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मिसाइल शक्ति ने चीन को बनाया बड़ी ताकत: शी चिनफिंग

मिसाइल शक्ति ने चीन को बनाया बड़ी ताकत: शी चिनफिंग

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा है कि देश के विकसित होते मिसाइल अस्त्रागार को संभालने वाली पीएलए की नवगठित रॉकेट फोर्स ने युद्ध संबंधी धमकियों को विफल करते हुए एक बड़ी शक्ति बनने में एक अद्वितीय भूमिका निभाई है।
हाइड्रोजन बम के बाद उत्तर कोरिया ने अंतरिक्ष में दागा राॅकेट

हाइड्रोजन बम के बाद उत्तर कोरिया ने अंतरिक्ष में दागा राॅकेट

उत्तर कोरिया ने रविवार को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय जगत को हैरत में डालते हुए नाराज कर दिया। उत्तर कोरिया ने एक सरकारी समाचार एजेंसी के जरिये ऐलान किया कि उसने रॉकेट प्रक्षेपण के जरिए एक उपग्रह को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया है। उत्तर कोरिया के रॉकेट प्रक्षेपण की निंदा बैलिस्टक मिसाइल के परीक्षण के तौर पर की जा रही है, जिसकी जद में अमेरिका आता है।
भारत ने किया क्रूज मिसाइलों को भेदने वाले 'आकाश' का परीक्षण

भारत ने किया क्रूज मिसाइलों को भेदने वाले 'आकाश' का परीक्षण

अपनी सैन्य क्षमता में इजाफा करते हुए भारत ने आज लड़ाकू विमानों और क्रूज मिसाइलों को हवा में भेदकर गिराने की क्षमता वाले 'आकाश' मिसाइल का परिक्षण किया। यह मिसाइल पूरी तरह से स्वदेश में विकसित है।
इतिहास को इतिहास की तरह देखिए

इतिहास को इतिहास की तरह देखिए

संतरा संतरा है और अमरूद अमरूद। संतरे में अमरूद का स्वाद और तासीर तलाशें तो यह संतरे के साथ अन्याय है। इसी तरह अगर अमरूद में संतरे का स्वाद और तासीर तलाशें तो यह अमरूद के साथ अन्याय है। संतरे को संतरे की तरह ही खाइए और अमरूद को अमरूद की तरह।
अगले महीने अंतरिक्ष में भारत की बड़ी छलांग

अगले महीने अंतरिक्ष में भारत की बड़ी छलांग

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्‍थान (इसरो) अगले महीने ऐसे रॉकेट का प्रक्षेपण करने वाला है जिसे दोबारा इस्तेमाल में लाया जा सके। अगर भारत का यह प्रक्षेपण सटीक रहा तो भविष्य में उपग्रहों को अंतरिक्षण में भेजने की लागत में बहुत कमी हो जाएगी क्योंकि हर बार नया रॉकेट नहीं इस्तेमाल करना पड़ेगा।
ब्रमोस पर लिखी किताब का रूसी अनुवाद

ब्रमोस पर लिखी किताब का रूसी अनुवाद

ब्रमोस क्रूज मिसाइल पर अंग्रेजी में लिखी गई अपातुकता शिवतनु पिल्लै की किताब का रूसी भाषा में अनुवाद किया जाएगा और इसके लिए कार्य शुरू हो चुका है।
तो सिर्फ 39 दिनों में पहुंचेंगे मंगल पर

तो सिर्फ 39 दिनों में पहुंचेंगे मंगल पर

एक अमेरिकी कंपनी ऐसा युगांतरकारी इंजन बना रही है जिससे मानव केवल 39 दिनों में मंगल पर पहुंच सकता है। नासा ने इसके लिए कंपनी को एक करोड़ डॉलर का अनुदान दिया है।
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