गुजरात के बनासकांठा में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की कार पर हमले के बाद से कांग्रेस कार्यकर्ता गुस्से में हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिल्ली से लेकर गुजरात तक विरोध प्रदर्शन किया।
मुंबई की मशहूर महिला बाइकर जागृति होगले सोमवार को सड़क पर मौजूद गड्ढों का शिकार बन गई। गड्ढों के कारण ट्रक की चपेट में आने से अपनी जान गंवाने वाली महिला बाइकर के खिलाफ पुलिस ने लापरवाही का मामला दर्ज किया है।
अपकमिंग फिल्म 'इंदु सरकार' पर बढ़ते विवाद को देखते हुए मुंबई पुलिस ने डायरेक्टर मधुर भंडारकर को विशेष सुरक्षा मुहैया कराई है। इस फिल्म को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता विरोध जता रहे हैं।
भाजपा हटाओ, देश बचाओ रैली राजद की रैली है बिहार के महागठबंधन की नहीं। इसमें गैर भाजपाई दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। इसमें यह बात मायने नहीं रखती कि इसमें जदयू शामिल होगी या नहीं।
मुंबई में 1993 में हुए सीरियल ब्लास्ट के दोषी मुस्तफा दौसा की बुधवार को मौत हो गयी। मुस्तफा को सुबह सीने में दर्द की शिकायत के बाद हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। बताया जा रहा है कि मुस्तफा को हाइपरटेंशन और डायबिटीज की शिकायत थी।
भारत में पहली बार किसी बिल्डिंग को ट्रेडमार्क मिला है। यह बिल्डिंग कोई और नहीं बल्कि मुंबई का ताज महल पैलेस है, जिसे ट्रेडमार्क मिला है। 114 साल पुरानी ताज महल पैलेस की यह बिल्डिंग दुनिया की चुनिंदा ट्रेडमार्क वाली संपत्तियों के क्लब में शामिल हो गई है।
साल 1993 के सीरियल बम विस्फोट मामले में मुंबई की विशेष टाडा कोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस मामले में अबू सलेम को मुख्य साजिशकर्ता माना है। कोर्ट ने साथ ही, मुस्तफा और मोहम्मद दोसा, फिरोज राशिद खान, करीमुल्ला शेख, ताहिर मर्चेंट को भी इस मामले में दोषी करार दिया है। वहीं, एक आरोपी अब्दुल कय्यूम को अदालत ने बरी कर दिया है।
सभी किसानों की कर्जा माफी और फसल का न्यूनतम समर्थम मूल्य (एसएमपी) के मुद्दों पर देशभर के किसानों में अलख जगाने के लिए मध्यप्रदेश के मंदसौर से छह जुलाई को जनजागृति यात्रा निकाली जाएगी और यह यात्रा दो अक्तूबर को महात्मा गांधी के किसान आंदोलन की सौवीं वर्षगांठ पर बिहार के चंपारण में समाप्त होगी। यह फैसला शुक्रवार को दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में जुटे करीब 130 किसान संगठनों ने सर्वसम्मति से लिया। इस यात्रा को अंजाम देने के लिए अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति का गठन किया गया है। इतनी बड़ी संख्या में किसानों के संगठन का एकसाथ जुटना किसान एकता की दिशा में एतिहासिक कदम माना जा रहा है। समजा जाता है कि किसानों की इस तरह एकजुटता लंबे अर्से बाद दिखाई दी है।