नरेंद्र मोदी सरकार में बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडलीय फेरबदल की तैयारी हो चुकी है। 20 से 22 जून के बीच यह फेरबदल हो सकता है। सरकार ने राष्ट्रपति भवन से यह जानकारी मांगी है कि 19 से 23 जून के बीच राष्ट्रपति की उपलब्धता की क्या स्थिति है। इसके कारण मंत्रिमंडल फेरबदल की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
बिहार के गया जिले में स्थानीय नेता की हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रही उग्र भीड़ ने वहां से गुजर रहे पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के काफिले पर हमला कर दिया और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। भीड़ के हमले में मांझी के घायल होने की खबर है। हालांकि स्थानीय पुलिस ने इस बात से इनकार किया है।
लोजपा प्रमुख और केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने आज यहां बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग दोहराते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड चुकी है जिसको बयान करने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भूमाता ब्रिगेड की अध्यक्ष तृप्ति देसाई से मिलने पर राजी हो गए हैं। संगठन में महिलाओं को सदस्य बनाने की मांग को लेकर तृप्ति ने मोहन भागवत से मुलाकात की मांग रखी थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य को विशेष पैकेज क्या दिया यही पैकेज केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल राज्य के मंत्रियों के लिए बड़ा हथियार बन गया है। केंद्रीय मंत्री इसी पैकेज का जिक्रकर उपलब्धियों का बखान कर रहे हैं और राज्य सरकार को कोस रहे हैं कि विकास के लिए मिल रही धनराशि का राज्य उपयोग नहीं कर पा रहे हैं।
बसपा सुप्रीमो मायावती को मां काली और उनके हाथ में भाजपा नेताओं के कटे सिर दर्शाने वाला पोस्टर सामने आने से यूपी में राजनीति का पारा अचानक से गरम हो गया है। कुछ दिनों पहले ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य का भी ऐसा ही एक पोस्टर सामने आया था।
सरकार कपास के बीजों के दाम का नियमन जारी रखेगी और वह अमेरिका की प्रमुख जैव-प्रौद्योगिकी कंपनी मोनसैंटो जैसी कंपनियों को किसानों का शोषण करने का मौका नहीं देगी। यह बात कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने आज कही। दिसंबर में केंद्र सरकार ने 2016-17 (जुलाई-जून) फसल वर्ष के लिए कपास के बीजों के संबंध में मूल्य-नियंत्रण आदेश जारी किया था। इसमें बीज कंपनियों की रायल्टी भी शामिल की गई है।
भारत माता की जय संबंधी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी के कुछ दिन बाद संगठन के एक शीर्ष पदाधिकारी ने कहा है कि वास्तव में वंदे मातरम् ही राष्ट्रगान है।