राष्ट्रपिता महात्मा गांधी कॉमिक्स के पन्नों पर दिखेंगे। अहमदाबाद के प्रकाशक नवजीवन ट्रस्ट ने महात्मा गांधी की जीवनी पर आधारित कॉमिक्स श्रृंखला छापने की योजना बनाई है।
अक्सर विवादित और भड़काऊ बयान देने वाले भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर निर्माण पर जबरदस्त हुंकार भर दी है। उन्हाेंने धमकी भरे लहजे में कहा कि राम मदिर का निर्माण करने से अब कौन रोकेगा, जब चाहें तब मंदिर का निर्माण कर लिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अयोध्या मुद्दा जहां फिर सुर्खियों में है, वहीं एक पूर्व आईपीएस अधिकारी द्वारा लिखी गई किताब में दावा किया गया है कि अयोध्या में राम मंदिर बाबर के शासनकाल के दौरान नहीं, बल्कि औरंगजेब के शासनकाल में तोड़ा गया था।
अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा, तो आंध्रप्रदेश के तिरूपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर मध्य प्रदेश के महाकालेश्वर मंदिर समेत छह देवालयों के नाम डी-मैट खाते खोले जायेंगे। इन खातों के खुलने के बाद भक्त अपने इष्ट को शेयर और प्रतिभूतियां भी दान कर सकेंगे जिससे मंदिरों की आय में इजाफा होगा।
न्यायाधीशों के प्रति संपूर्ण समाज में सर्वाधिक सम्मान होता है। निचली अदालतों के फैसलों को चुनौती दी जाती है और अंतिम सीढ़ी यानी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को स्वीकारा जाता है। कभी कभार बेहद मजबूरी होने पर राष्ट्रपति के दरवाजे खटखटाए जाते हैं। अदालतों को न्याय का मंदिर ही माना जाता है।
दिल्ली विधानसभा में भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने शुक्रवार को सदन में विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया और मेज पर चढ़ गए। गुप्ता के इस कृत्य की काफी आलोचना हुई और विधानसभाध्यक्ष राम निवास गोयल ने इसे अत्यंत शर्मनाक करार दिया और कहा कि इससे सदन की बदनामी हुई है।
आउटलुक हिंदी ने अपनी वेबसाइट पर तीन जून को वरिष्ठ पत्रकार और इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स के अध्यक्ष राम बहादुर राय के इंटरव्यू के आधार पर खबर प्रकाशित की थी। आउटलुक की प्रज्ञा सिंह ने उनसे लंबी बातचीत की थी, जो आउटलुक पत्रिका (अंग्रेजी) के 13 जून, 2016 के अंक में प्रकाशित हुई।
कंबोडिया सरकार के अंगकोर सलाहकार प्रो. सच्चिदानंद सहाय खमेर इतिहास में टूटी हुई कड़ियों को जोड़ना चाहते हैं। वह यहां इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) में इस बारे में एक व्याख्यान के सिलसिले में आए थे। उन्होंने कहा, दक्षिण पूर्व एशियाई देश कंबोडिया को विभिन्न महाद्वीपों में उसके प्राचीनतम अंगकोर मंदिरों के लिए जाना जाता है। वास्तुकला के मामले में यह मंदिर दक्षिण भारत के तमिलनाडु के पल्लव और चोल मंदिरो के समान है लेकिन यह कहानी का सिर्फ एक पहलू है।