जीएसटी लागू होने के बाद कर व्यवस्था पूरी तरह बदल जाएगी। 'एक देश एक कर' लागू हो जाएगा। इस नई व्यवस्था में उपभोक्ताओं के लिए क्या सस्ता और क्या महंगा, के अलावा यह भी जानना जरूरी है कि किस वस्तु पर कितना कर लगेगा।
जीएसटी को लागू करने के लिए 30 जून की रात को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में होने जा रहे सरकार के मेगा शो में कांग्रेस भाग लेगी या नहीं पार्टी इस पर बुधवार को फैसला लेगी। साथ ही कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार टैक्स टेररिज्म फैलाने के लिए जीएसटी का इस्तेमाल कर रही है।
हाल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी किए गए एक नोटिफिकेशन में उन लोगों के लिए आधार जरूरी कर दिया है जो तपेदिक (टीबी) के इलाज के सरकार की ओर से टीबी उन्मूलन के लिए चलाई जा रही स्कीमों में कैश बेनिफिट लेते थे। राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम के रिवाइज्ड कार्यक्रम में बताया गया है कि अब आधार जरूरी होगा।
जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) काउंसिल की 17वीं बैठक में मुनाफाखोरी को रोकने के लिए एंटी प्रॉफिटियरिंग समेत कई अहम नियमों को मंजूरी दे दी गई है। हालांकि ई-वे बिल के तैयार न होने के कारण इस पर फैसला नहीं हो पाया है। काउंसिल ने हर माह रिटर्न फाइल करने में फिलहाल दो महीने की छूट दी है। अभी जुलाई और अगस्ता में रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं होगी।
सोने पर तीन फीसदी, टैक्सटाइल्स पर छह फीसदी, पैंकिंग वाला खाद्य उत्पादों पर पांच फीसदी, सोलर पैनल, कृषि मशीनों पर पांच फीसदी, बिस्कुट पर 18 फीसदी और बीडी पर 28 फीसदी व तेंदुपत्ते पर 18 फीसदी टैक्स लगेगा। शनिवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक में इन दरों को मंजूरी दे दी गई। इसी के साथ टांजिशन प्रोवजंस व रिटर्न समेत बाकी नियमों को हरी झंडी दे दी गई। सभी राज्य पहली जुलाई से जीएसटी लागू करने पर सहमत हो गए हैं। काउंसिल की अगली बैठक 11 जून को होगी।
आम आदमी पार्टी 3 जून को होने वाले ईवीएम हैकथान से किनारा करती नजर आ रही है। सीईसी को लिखे पत्र में आप ने कहा है कि अगर ईवीएम टेंपरप्रूफ है तो फिर डर काहें का, खुली छूट दे चुनाव आयोग।