, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के अधिकारों के सांविधानिक प्रावधानों से संबंधित है। इसलिए इस पर वृहद पीठ द्वारा विचार की आवश्यकता है।
सूखे पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों से 10 दिन में जवाब मांगा

सूखे पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों से 10 दिन में जवाब मांगा

देश भर में सूखे की स्थिति से निपटने के लिए केंद्र और राज्‍य सरकाराें द्वारा उठाए जा रहे कदमों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सख्‍त रुख दिखाया है। स्‍वराज अभियान की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने केंद्र और 11 राज्यों को अगले 10 दिनों के भीतर इस मुद्दे पर जवाब देने को कहा है।
गलतफहमी फैलाने के लिए जुकरबर्ग को भी 'किसान' ही मिला!

गलतफहमी फैलाने के लिए जुकरबर्ग को भी 'किसान' ही मिला!

भूखमरी और कंगाली के बीच खुदकुशी को मजबूर भारतीय किसानों की दस्‍तान पुरानी पड़ चुकी है। अब नई तस्‍वीर देखिए। देश के प्रमुख अखबारों के पहले पन्‍नों पर सपरिवार मुस्‍कुराता किसान। हाव-भाव से गरीब लेकिन चेहरे पर 'खुशहाल किसान' वाली चिर-परिचित स्‍माइल। बच्‍चा नंगे पांव लेकिन मुस्‍कान भरपूर। ये फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग का किसान है जो कृषि संकट भूल नेट निरपेक्षता की बहस को निपटज्ञने का मोहरा बन गया है। ये काम भारत का किसान ही कर सकता है।