सफलता की मिसालें होती हैं और असफलता की कहानियां। इन कहानियों से कभी जोश आता है तो कभी निराशा। के डी सत्यम ने अपने निर्देशन में बॉलीवुड डायरीज में ऐसी ही तीन कहानी नहीं तीन दीवानों को जगह दी है।
सिंहासन के लिए महाभारत और रामायण युग के षडयंत्रों की कहानियां भारत के गौरवशाली इतिहास के साथ सुनाई-पढ़ाई जाती रही हैं। इसलिए अरविंद केजरीवाल और नरेंद्र मोदी को षडयंत्रों की सूचनाओं पर क्या अधिक चिंतित होकर जनता के दरबार में गुहार लगानी चाहिए?
‘1920’, ‘एक पहेली लीला’ जैसी फिल्मों में काम कर चुके रजनीश दुग्गल इस बार डायरेक्ट इश्क ले कर आ रहे हैं। इस शुक्रवार यानी 19 फरवरी को यह फिल्म दर्शकों के सामने होगी। ‘डायरेक्ट इश्क’ के जरिये बनारस की जमीन और वहां की संस्कृति के बीच पनपी एक अनोखी रोमांटिक कॉमेडी कहानी परदे पर आ रही है।
नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफ्रेसर अमर्त्य सेन ने अपने नाम ‘अमर्त्य’ से अपनी बात शुरू करते हुए बताया कि कैसे गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर ने उनका नाम रखा और अपने चाचा जोतिर्मय सेन के अंग्रेजों की गुलामी के प्रति संघर्ष जारी रखा ताकि देश आजाद हो सके। लेकिन क्या वाकई देश वैसा ‘आजाद’ हुआ है। यह बात उन्होंने एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के राजेन्द्र माथुर स्मृति व्याख्यानमाला में कहे। उन्होंने इंडियन पीनल कोड से बात शुरू करते हुए अभिव्यक्ति की आजादी के संदर्भ में बहुत सी बाते रखीं।
आमिर खान फिल्मी हस्ती हैं, अशोक वाजपेयी साहित्यकार हैं, सीताराम येचुरी या नीतीश कुमार अथवा राहुल गांधी प्रतिपक्षी नेता हैं, कई संपादक, प्रकाशक प्रतिकूल विचारों वाले हैं लेकिन अमर्त्य सेन तो भारत रत्न हैं। ‘आधुनिक भारत के नोबेल सम्मान प्राप्त अर्थशास्त्री और विचारक हैं। किसी राजनीतिक दल से कभी कोई रिश्ता नहीं रहा। अमेरिका और यूरोप में रहने के अलावा ‘कम्युनिस्ट ’ चोगा भी नहीं पहने हैं।
द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (टेरी) के कार्यकारी उपाध्यक्ष पद पर अपनी नियुक्ति को लेकर जारी विरोध के बीच आर. के. पचौरी शुक्रवार को छुट्टी पर चले गए। वह सात मार्च को टेरी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भी हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि छात्रों के एक समूह ने उनसे डिग्री लेने से इनकार कर दिया है। वहीं, इस हरित संस्था ने विरोध के बढ़ते स्वर को देखते हुए उनकी पुनर्नियुक्ति की समीक्षा के लिए शुक्रवार को संचालन परिषद की बैठक बुलाई है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संस्मरणों पर आधारित किताब, दि टर्बुलेंट ईयर्स:1980-1996 का गुरुवार को उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने विमोचन किया। किताब में बाबरी मस्जिद को गिराए जाने की घटना का जिक्र करते हुए मुखर्जी ने लिखा कि अयोध्या में रामजन्मभूमि मंदिर का ताला खुलवाना प्रधानमंत्री राजीव गांधी का गलत निर्णय था। मुखर्जी ने बाबरी विध्वंस को पूर्ण विश्वासघात करार दिया जिसने भारत की छवि नष्ट कर दी।
सनसनीखेज शीना बोरा हत्याकांड पर बांग्ला में एक फिल्म बनी है। फरवरी में इसके रिलीज की संभावना है। डार्क चॉकलेट नाम की इस फिल्म में महिमा चौधरी इंद्राणी मुखर्जी और रिया सेन ने शीना बोरा की भूमिका में हैं।