मिसरा बेशक यह साहिर लुधियानवी के गीत का है लेकिन अफसानानिगार सआदत हसन मंटो पर सटीक बैठता है। ताउम्र ढोंग, तमाशे और साहित्य की राजनीति से दूर रहने वाले मंटो ने कहा था- ‘ हर शहर में बदरौएं और मोरियां मौजूद हैं जो शहर की गंदगी को बाहर ले जाती हैं। हम अगर अपने मरमरी गुसलखानों की बात कर सकते हैं, अगर हम साबुन और लैवेंडर का जिक्रकर सकते हैं तो उन मोरियों और बदरौओं का जिक्र क्यों नहीं कर सकते जो हमारे बदन की मैल पीती हैं।‘ मंटो की 100वीं जन्मशताब्दी से लेकर आज तक उनके नाम पर उनके तथाकथित मुरीदों ने राजनीति, तमाशा और ढोंग ही किया है। मंटो के इन मुरीदों को वह सब चाहिए जो मंटो को नहीं चाहिए था। मंटो के माएने तो यह दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है।
अमेरिका में नौकरी करना विकासशील देशों के युवाओं का सबसे सुहाना सपना होता है और इस सपने को पूरा करने के लिए अमेरिकी सरकार इन युवाओं को एच-1बी वीजा जारी करती है जिनके जरिये अल्पकाल के लिए अमेरिका में नौकरी का मौका मिलता है।
शुरुआती मैचों में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद मुंबई इंडियंस ने इंडियन प्रीमियर लीग के मैच अब अपनी जीत की लय बरकरार रखी है। मंगलवार को हुए मैच में मुंबई इंडियंस ने दिल्ली डेयरविल्स को पांच विकेट से हराकर अंक तालिका में चौथे स्थान पर पहुंच गया है।
गुजरात विधानसभा का बजट सत्र बुधवार को समाप्त हो गया लेकिन 2002 के दंगों के जांच आयोग की रिपोर्ट चार महीने पहले जमा किए जाने के बाद भी सदन में नहीं रखी गई।