सीबीआई की विशेष अदालत ने आज कोयला घोटाले से जुड़े एक मामले में फैसला दिया है। अदालत ने इस मामले में पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता, केएसएसपीएल कंपनी के एमडी पवन अहलूवालिया और संयुक्त सचिव क्रोफा को कई धाराओं के तहत दोषी ठहराया है।
भ्रष्टचार के आरोपों में फंसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एसीबी ने और मुश्किल में डाल दिया है। दिल्ली टैंकर घोटाले में एसीबी ने केजरीवाल के निजी सचिव और राजनीतिक सलाहकार बिभव कुमार से पूछताछ की।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के घर पर हुई छापेमारी की निंदा की है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय ने ट्वीट किया कि मोदी सरकार बदले की भावना के चलते यह कार्रवाई कर रही है।
गोरखपुर दंगा मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर मुकदमा चलाने से मना कर दिया है। वर्ष 2007 के इस मामले पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी केस चलाने से मना कर दिया है।
जीवन भर अपने राजनीतिक फैसलों से लोगों को चौंकाते रहे मुलायम सिंह यादव को उनके भाई शिवपाल यादव ने अपने सेक्युलर मोर्चे का मुखिया बनाने का ऐलान किया है। यह शिवपाल के साथ-साथ मुलायम सिंह यादव केे राजनीतिक कौशल और साख का बड़ा इम्तेहान होगा।
नारदा स्टिंग प्रकरण में कथित आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के 12 नेताओं पर मामला दर्ज किया है जिस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे राजनीतिक खेल बताया है।
देश के प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर ने आज कहा कि चुनावी वादे आम तौर पर पूरे नहीं किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि घोषणापत्र सिर्फ कागज का एक टुकड़ा बन कर रह जाता है, इसके लिए राजनीतिक दलों को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।
समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ यादव से मिले। यादव के साथ उनके बेटे आदित्य यादव भी थे। सीएम योगी के 5 कालिदास मार्ग के आवास पर शिवपाल मिलने पहुंचे। इस मुलाक़ात को यूपी में राजनीतिक मंच पर अलग ढंग से देखा जा रहा है।
यूपी विधानसभा में करारी हार झेल रही बसपा सुप्रीमो मायावती को आगामी दिनों में और झटके लग सकते हैं। मीडिया में खबर है कि लोकसभा और विधानसभा में पार्टी को मिली हार से खिजियाए कुछ असंतुष्ट नेता 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के मौके पर एक अलग राजनीतिक मंच बना सकते हैं।