उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज कहा कि पहले लोग फिल्म निर्माता और निर्देशकों उत्तर प्रदेश आने से डराते थे। लेकिन अब हालात बदले हैं और राज्य सरकार की नई फिल्म नीति की वजह से अधिक से अधिक लोग यहां अपनी फिल्मों की शूटिंग के लिए आ रहे हैं।
दो मिनट में तैयार होने वाली मैगी नौनिहालों के लिए जानलेवा हो सकती है। मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार उत्तर प्रदेश के खाद्य संरक्षा व औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने हाल ही बाराबंकी के एक मल्टी स्टोर से लिए गए मैगी के नमूनों की जांच कोलकाता की रेफरल लैब से कराई। जांच में नमूना फेल हो गया और इसमें मोनोसोडियम ग्लूटामेट नाम का एमिनो एसिड खतरनाक स्तर तक पाया गया। इसके बाद हरकत में आए एफएसडीए ने पूरे प्रदेश में इस बैच की मैगी की बिक्री पर रोक लगा दी। सोमवार से इसपर और असरदार तरीके से पाबंदी लगाई जाएगी।
उत्तर प्रदेश सरकार के सभी मंत्री हाल में नेपाल में आये विनाशकारी भूकम्प के पीड़ितों की मदद के लिए अपना एक माह का वेतन दान करेंगे। सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्राी अखिलेश यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से किसानों की मदद के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। फसलों को हुए नुकसान के सर्वे की रस्म अदायगी भी जारी है। लेकिन मेहनत की कमाई लुटा चुके किसानों के हाथ से मुआवजा अभी दूर है। दरअसल, फसलों के बीमा और मुआवजे की प्रक्रिया में इतने झोल हैं कि किसान तक सिर्फ आश्वासन ही पहुंच पाते हैं।
उत्तर प्रदेश प्रांतीय लोक सेवा आयोग (यूपी पीसीएस) की प्रारंभिक परीक्षा का पहला पर्चा रविवार को लीक होने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर पूरी परीक्षा सोमवार को रद्द कर दी गई। सरकार के एक वरिष्ठ प्रवक्ता ने यह जानकारी दी।
केंद्र की भूमि अधिग्रहण नीति पर भारी राजनीतिक घटनाक्रम के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने फैसला किया है कि अब से विकास परियोजनाओं के लिए जमीन को भूमि स्वामियों और भूमि धारकों के साथ परस्पर समझौते के जरिए अधिग्रहित किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। पार्टी कार्यकर्ता यहां पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को समन भेजे जाने के खिलाफ आंदोलन पर उतरे थे। साथ ही वह मोदी सरकार की नीतियों पर भी अपना गुस्सा उतार रहे थे।
उत्तर प्रदेश सरकार ने खेती-किसानी और सड़क-बिजली-पानी को केन्द्रबिन्दु में लेते हुए वित्त वर्ष 2015-16 का बजट पेश किया है। एक ओर बजट में अगले वित्त वर्ष को किसान वर्ष घोषित किया गया है तो दूसरी ओर मेट्रो रेल, लखनउ-आगरा ऐक्सप्रेस वे तथा बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी पर विशेष बल दिया गया है।