खस्ताहाल प्रशासन वाले राज्य भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली को दुरुस्त करने और भोजन का अधिकार अधिनियम को क्रियान्वित करने में सक्षम हैं- मध्यप्रदेश इसका नवीनतम उदाहरण है।
पिछले साल भर में दस लाख से ज्यादा भारतवासियों ने स्वेच्छा से अपनी रसोई गैस सब्सिडी छोड़ी। एक विकासशील देश में मोदी सरकार ने इन लोगों को इसके लिए प्रेरित करने का अभियान यह कहते हुए छेड़ा कि पैसा ज्यादा जरूरतमंद लोगों तक पहुंचना चाहिए। सरकारी अनुदानों के बारे में आख्यान बदलने का यह प्रयास नई राह बनाता है। ज्यादातर सब्सिडी कम जरूरतमंद लोग चट कर गए हैं, इसके बारे में बहुत सार्वजनिक विमर्श हुआ है।
भारत में निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का कानून लागू है। सरकारी कार्यालयों में चाय पहुंचाते बच्चों को देख कर ये बखूबी जाना जा सकता है कि हमारे देश में ये कानून किस तरह लागू है। शिक्षा न तो निशुल्क है और न ही अनिवार्य। निजी विद्यालयों में मोटी फीस वसूलते हैं, सरकारी विद्यालय भी किसी न किसी बहाने कुछ पैसा वसूल ही लेते हैं।
गैर-कानूनी तरीके से विदेशी चंदा जुटाने के मामले में सीबीआई ने आज मुंबई में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के आवास और दफ्तर पर छापे मारे। तीस्ता ने कार्रवाई की आलोचना करते हुए इसे एक राजनीतिक साजिश करार दिया है।
नेपाल के राजनीतिक दल नए संविधान को अंगीकार करने के मुहाने पर पहुंच गए हैं। नेपाल की संविधान मसौदा समिति ने एक बड़ी सफलता के तहत लंबे समय से लंबित संविधान के प्रथम मसौदे को मंजूरी दे दी है। इस संविधान के लागू हो जाने पर नेपाल को एक धर्मनिरपेक्ष, समावेशी और विविध जातीय देश के रूप में पहली बार मान्यता मिलेगी।
कंप्यूटर प्रणालियों पर हद से अधिक निर्भरता कितनी नुकसानदेह हो सकती है यह शायद दुनिया के सबसे विकसित देश अमेरिका को अब समझ में आए। दरअसल कंप्यूटर प्रणाली में गड़बड़ होने के कारण पूरी दुनिया में अमेरिका की वीजा जारी करने की प्रक्रिया बाधित हो गई है।
दिल्ली में 1993 के बम विस्फोट मामले में दोषी करार दिए गए प्रो. देवेन्दर पाल सिंह भुल्लर को कड़ी पुलिस सुरक्षा में दिल्ली की तिहाड़ जेल से अमृतसर के केंद्रीय कारागार ले जाया गया। एंबुलेंस में लाए गए भुल्लर को दिल्ली पुलिस की सशस्त्र टीम की सुरक्षा में लाया गया। इसे लेकर राजनीति भी शुरू हो चुकी है। वर्ष 2017 में पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इसे एक राजनीतिक कदम के तौर पर देखा जा रहा है।
दिल्ली में बलात्कार पीड़िता की ‘टू फिंगर जांच’ की अनुमति देने के एक दिन बाद ही आम आदमी पार्टी की सरकार ने चौतरफा विरोध के बाद इससे हाथ पीछे खींच लिए हैं।
माओवादी विचारक कोबाड गांधी पिछले करीब पांच साल से तिहाड़ जेल में हैं। जेल से लिखे एक पत्र में कोबाड गांधी ने अपने साथ हुए उत्पीड़न और भूख हड़ताल पर जाने की मजबूर को बयां किया है।
राजस्थान में पिछले डेढ़-दो साल में दलित और सामाजिक तौर पर उपेक्षित वर्गों के खिलाफ अत्याचार की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले छह माह में दलित अत्याचारों की लहर सी आ गई है।