बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लेते हुए 2004 के एक सरकारी प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इस प्रस्ताव में महाराष्ट्र सरकार की ओर सरकारी नौकरी में प्रमोशन को लेकर आरक्षण लागू किया गया था।
दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले 28 कालेजों में दिल्ली के छात्रों के लिए 85 फीसदी सीटें आरक्षित होंगी। इन कालेज में 12 सौ फीसदी और 16 कालेज को दिल्ली सरकार फंड के तौर पर काफी हिस्सा देती है। यह प्रस्ताव दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में गुरुवार को पारित कर दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने सोशल मीडिया साइट के माध्यम से कहा कि देश में सभी प्रकार के जाति आधारित आरक्षण बंद होने चाहिए। उन्होंने इसे देश के लिए एक अभिशाप बताया है।
छत्तीसगढ़ के संवरा जनजाति के कुछ लोग पिछले कुछ दिनों से दिल्ली आकर विभिन्न सांसदों के चक्कर काट रहे हैं, पूछने पर बताते हैं कि हम लोग दशकों से इस तरह भटक रहे हैं, लेकिन हमें अभी तक कोई पायदा नहीं हुआ। दरअसल इनका कहना है कि सौंरा, संवरा, सवरा, सौरा छत्तीसगढ़ की जनजाति है जिन्हें पिछले 2002 से लिपिकीय त्रुटि की वजह से आदिवासी नहीं माना जा रहा है। लिहाजा जनजातियों को मिलने वाले आरक्षण सहित अन्य लाभ से यह समुदाय पूरी तरह वंचित है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी भाकपा ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कथित मीटबंदी को राजनीतिक उद्देश्यों के लिये एक वर्ग विशेष के विरुद़ध अभियान करार देते हुए कहा कि सरकार को इस दुर्भावनापूर्ण कदम में सुधार करना चाहिये।
केंद्र की मोदी सरकार की कैबिनेट ने बड़ा फैसला किया है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की जगह अब एक नया आयोग बनाया जाएगा, जिसे संवैधानिक दर्जा भी दिया जाएगा।
केंद्रीय कैबिनेट ने सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग के लिए राष्ट्रीय आयोग (एनसीएसईबीसी) के गठन को आज मंजूरी दे दी। इस आयोग को संवैधानिक दर्जा प्राप्त होगा।
न्य पिछड़े वर्गों के कल्याण संबंधी संसदीय समिति के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करके मांग की कि सरकार अलग से अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग का गठन करके उसके लिये अलग से बजट का आवंटन करे।