अब योग किसी एक संस्कृति या धर्म का नहीं रहा। यह क्रिसमस की तरह है, जो भी इसे मनाना चाहें उन सब का है। आधुनिक दौर में हमारे सुस्त और गतिहीन जीवन से उबरने का सबसे बेहतर तरीका।
सामूहिक योग कार्यक्रम आयोजित करने और सूर्यनमस्कार के मुद्दे पर सरकार और मुस्लिम कट्टरपंथियों के बीच विवाद की खाई बढ़ती जा रही है। यहां तक कि आज कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने भी इसके खिलाफ ट्वीट कर दिया।
बाजार तरह-तरह के फास्ट फूड से अटे पड़े हैं। रेडीमेट रोटियों से लेकर रेडी-टू-ईट दाल-सब्जी। स्नैक्स का तो अंत नहीं। लेकिन सभी के बीच लोकप्रियता का जो सिंहासन मैगी को मयस्सर था वह किसी और को नहीं। मैगी में हानिकारक सीसा की मात्रा ज्यादा होने की खबर क्या आई, 1300 करोड़ का मैगी का बाजार धड़ाम से औंधे मुंह गिर गया। ऐसे में कुछ लोगों की भावनाएं आहत हुईं तो किसी ने मैगी से जुड़ी यादें ताजा कीं। किसी ने चुटकले बना डाले तो किसी को इसके पीछे राजनीति लगी। कई लोग इस विवाद के पीछे बाबा रामदेव की मैगी लांच होने की अटकलें लगा रहे हैं। अचानक से सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर स्वास्थ्यवर्धक जानकारियों का भी रेला आ गया-
हरिद्वार के नजदीक बाबा रामदेव के पतंजलि फूड एंड हर्बल पार्क में बुधवार को स्थानीय ट्रक यूनियन और पार्क के सुरक्षाकर्मियों के बीच हुए हिंसक संघर्ष हुआ, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और 5 लोग घायल गए हैं। इस मामले में पुलिस ने बाबा रामदेव के भाई रामभरत सहित दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया है। विवाद फूड पार्क में बाहरी ट्रकों के इस्तेमाल को लेकर शुरू हुआ था। पुलिस ने फूड पार्क से भारी मात्रा में हथियार बरामद किए हैं।
पुरस्कारों में लॉबिंग को लेकर बाबा रामदेव ने हमला बोला है। रामदेव का कहना है कि पद्म पुरस्कारों और नोबेल पुरस्कार तक के लिए भी चयन की प्रक्रिया में बहुत लाॅबिंग होती है और जिनके पास राजनीतिक रसूख होता है वे इसे पाने में सफल होते हैं। हाल ही में योगगुरू ने पद्म विभूषण को स्वीकार करने से मना कर दिया था।
राज्यसभा में गुरुवार को कई सदस्यों ने बाबा रामदेव पुत्रजीवक बीज दवा पर पर प्रतिबंध लगाने और इसे बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठी। बाबा रामदेव कई साल पहले भी अपनी दवाओं को लेकर विवादों में घिर चुके हैं।