लखनऊ के ऐशबाग मैदान में दशहरे के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता को संदेश दिया है कि अनाचार, अत्याचार रूपी रावण को खत्म करने के लिए लोगों को अपने अंदर बदलाव लाने की जरूरत है। उन्होंने रामायण में जटायु का जिक्र करते हुए कहा कि सीता हरण के दौरान रावण से संघर्ष कर अपने प्राण गंवाने वाला जटायु आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का पहला योद्धा था।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पूर्व नेताओं का इधर-उधर होना जारी है। बसपा के दो प्रमुख नेताओं ने पार्टी छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया है। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव बृज लाल खाबरी के अलावा पूर्व मंंत्री ध्रुव राम है।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने पाक अधिकृत कश्मीर में अंजाम दिए गए लक्षित हमले के लिए भारतीय सेना की जमकर तारीफ की। उन्होंने इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रही भाजपा का मजाक उड़ाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लखनऊ में दशहरा मनाने की योजना पर शिवसेना ने कटाक्ष किया है। शिवसेना ने कहा है कि लखनऊ जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनाने की घोषणा करें। पार्टी के मुखपत्र की संपादकीय में लिखा है कि प्रधानमंत्री का अगला लक्ष्य पाक अधिकृत कश्मीर और बलूचिस्तान की स्वतंत्रता है। इसलिए अगर मोदी बलूचिस्तान में दीवाली मनाएं तो हमें कोई आश्चर्य नहीं होगा।
भाजपा की लंबे समय से सहयोगी शिवसेना ने लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दशहरा मनाने की योजना पर कटाक्ष किया है। शिवसेना ने कहा है कि लखनऊ जाकर मोदी अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनाने की घोषणा करें।
उर्दू भाषा में कहानियां बयान करने की विधा दास्तानगोई 20वीं सदी की शुरूआत की कई महान हस्तियों की जिंदगी के सफर को समेटे हुए है जिनमें गांधी के मोहनदास से महात्मा बनने की कहानी भी शामिल है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज केंद्र सरकार से पूछा कि अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को दी जानी वाली छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य क्यों है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अपने बलबूते लड़ने का एलान कर चुके राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) अध्यक्ष अजित सिंह ने आज अपना रुख बदलते हुए डॉ. राम मनोहर लोहिया और चौधरी चरण सिंह की नीतियों में विश्वास रखने वाले दलों को आपसी मतभेद भुलाकर एक मंच पर आने का आग्रह किया।
हरियाणा सरकार के अधीन आने वाले गौ सेवा आयोग ने अब राज्य में गौ विश्वविद्यालय खोलने का प्रस्ताव दिया है। इसके पीछे प्रमुख तर्क यह है कि इस विश्वविद्यालय में गाय के दूध, मूत्र और गोबर पर रिसर्च तो होगा ही साथ ही गौ पालन के प्रति लोगों का झुकाव भी बढ़ेगा। इसके लिए पांच सौ एकड़ जमीन की आवश्यक्ता बताई जा रही है।