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कानपुर में संघ की बैठक, यूपी चुनाव होगा मुख्य मुद्दा

कानपुर में संघ की बैठक, यूपी चुनाव होगा मुख्य मुद्दा

संघ के प्रांत प्रचारकों की वार्षिक बैठक आगामी 11 से 17 जुलाई को कानपुर में होने वाली है। इस बैठक में देश भर के संघ के प्रांत प्रचारक और संघ के आनुषंगिक संगठन हिस्सा लेंगे। संभावना है कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी इसमें हिस्सा लें।
मंत्रिमंडल विस्‍तार पर मीडिया बोला : पहले होती थी लॉबिंग, अाजकल हो रहा नामिनेशन

मंत्रिमंडल विस्‍तार पर मीडिया बोला : पहले होती थी लॉबिंग, अाजकल हो रहा नामिनेशन

मंगलवार को नरेंद्र मोदी ने अपने कैबिनेट का विस्तार किया। यह विस्‍तार और बदलाव पूरी तरह पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह ने किया है। पार्टी के अन्‍य सूत्रों का इसमें ज्‍यादा दखल और हस्‍तक्षेप नहीं हुआ। इस मंत्रिमंडल को नरेंद्र मोदी और अमित शाह का स्टैंप कहा जा सकता है ।
राहुल विदेश से लौटे : प्रियंका यूपी को जीत 26 साल के वनवास को तोड़ने को तैयार

राहुल विदेश से लौटे : प्रियंका यूपी को जीत 26 साल के वनवास को तोड़ने को तैयार

कांग्रेेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी विदेश से स्‍वदेश वापस आ चुके हैं। अगले 48 घंटों में उत्‍तर प्रदेश और कांग्रेस का भविष्‍य मसले पर कोई बड़ा फैसला हो सकता है। सूत्रों की माने तो प्रियंका गांधी सक्रिय राजनीति में उतरने का मन बना चुकी हैं।
मोदी कैबिनेट का विस्‍तार कल : यूपी पर फोकस, नए चेहरे होंगे शामिल, कुछ नपेंगे भी

मोदी कैबिनेट का विस्‍तार कल : यूपी पर फोकस, नए चेहरे होंगे शामिल, कुछ नपेंगे भी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में कल फेरबदल हो सकता है। मंगलवार को सुबह 11 बज नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। कुछ को मंत्रिपद से हटाया भी जा सकता है। फेरबदल का लंबे समय से इंतजार है। मोदी 7 जुलाई को 4 अफ्रीकी देशों के दौरे पर जाने वाले हैं। माना जा रहा है कि दौरे से पहले मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकते हैं। मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद ये दूसरा फेरबदल होगा।
यूपी की कानून व्‍यवस्‍था क्‍या बराक ओबामा सुधारेंगे : मायावती

यूपी की कानून व्‍यवस्‍था क्‍या बराक ओबामा सुधारेंगे : मायावती

यूपी में चुनावी हलचल के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती भी आक्रामक होती दिख रही हैं। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार और सूबे की अखिलेश सरकार दोनों पर एक साथ निशाना साधा। उन्‍होंने मोदी और अखिलेश सरकार को खराब कानून व्यवस्था के लिए दोषी ठहराया और कहा कि क्या इसे सुधारने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा जिम्मेदार हैं।
भाजपा का चुनावी चुग्‍गा है यूनिफार्म सिविल कोड

भाजपा का चुनावी चुग्‍गा है यूनिफार्म सिविल कोड

देश को आजाद हुए पैंसठ साल से अधिक का समय हो गया पर भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर अभी तक आम राय नहीं बन पाई है। जब इतने समय पर यह नहीं हो पाया तो भाजपा अब क्‍या सोच समझ कर यूनिफार्म सिविल कोड का ताना-बाना बुनने लगी है। क्‍या छह माह में इसे लागू करने का दम केंद्र की भाजपा सरकार के पास है या यह महज एक चुनावी चुग्‍गा है। जो भाजपा ने यूपी चुनाव से पहले जनता की ओर फेंक दिया है।
यूपी चुनाव के मद्देनजर भूपेंद्र यादव को बनाया जाएगा केंद्रीय मंत्री

यूपी चुनाव के मद्देनजर भूपेंद्र यादव को बनाया जाएगा केंद्रीय मंत्री

राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव को केंद्रीय मंत्रिमंडल में लाए जाने की संभावना है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यादव को मंत्रिमंडल में शामिल करने के पीछे प्रमुख उद्देश्य यही है कि प्रदेश के यादव मतदाताओं को लुभाया जा सके।
मुफ्त धार्मिक यात्रा कराएगी यूपी में समाजवाद का बेड़ा पार

मुफ्त धार्मिक यात्रा कराएगी यूपी में समाजवाद का बेड़ा पार

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने प्रदेश में मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना की शुरुआत की थी। इस यात्रा में बुजुर्गों को मुफ्त में देश भर के प्रमुख तीर्थ स्थलों की यात्रा कराई जाती है। इस योजना का फल शिवराज को बुजुर्गों ने वोट के रूप में दिया। पिछले साल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेख यादव ने भी समाजवादी श्रवण यात्रा की शुरुआत की थी।
मायावती का वार, चुनाव से पहले भाजपा-सपा सांप्रदायिक दंगे का रच रहे षड्यंत्र

मायावती का वार, चुनाव से पहले भाजपा-सपा सांप्रदायिक दंगे का रच रहे षड्यंत्र

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि सपा और भाजपा की अंदरूनी मिलीभगत के कारण ही साम्प्रदायिक सौहार्द का माहौल खराब होता है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर में एक भाजपा विधायक और सपा के एक नेता षड्यंत्र रचने जा रहे हैं कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले साम्प्रदायिक दंगे कराए जाएं, ताकि उसकी आग पूरे प्रदेश में फैल जाए और उसका सियासी फायदा उठाया जा सके।
किसका दामन थामेंगे अजित सिंह !

किसका दामन थामेंगे अजित सिंह !

राजनीतिक गलियारों में इन दिनो दावे किए जा रहे हैं कि अजित सिंह की पार्टी रालोद और समाजवादी पार्टी में 'डील' हो चुकी है और इसकी बस घोषणा होनी बाक़ी है। मगर वहीं अजित सिंह को निकट से जानने वालों की मानें तो दिल्ली अभी दूर है। बक़ौल उनके सिंह अभी कम से कम एक बार ताश के पत्ते और फेंटेंगे और अन्य सम्भावनाओं को टटोलने का पुनः प्रयास करेंगे ।