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Search Result : "माओवादी हिंसा"

श्रीनगर में हिंसा, गोलीबारी में युवक की मौत

श्रीनगर में हिंसा, गोलीबारी में युवक की मौत

जम्मू कश्मीर के बडगाम जिले में विरोध प्रदर्शन के दौरान सीआरपीएफ की गोलीबारी में एक युवक की मौत हो गई जबकि दो अन्य घायल हो गए। यहां हुर्रियत के कट्टरपंथी गुट की ओर से पिछले सप्ताह त्राल में दो युवकों के मारे जाने के खिलाफ बंद का आयोजन किया गया था।
नेपाल में बंद, प्रचंड की बेटी गिरफ्तार

नेपाल में बंद, प्रचंड की बेटी गिरफ्तार

नेपाल में 19 पार्टियों के गठबंधन के राष्ट्रव्यापी बंद के कारण मंगलवार को जनजीवन थम सा गया और इस दौरान माओवादी प्रमुख प्रचंड की बेटी सहित कम से कम 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
फेसबुक की नई गाइडलाइंस क्यों

फेसबुक की नई गाइडलाइंस क्यों

सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने अपनी नई कम्यूनिटी गाइडलाइंस जारी की है। इन गाइडलाइंस के मुताबिक घोषित तौर पर अस्वीकृत सामाजिक व्यवहार पर अंकुश लगाने की तैयारी है। इनमें नग्नता, हिंसा, नफरत फैलाने वाले संदेशों और विवादास्पद मुद्दों पर रोक लगाने की बात कही गई है। लेकिन फेसबुक ने ये गाइडलाइंस दुनियाभर के सत्ता प्रतिष्ठानों की तरफ से पड़ने वाले दबावों के बाद जारी की हैं। इनका खतरा यह है कि विभिन्न सरकारें जिन संदेशों को अपने हित में नहीं पाएंगी उनको रोकने की कोशिश कर सकती हैं।
हिंसा का राजमार्ग

हिंसा का राजमार्ग

नई फिल्म एनएच 10 की हिंसा प्रतिरोध की नहीं प्रतिशोध की हिंसा है। निर्देशक नवदीप सिंह ने मूल कहानी को पृष्ठभूमि में रख कर उस कहानी के बहाने कई बातें साधने की कोशिश की है। यह प्रयोग नया तो नहीं है पर हाल के सिनेमा में सीधी-सीधी बातें कह देने से अलग जरूर है।
फिलहाल हथियार नहीं उठाएंगे नेपाली माओवादी

फिलहाल हथियार नहीं उठाएंगे नेपाली माओवादी

नेपाल में नया गणतांत्रिक संविधान बनाने की प्रक्रिया राजनीतिक पार्टियों के दांव-पेंच में उलझी पड़ी है। मुख्य तौर पर नेपाली कांग्रेस, कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) और माओवादियों के बीच नये संविधान को लेकर कुछ गहरी असहमतियां हैं। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और यूनीफाइड कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी) के नेता बाबू राम भट्टाराई ने भारत यात्रा के दौरान एक बातचीत में अपनी पार्टी का पक्ष आउटलुक के सामने रखा।
संविधान तलाशता नेपाल

संविधान तलाशता नेपाल

छह साल से ज़्यादा वक़्त बीतने के बाद भी नेपाल में स्थाई संविधान बनने की सूरत नज़र नहीं आ रही है. बाईस जनवरी को संविधान निर्माण की तय समय सीमा के खत्म होने के बाद वहां राजनीतिक संकट और गहरा गया है। इसके दो दिन पहले मतभेद के चलते संसद में मारपीट तक की नौबत आ गई।
इंसाफ की तलाश और हिंसा का चक्र

इंसाफ की तलाश और हिंसा का चक्र

राजधानी के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के एक पूर्व प्रोफेसर नागरिकों की एक अनुसंधान टीम के साथ घोर मोआवादी प्रभाव वाले एक जिले में गए जहां उनके एक पूर्व छात्र पुलिस अधीक्षक हैं। पुलिस अधिकारी की अपने पूर्व शिक्षक से मुलाकात का यह गर्वीला क्षण था, उन्होंने अपने गुरु के पांव छुए और उनके साथ अपनी तस्वीर खिंचवाई। नागरिक अनुसंधान टीम ने तब तक प्रशासन, पुलिस और सरकार समर्थित नक्सल विरोधी सशस्त्र निजी सेना का पक्ष ले लिया था इसलिए प्रोफेसर ने माओवादियों का पक्ष लेने के लिए नदी पार जाने की बात कही। इस पर शिष्य पुलिस अधीक्षक तपाक से बोले, सर, आप उस पार गए कि दुश्मन की तरफ होंगे और हमारी गोली खा सकते हैं। मैंने जानबूझकर दोनों लोगों का नाम छिपाया है ताकि एक निजी गुफ्तगू दोनों के लिए सार्वजनिक झेंप की वजह न बन जाए। लेकिन उनकी बातचीत से प्रशासन की ताजा मानसिकता पता चलती है: कि अब नक्सलवादियों के साथ निबटने में बीच की कोई जनतांत्रिक जमीन नहीं बची है। न सिविल हस्तक्षेप की कोई पहल, जैसे जयप्रकाश नारायण ने 1970 के दशक में बिहार के मुसहरी में की थी। अब प्रतिनिधि शासन और माओवादियों के बीच बस मैदान-ए-जंग है।
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