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Search Result : "राज्यमंत्री संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय"

चीन ने अमेरिका को चेताया, भारत के साथ सीमा विवाद में दखल न दे

चीन ने अमेरिका को चेताया, भारत के साथ सीमा विवाद में दखल न दे

भारत में अमेरिका के राजदूत द्वारा अरूणाचल प्रदेश का दौरा किए जाने पर चीन ने कड़ा एतराज जताते हुए अमेरिका को चेतावनी दी है कि चीन-भारत सीमा विवाद में उसका कोई भी हस्तक्षेप इस विषय को और भी पेचीदा बनाएगा और सीमा पर कड़ी मेहनत से हासिल की गई शांति में खलल डालेगा। हालांकि भारत ने चीन की प्रतिक्रिया पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा है कि अरूणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और इसलिए अमेरिकी राजदूत के वहां का दौरा करने में कुछ भी गलत नहीं है।
अंग्रेजी के ‌लिए सर्जिकल आपरेशन जरूरी

अंग्रेजी के ‌लिए सर्जिकल आपरेशन जरूरी

अंग्रेजी, फ्रेंच, स्पेनिश, चाइनीज, जर्मन जैसी हर भाषा के अच्छे ज्ञान का सदैव स्वागत होना चाहिए। लेकिन भारत जैसे देश में अंग्रेजी की अनिवार्यता राजनीतिक मजबूरियों और ब्रिटिश विरासत में मिले बाबुई तंत्र के कारण 70 वर्षों में समाप्त नहीं हो सकी।
संघ से जुड़े संगठन की मंशा, अंग्रेजी को दबा मातृ भाषा पर दिया जाए जोर

संघ से जुड़े संगठन की मंशा, अंग्रेजी को दबा मातृ भाषा पर दिया जाए जोर

आरएसएस से जुड़े संगठन शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की मंशा है कि स्कूलों में उच्च शिक्षा तक मातृ भाषा में ही बच्चों को सभी निर्देश दिए जाएं। न्‍यास ने नई शिक्षा नीति की सिफारिश में इस तरह की इच्‍छा व्‍यक्‍त की है। सिफारिश मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजी गई है। संगठन चाहता है कि जल्द लागू होने वाली नई शिक्षा नीति में उसकी सिफारिशों पर गौर करते हुए अंग्रेजी की जगह मातृ भाषा को बढ़ावा जाए।
कैंसर रोकथाम और अनुसंधान के लिए एनआईसीपीआर और एआईआईए में समझौता

कैंसर रोकथाम और अनुसंधान के लिए एनआईसीपीआर और एआईआईए में समझौता

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के स्वायत्त संस्थान राष्ट्रीय कैंसर रोकथाम और अनुसंधान संस्थान (एनआईसीपीआर) और आयुष मंत्रालय के स्वायत्त संस्थान अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) के बीच एक सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया।
पाक कलाकारों के विवाद पर बड़े अंबानी बोले, कला संस्कृति से पहले देेश की बात हो

पाक कलाकारों के विवाद पर बड़े अंबानी बोले, कला संस्कृति से पहले देेश की बात हो

भारत में पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध के मुद्दे पर जारी बहस के बीच रिलायंस इंड्रस्टी के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने कहा कि पहले देश की बात होनी चाहिए न कि कला और संस्कृति की। अंबानी ने कहा, ‘‘मैं निश्चित रूप से एक बात को लेकर स्पष्ट हूं कि मेरे लिए देश पहले है। मैं एक बौद्धिक व्यक्ति नहीं हूं, एेसे में, मैं इन चीजों को नहीं समझता हूं लेकिन निसंदेह सभी भारतीयों की तरह मेरे लिए भारत सबसे पहले है।’’
तेल एवं गैस कारोबार से हट नहीं रही एस्सार: रुइया

तेल एवं गैस कारोबार से हट नहीं रही एस्सार: रुइया

अपनी तेल रिफाइनरी रूस की रोजनेफ्ट व भागीदारों को बेचने का सौदा करने वाले एस्सार समूह ने कहा है कि वह तेल एवं गैस के कारोबार से हट नहीं रहा है इस बिकी से उसकी अंशधारक कंपनी के कर्ज को कम करने में मदद मिलेगी।
नियमों की अवमानना : कंपनी रजिस्‍ट्रार ने डीडीसीए को जारी किया नोटिस

नियमों की अवमानना : कंपनी रजिस्‍ट्रार ने डीडीसीए को जारी किया नोटिस

कारपोरेट मंत्रालय के कंपनी रजिस्‍ट्रार ने कंपनी अधिनियम के सेक्‍शन 137,92 और 96 के तहत नियमों का पालन नहीं करने के एवज में दिल्‍ली डिस्टि्रक क्रिकेट एसोसिएशन डीडीसीए को नोटिस जारी किया है।
जाट आरक्षण आंदोलन: हिंसा के लिए सीबीआई ने दर्ज किए तीन मामले

जाट आरक्षण आंदोलन: हिंसा के लिए सीबीआई ने दर्ज किए तीन मामले

सीबीआई ने इस साल फरवरी में रोहतक में हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा एवं आगजनी की घटनाओं की जांच के लिए आज तीन मामले दर्ज किए। इनमें हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का घर जलाए जाने की घटना से संबंधित मामला भी शामिल है।
जेएनयू में योग और सांस्कृतिक पाठ्यक्रम का प्रस्ताव फिर हुआ खारिज

जेएनयू में योग और सांस्कृतिक पाठ्यक्रम का प्रस्ताव फिर हुआ खारिज

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के शीर्ष निर्णायक निकाय अकादमिक काउंसिल ने एक बार फिर भारतीय संस्कृति और योग में अल्पकालिक पाठ्यक्रम शुरू करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। यह प्रस्ताव विश्वविद्यालय प्रशासन ने दिया था। बताया जा रहा है कि आरएसएस और अन्य दक्षिणपंथी संगठनों के दबाव में इन विषयों में पाठ्टक्रम शुरू रने का प्रसताव तैयार किया गया है।
छत्तीसगढ़ के बस्तर में 75 दिनों तक चलता है विश्व प्रसिद्ध दशहरा

छत्तीसगढ़ के बस्तर में 75 दिनों तक चलता है विश्व प्रसिद्ध दशहरा

छत्तीसगढ़ के बस्तर में 75 दिनों तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध दशहरा के लिए इन दिनों लगभग 34 गांवों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। यहां रथ खींचने का अधिकार केवल किलेपाल के माड़िया लोगों को ही है। रथ खींचने के लिए जाति का कोई बंधन नहीं है। हर गांव से परिवार के एक सदस्य को रथ खींचना ही पड़ता है। इसकी अवहेलना करने पर परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए जुर्माना लगाया जाता है।