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Search Result : "मोहन भागवत"

संघ की सीटी से शुरू कबड्डी

संघ की सीटी से शुरू कबड्डी

महाराष्ट्र के जलगांव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष रणनीतिकारों के अलावा संघ से जुड़े आनुषंगिक संगठनों की जब बैठक हो रही थी तो सभी की चिंता भारतीय जनता पार्टी के अंदर उभरे आंतरिक मतभेद को लेकर थी। लेकिन इन चिंताओं से बेखबर संघ प्रमुख मोहन भागवत का एक ही शब्द‍ सब पर भारी पड़ गया कि अपना काम करो चिंता मत करो।
समाज में भेदभाव रहने तक जरूरी है आरक्षण : मोहन भागवत

समाज में भेदभाव रहने तक जरूरी है आरक्षण : मोहन भागवत

आरक्षण प्रणाली की समीक्षा के अपने पूर्व के बयान से पलटते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि जब तक सामाजिक भेदभाव है तब तक देश में आरक्षण जारी रहना चाहिए और संघ इसे खत्म किए जाने के पक्ष में नहीं है।
गुवाहाटी के भीड़भाड़ वाले बाजार में विस्फोट, दो घायल

गुवाहाटी के भीड़भाड़ वाले बाजार में विस्फोट, दो घायल

शनिवार की दोपहर अचानक हुए दो धमाकों से असम का गुवाहाटी शहर थर्रा उठा। ये धमाके गुवाहाटी के व्यस्त वाणिज्यिक फैंसी बाजार इलाके में हुए। इन धमाकों में दो लोगों के घायल होने की खबर है।
मणि मोहन की कविताएं

मणि मोहन की कविताएं

अब तक दो कविता संग्रह और एक अनुवाद की पुस्तक प्रकाशित। कविता संग्रह, शायद पर म.प्र. हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा वागीश्वरी सम्मान। सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में कविताएं प्रकाशित।
बिहार तुझे सलाम

बिहार तुझे सलाम

बिहार विधानसभा चुनाव में शर्मनाक पराजय के बाद हुई भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीनचिट दे दी गई है, वे हार की वजह नहीं है, उन्हें उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है,
हार के लिए किसी को जिम्मेदार ठहराने से भाजपा का इनकार

हार के लिए किसी को जिम्मेदार ठहराने से भाजपा का इनकार

बिहार चुनाव के नतीजों पर विचार विमर्श करने के लिए आज हुई भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद भाजपा ने बिहार में हार के लिए किसी भी नेता को जिम्मेदार ठहराने की बात को खारिज करते हुए इस आलोचना को भी नकार दिया कि संघ प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण की समीक्षा संबंधी बयान ने हार में एक बड़ी भूमिका अदा की।
साहित्य को लेकर हम लापरवाह - उदयन वाजपेयी

साहित्य को लेकर हम लापरवाह - उदयन वाजपेयी

साहित्यिक पत्रिका समास के संपादक और साहित्यकार उदयन वाजपेयी अपनी कहानियों से ज्यादा उनके द्वारा लिए गए विभिन्न हस्तियों के साक्षात्कार के लिए पहचाने जाते हैं। कई साहित्यिक पत्रिकाओं के बीच समास का अलग तेवर है। स्थानीय पुट के साथ-साथ इसमें राष्ट्रीयता का दखल भी इसमें कम नहीं होता। साहित्यिक पत्रिकाओं की कमी और इस दुनिया के बदलते तेवर पर उन्होंने कई पहलुओं पर अपनी बात साझा की।
बिहार चुनाव के उत्तरित-अनुत्तरित प्रश्न | नीलाभ मिश्र

बिहार चुनाव के उत्तरित-अनुत्तरित प्रश्न | नीलाभ मिश्र

पहली बार मैं किसी मामले में अमित शाह से खुद को पूरी तरह सहमत पाता हूं। यह कि बिहार चुनाव केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों और कामकाज पर जनमत संग्रह नहीं है।
इन छह चीजों ने तय की बिहार चुनाव की तस्‍वीर

इन छह चीजों ने तय की बिहार चुनाव की तस्‍वीर

चुनाव अपने यहां सचमुच उत्सव हैं। चुनाव लड़ने-लड़ाने वालों को छोड़कर सभी इसको इंज्वॉय करते हैं। और बिहार चुनाव तो उत्सवों के समय ही होते रहे हैं। बिहार का आदमी थोड़ा हटकर होता है। उसे अमेरिकी चुनाव की भी अंदरुनी जानकारी होती है तो यह कैसे कह सकते हैं कि बिहार में हो रहे चुनाव के अंदर की खबरें उसके पास नहीं होंगी।
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