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Search Result : "महाराष्‍ट्र की राजनीति"

हार के लिए किसी को जिम्मेदार ठहराने से भाजपा का इनकार

हार के लिए किसी को जिम्मेदार ठहराने से भाजपा का इनकार

बिहार चुनाव के नतीजों पर विचार विमर्श करने के लिए आज हुई भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद भाजपा ने बिहार में हार के लिए किसी भी नेता को जिम्मेदार ठहराने की बात को खारिज करते हुए इस आलोचना को भी नकार दिया कि संघ प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण की समीक्षा संबंधी बयान ने हार में एक बड़ी भूमिका अदा की।
नफरत की राजनीति फेल, मजबूत विपक्ष चाहता है देश: नीतीश

नफरत की राजनीति फेल, मजबूत विपक्ष चाहता है देश: नीतीश

बिहार में प्रचंड बहुमत के साथ तीसरी बार मुख्‍यमंत्री बनने जा रहे नीतीश कुमार ने देश की भावी राजनीति में भूमिका के संकेत दे दिए हैं। चुनाव नतीजे आने के बाद पहली बार मीडिया से रूबरू हुए नीतीश कुमार ने कहा कि देश मजबूत विपक्ष चाहता है और महागठबंधन मजबूत विकल्‍प है। बिहार की जनता ने समाज को बांटने की राजनीति को नकार दिया है।
बिहार चुनाव: महागठबंधन की आंधी में कई दिग्गज धराशायी

बिहार चुनाव: महागठबंधन की आंधी में कई दिग्गज धराशायी

महागठबंधन की इस आंधी में बिहार की राजनीति के कई बड़े और चर्चित चेहरों को हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा, लोजपा और हम के साथ साथ एमआईएम के कई बड़े नेता हार गए हैं।
गायें फिर से पशु हो जाना चाहती हैं !

गायें फिर से पशु हो जाना चाहती हैं !

गाय को पवित्र कब से माना गया और क्यों माना गया, यह व्यापक विवाद और विमर्श का विषय है। इस बात पर भी भयंकर मतभेद है कि प्राचीन सभ्यताएं गोमांस को स्वीकृति देती थीं और भारत के आदिकालीन निवासी अपने खान-पान में उसे शामिल करते थे। आर्ष ग्रंथों में आई उन बातों को भी अब कोई नहीं सुनता है कि किसी जमाने में गौमेध यज्ञ भी हुआ करते थे। अब जब गाय को पवित्र मान कर उसे मां का दर्जा दे ही दिया गया है और उसे आस्था की वस्तु बनाकर आलोचना से परे रख दिया गया है तो उस पर बहस की कोई गुंजाईश रही ही कहां है। अब तो ‘वन्दे धेनुमातरम‘ और ‘जय गोमाता‘ कहो, गोकथा कराओ, गोदूध महोत्सव मनाओ, गोशाला चलाओ, गोमंदिर बनाओ, गोकुल धाम निर्मित करो और गोअनुसंधान एवं गोरक्षा के नाम पर तरह-तरह के संगठन और सेनाएं बनाकर जमकर हंगामा मचाओ। आज गाय के नाम पर सब कुछ जायज है क्योंकि गाय हमारी माता है, गाय की रक्षा करना हमारा धर्म है, यह पुण्य का काम है।
बिहार चुनाव की धमक बाहर तक

बिहार चुनाव की धमक बाहर तक

बिहार में चुनावी परिणाम चाहे जो रहे, सरकार चाहे नीतीश कुमार की बने या नरेंद्र मोदी की, इन चुनावों के प्रचार ने राष्ट्रीय राजनीति के कई बंद दरवाजों को खोला है। कई ऐसे समीकरण आए, जिनके बारे में कुछ सालों पहले तक सोचा भी नहीं जा सकता था। नीतीश और लालू का साथ आना, अति पिछड़ा वर्ग का निर्णायक स्थिति में पहुंचना, तमाम वाम दलों का मिलकर चनाव लड़ना और पहली बार देश के प्रधानमंत्री का किसी राज्य के चुनाव के लिए रिकॉर्ड सभाएं करना। इन तमाम पहलुओं पर बिहार की जनता ने पैनी निगाह रखी और हर पहलू पर जमकर चर्चा हुई। ये बहसें सिर्फ बिहार की धरती तक ही सीमित नहीं रहीं, जहां भी बिहारी हैं, वहां बिहार के राजनीतिक भविष्य पर चिंता हावी रही।
वैचारिक असहिष्णुता के शिकार रहे हैं नरेंद्र मोदी: जेटली

वैचारिक असहिष्णुता के शिकार रहे हैं नरेंद्र मोदी: जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कांग्रेस और वामदलों पर पलटवार करते हुए उन पर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति वैचारिक असहिष्णुता अपनाने तथा संगठित दुष्प्रचार के जरिये भारत को असहिष्णु समाज के रूप में पेश करने के प्रयास करने का आरोप लगाया।
दारूवाला का दावा, मोदी दिखा चुके हैं अपना हाथ

दारूवाला का दावा, मोदी दिखा चुके हैं अपना हाथ

देश के प्रसिद्ध ज्योतिष बेजान दारूवाला ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें अपना हाथ दिखा चुके हैं। इस संबंध में दारूवाला की ओर से एक फोटो भी जारी किया गया है जिसमें पीएम मोदी उन्हें अपना हाथ दिखाते हुए नजर आ रहे हैं।
राम नाइक पर राष्ट्रगान के अपमान का आरोप

राम नाइक पर राष्ट्रगान के अपमान का आरोप

अखिलेश यादव के मंत्रिमंडल विस्तार के तहत शपथ ग्रहण कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल राम नाइक पर बीच में ही राष्ट्रगान रुकवा कर इसका अपमान करने का आरोप लगा है। राजभवन में आयोजित शपथ-ग्रहण समारोह के दौरान यह मामला सामने आया।
भाजपा की मोदी आॅक्सीजन उनकी लोकप्रियता तक ही रहेगी : शिवसेना

भाजपा की मोदी आॅक्सीजन उनकी लोकप्रियता तक ही रहेगी : शिवसेना

केंद्र एवं राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगी भाजपा पर निशाना साधना जारी रखते हुए शिवसेना ने कहा कि भाजपा को सत्ता के रूप में मोदी आक्सीजन प्राप्त है और यह तब तक बनी रहेगी, जब तक लोगों में उनकी लोकप्रियता बनी रहेगी।
महाराष्‍ट्र निकला दाल जमाखोरों का गढ़, ठाणे में 125 करोड़ की दाल पकड़ी

महाराष्‍ट्र निकला दाल जमाखोरों का गढ़, ठाणे में 125 करोड़ की दाल पकड़ी

आम आदमी के निवाले से दूर होती दालों के पीछे जमाखोरी और कालाबाजारी का बड़ा खेल है। देश के कई राज्‍यों में हुई छापेमारी के दौरान अब तक महाराष्‍ट्र में सबसे ज्‍यादा दाल पकड़ी गई है।
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