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Search Result : "राजीव बनर्जी"

जरूरी है खेती और उद्योग

जरूरी है खेती और उद्योग

ममता बनर्जी लंबे राजनीतिक अनुभव से बहुत व्यावहारिक होती जा रही है। केजरीवाल की तरह वह सत्ता में रहकर भी हड़ताली आंदोलनकर्ता नहीं रह सकती। इसीलिए बंगाल में सिंगूर के किसानों के लिए संघर्ष की पृष्ठभूमि के बावजूद उन्होंने किसानों को खेती की जमीन लौटाने के साथ टाटा ग्रुप या अन्य उद्योगपतियों को प्रदेश में बड़े उद्योग लगाने के ‌लिए समुचित जमीन और सुविधाएं देने की पहल की है। ममता जबरन जमीन के अधिग्रहण करके उद्योग लगाने की प्रवृत्ति को अनुचित मानती है।
सर्बिया के निर्देशक ने उत्तराखंड को विश्व सिनेमा के मानचित्र पर उकेरा

सर्बिया के निर्देशक ने उत्तराखंड को विश्व सिनेमा के मानचित्र पर उकेरा

सर्बिया के जाने-माने निर्देशक गोरन पास्कलजेविक ने अपनी हालिया फिल्म देव भूमि के जरिये उत्तराखंड को विश्व मानचित्र पर उकेरा है।
सिंगुर में ममता ने किसानों को जमीन लौटाई, कंपनियों को दिया निमंत्रण

सिंगुर में ममता ने किसानों को जमीन लौटाई, कंपनियों को दिया निमंत्रण

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को सिंगूर में किसानों को जमीनों के पर्चा नामक कागजात और चेक सौंपे और कंपनियों को यह संदेश भेजा कि राज्य में वाहन उद्योग स्थापित करने की इच्छा रखने वाली किसी भी कंपनी का स्वागत है।
भाजपा का आरोप, राजीव गांधी फाउंडेशन को नाइक ने चंदे के रूप में रिश्वत दिया

भाजपा का आरोप, राजीव गांधी फाउंडेशन को नाइक ने चंदे के रूप में रिश्वत दिया

भाजपा ने शनिवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) को विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) की ओर से 50 लाख रूपए का चंदा दरअसल एक रिश्वत थी ताकि उसकी देश-विरोधी गतिविधियों को ढंका जा सके।
कांग्रेस की संस्‍था नाइक को 50 लाख रुपये का चंदा वापस लौटाएगी

कांग्रेस की संस्‍था नाइक को 50 लाख रुपये का चंदा वापस लौटाएगी

युवाओं को आंतक के लिए भड़काने और गैरकानूनी ढंग से धर्मांतरण के आरोपों से घिरे इस्‍लामिक उपदेशक जाकिर नाइक की वजह से कांग्रेस पार्टी और उसके अध्यक्ष सोनिया गांधी कठिनाई में घिर गई हैं। सोनिया गांधी की अगुवाई वाली संस्था राजीव गांधी फाउंडेशन को नाइक ने 50 लाख रुपये का चंदा दिया था। फाउंडेशन ने अब इसे लौटाने का फैसला किया है।
सारधा घोटाले के आरोपी मदन मित्रा को जमानत

सारधा घोटाले के आरोपी मदन मित्रा को जमानत

सारदा घोटाले के आरोपी तृणमूल कांग्रेस के नेता मदन मित्रा को अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया है। 21 महीने से भी अधिक समय बाद शनिवार की सुबह सलाखों से बाहर आए तृणमूल कांग्रेस नेता मदन मित्रा ने कहा कि वह फिलहाल आराम करना चाहते हैं, लेकिन वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देशों का पालन करेंगे।
खाट के साथ गन्ने के खेत का खतरा

खाट के साथ गन्ने के खेत का खतरा

राहुल गांधी को खाट-सभा की सलाह देने वाले पी के जैसे सलाहकारों को यह पता नहीं होगा कि गांवों में हरियाली खेती के आसपास खाट बिछाकर थोड़ा सुकून मिल सकता है, वहीं कुछ गड़बड़ होने पर गन्ने की खेती से निकलकर भागना घायल कर देता है।
विशेष- वेटिकन में मदर टेरेसा को लेकर आयोजनः होटल बुकिंग से ममता नाराज

विशेष- वेटिकन में मदर टेरेसा को लेकर आयोजनः होटल बुकिंग से ममता नाराज

रोम के वेटिकन सिटी में चार सितंबर को मदर टेरेसा को संत घोषित किया जाएगा। इस अनुष्ठान में शामिल होने के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल भी भेजा जा रहा है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नेतृत्व में 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल रोम जा रहा है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा नामित मारग्रेट अल्वा और लोजिन्हो फेलेरियो समेत चर्च के कई प्रतिनिधि जा रहे हैं।
सिंगूर में कार कारखाने के लिए जमीन अधिग्रहण को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध ठहराया

सिंगूर में कार कारखाने के लिए जमीन अधिग्रहण को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध ठहराया

सिंगूर में टाटा समूह के द्वारा कार कारखाना लगाने के लिए किसानों से जमीन अधिग्रहण को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध ठहरा दिया है। अदालत ने बंगाल सरकार को निर्देश दिया है कि वह सिंगूर की जमीन को अपने कब्जे में ले और किसानों को 12 हफ्तों के भीतर वापस कर दे।
सिंगूर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की मुख्य बातें

सिंगूर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की मुख्य बातें

दीर्घ 10 साल लग गए सिंगूर पर अदालत का अंतिम फैसला आने में। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ममता बनर्जी ने ऐतिहासिक बताया है। जस्टिस गोपाल गौड़ा और जस्टिस अरुण मिश्र की डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में निर्देश दिया कि वहां के किसानों को 12 सप्ताह के भीतर जमीन लौटाई जाए। 10 सप्ताह के भीतर वहां की स्थिति की समीक्षा कर राज्य सरकार अदालत में रिपोर्ट दाखिल करे। वहां के जिन किसानों ने मुआवजा ले लिया था, उनसे मुआवजे की रकम वापस नहीं ली जा सकेगी। जिन किसानों ने मुआवजा नहीं लिया था, उन्हें जमीन लौटाने के साथ ही आज के बाजार दर पर मुआवजा भी दिया जाएगा। क्योंकि, 10 साल तक वे जमीन का इस्तेमाल नहीं कर सके। साथ ही वे मालिकाना से भी वंचित रहे।