भारतीय सेना ने जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले के काजीगुंड में सोमवार को हुई गोलीबारी की घटना पर गहरा अफसोस जताया जिसमें तीन व्यक्तियों की मौत हो गई थी। सेना ने इस घटना की जांच का भी आदेश दिया है।
कश्मीर घाटी में कुछ स्थानों पर हुई हिंसा और झड़प के मद्देनजर सोमवार को भी कर्फ्यू जारी रहा और लगातार तीसरे दिन कोई भी अखबार नहीं आया। वहीं पुलवामा जिले में पथराव कर रही भीड़ के हमले में सत्तारूढ़ पीडीपी के एक विधायक घायल हो गए।
2009 की सिविल सेेवा में देशभर से टाॅॅप करने वाले जम्मू कश्मीर के शाह फैसल ने उनकी तुलना घाटी में मारे गए हिज्बुल आतंकी कमांडर बुरहान वानी से करने पर मीडिया पर जमकर भड़ास निकाली है। घाटी में शिक्षा विभाग के प्रमुख फैसल की कश्मीर से सिविल सेवा परीक्षा टॉप करने पर खूब तारीफ हुई थी। लेकिन अब फैसल ने मीडिया के प्रोपगेंडा का विषय बनने पर त्यागपत्र की धमकी दे डाली है।
घाटी में जारी हिंसा और तनाव के हालात के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर सरकार ने स्कूल और कॉलेजों की छुट्टियां एक सप्ताह और बढ़ा दी है। वहीं स्थानीय अखबारों के दफ्तरों पर पुलिस कार्वाई के विरोध में रविवार को भी कोई अखबार नहीं छपा।
कश्मीर घाटी में जो हो रहा है वह अच्छा नहीं है। आज हो कुछ हो रहा है वह पहली बार भी नहीं है। इससे पहले भी घाटी में हिंसा की इस तरह की घटनाएं होती रही है। कारण साफ है कि घाटी का लोगों का जो गुस्सा है उसे न तो जम्मू-कश्मीर की सरकार ने समझा और न ही केंद्र की सरकार ने।
कश्मीर में हिजबुल आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने एवं उसके बाद हुई घातक हिंसा के मद्देनजर कर्फ्यू प्रतिबंधों और अलगाववादियों द्वारा प्रायोजित हड़ताल के कारण आज लगातार छठे दिन जनजीवन अस्त व्यस्त रहा।
बुरहान वानी और उसके दो साथियों की मौत के बाद कश्मीर घाटी में जो स्थिति उत्पन्न हुई है उसका गंभीर विश्लेषण करने की जरूरत है। इस विश्लेषण के जरिए कश्मीर समस्या का जो बुनियादी स्वरूप है उसको समझना पड़ेगा।
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने घाटी को हिंसा और खून-खराबे के दौर से बाहर निकालने के लिए आज जनता से सहयोग मांगा। महबूबा ने कहा कि घाटी में हुई मौतों के कारण उनका दय दुख और संताप से भर गया है।
बुरहान वानी की मौत के बाद घाटी में हुई हिंसा पर कांग्रेस ने भाजपा पर हमला बोला है। कांग्रेस ने साफ कहा है कि कश्मीर में आररएसएस का एजेंडा थोपे जाने के बाद घाटी के लोग उग्र हो चुके हैं। बुरहान की मौत के बाद जो हिंसा हुई है, उसे एक तरह से एजेंडे की प्रतिक्रिया कहा जा सकता है।