पहले भारतीय जनता पार्टी में मोदी लाओ देश बचाओ का नारा गूंजता था। लेकिन जब प्रदेश वह भी भाजपा के लिए इज्जत का सवाल उत्तर प्रदेश की बात आई है तो योगी लाओ उत्तर प्रदेश बचाओ का नारा गूंजने लगा है।
प्रियंका गांधी ने मंगलवार को कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश के प्रभारी गुलाम नबी आजाद से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद उत्तर प्रदेश में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी में उनकी भूमिका को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।
छह दिवसीय संघ की बैठक इन दिनों चर्चा में है। मिशन यूपी और मिशन मंदिर पर भी मंथन हो रहा है। ऐसा पहली बार हुआ है कि संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कार्यक्रम और उद्देश्यों के बारे में बात की।
संघ के प्रांत प्रचारकों की वार्षिक बैठक आगामी 11 से 17 जुलाई को कानपुर में होने वाली है। इस बैठक में देश भर के संघ के प्रांत प्रचारक और संघ के आनुषंगिक संगठन हिस्सा लेंगे। संभावना है कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी इसमें हिस्सा लें।
मंगलवार को नरेंद्र मोदी ने अपने कैबिनेट का विस्तार किया। यह विस्तार और बदलाव पूरी तरह पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने किया है। पार्टी के अन्य सूत्रों का इसमें ज्यादा दखल और हस्तक्षेप नहीं हुआ। इस मंत्रिमंडल को नरेंद्र मोदी और अमित शाह का स्टैंप कहा जा सकता है ।
कांग्रेेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी विदेश से स्वदेश वापस आ चुके हैं। अगले 48 घंटों में उत्तर प्रदेश और कांग्रेस का भविष्य मसले पर कोई बड़ा फैसला हो सकता है। सूत्रों की माने तो प्रियंका गांधी सक्रिय राजनीति में उतरने का मन बना चुकी हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में कल फेरबदल हो सकता है। मंगलवार को सुबह 11 बज नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। कुछ को मंत्रिपद से हटाया भी जा सकता है। फेरबदल का लंबे समय से इंतजार है। मोदी 7 जुलाई को 4 अफ्रीकी देशों के दौरे पर जाने वाले हैं। माना जा रहा है कि दौरे से पहले मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकते हैं। मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद ये दूसरा फेरबदल होगा।
यूपी में चुनावी हलचल के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती भी आक्रामक होती दिख रही हैं। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार और सूबे की अखिलेश सरकार दोनों पर एक साथ निशाना साधा। उन्होंने मोदी और अखिलेश सरकार को खराब कानून व्यवस्था के लिए दोषी ठहराया और कहा कि क्या इसे सुधारने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा जिम्मेदार हैं।
देश को आजाद हुए पैंसठ साल से अधिक का समय हो गया पर भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर अभी तक आम राय नहीं बन पाई है। जब इतने समय पर यह नहीं हो पाया तो भाजपा अब क्या सोच समझ कर यूनिफार्म सिविल कोड का ताना-बाना बुनने लगी है। क्या छह माह में इसे लागू करने का दम केंद्र की भाजपा सरकार के पास है या यह महज एक चुनावी चुग्गा है। जो भाजपा ने यूपी चुनाव से पहले जनता की ओर फेंक दिया है।
राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव को केंद्रीय मंत्रिमंडल में लाए जाने की संभावना है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यादव को मंत्रिमंडल में शामिल करने के पीछे प्रमुख उद्देश्य यही है कि प्रदेश के यादव मतदाताओं को लुभाया जा सके।