Advertisement

Search Result : "मनोज वाजपेयी"

‘अब क्या’ सोचने का वक्त

‘अब क्या’ सोचने का वक्त

श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर फाउंडेशन के संवाद श्रृंखला 2 में समसामयिक घटना पुरस्कार वापसी और उसके विरोध पर ‘अब क्या’ विषय पर संवाद का आयोजन किया गया। पुरस्कार वापसी का समर्थन और विरोध कर रहे दोनों ही पक्षों ने अपनी-अपनी बात रखी।
किताब वापसी अभियान

किताब वापसी अभियान

किताब वापसी अभियान में दो दर्जन कवि, लेखक एवं कलाकारों का एक दल साहित्यकार अशोक वाजपेयी के वसुंधरा इन्क्लेव,दिल्ली स्थित घर पर शनिवार को सुबह पहुंचा। अभियान की तरफ से तीन लोगों का एक प्रतिनिधि मंडल अशोक वाजपेयी से मिला।प्रतिनिधि मंडल में कवि रसिक गुप्त, विनीत पांडेय और छायाकार आत्माराम शामिल थे। प्रतिनिधि मंडल ने किताब वापसी अभियान की तरफ से अशोक वाजपेयी की लिखी हुई एक किताब उनके द्वारा अकादेमी पुरस्कार वापसी के प्रतिकात्मक विरोध में उन्हें वापस की।
आर.के. सिंह ने फिर दिखाए तेवर, मनोज तिवारी भी कतार में

आर.के. सिंह ने फिर दिखाए तेवर, मनोज तिवारी भी कतार में

बिहार में चुनावी पराजय के बाद भाजपा में बवाल थम नहीं रहा। आज भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने पार्टी की रणनीति में खामी होने की बात कही जबकि असंतुष्ट सांसद आर.के. सिंह ने लालकृष्ण आडवाणी जैसे वरिष्ठ नेताओं की उस मांग का समर्थन किया जिसमें उन्होंने हार की जवाबदेही तय करने की बात कही है।
साहित्य को लेकर हम लापरवाह - उदयन वाजपेयी

साहित्य को लेकर हम लापरवाह - उदयन वाजपेयी

साहित्यिक पत्रिका समास के संपादक और साहित्यकार उदयन वाजपेयी अपनी कहानियों से ज्यादा उनके द्वारा लिए गए विभिन्न हस्तियों के साक्षात्कार के लिए पहचाने जाते हैं। कई साहित्यिक पत्रिकाओं के बीच समास का अलग तेवर है। स्थानीय पुट के साथ-साथ इसमें राष्ट्रीयता का दखल भी इसमें कम नहीं होता। साहित्यिक पत्रिकाओं की कमी और इस दुनिया के बदलते तेवर पर उन्होंने कई पहलुओं पर अपनी बात साझा की।
मैदान पर ही गंभीर और तिवारी के बीच झड़प

मैदान पर ही गंभीर और तिवारी के बीच झड़प

एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में दिल्ली में चल रहे एक रणजी मुकाबले के दौरान मैदान पर ही दो खिलाड़ी आपस में भीड़ गए। दोनों ही खिलाड़ी अपनी अपनी टीम के कप्तान भी हैं।
ऐतिहासिक मुकाम, लेखकों के इस्तीफे का बवंडर

ऐतिहासिक मुकाम, लेखकों के इस्तीफे का बवंडर

देश के सभी कोनों से, सभी भाषाओं में एक ही आवाज उठ रही है। यह अपने आप में ऐतिहासिक परिघटना है। इससे पहले इस देश में इतने बड़े पैमाने पर लेखकों-साहित्यकारों-रंगकर्मियों ने एक साथ एक ही मुद्दे पर मिलकर आवाज नहीं उठाई थी। वे सब अलग-अलग राज्यों से, अपनी-अपनी भाषाओं में एक ही स्वर बोल रहे हैं।
सेकुलर ग्रंथि पीड़‍ित कलमकारों ने लौटाए हैं पुरस्कार: संघ

सेकुलर ग्रंथि पीड़‍ित कलमकारों ने लौटाए हैं पुरस्कार: संघ

उदय प्रकाश, अशोक वाजपेयी और नयनतारा सहगल सहित 21 लेखकों द्वारा साहित्यिक सम्मान लौटाने की घोषणा पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि हिन्दू धर्म को विकृत करने और भारत को नष्ट करने के प्रयासों में सेकुलर ग्रंथि से पीड़ित कुछ असहिष्णु कलमकारों ने अपने तमगे लौटा दिए हैं।
प्रतिरोध बढ़ा, सारा जोसेफ ने भी लौटाया साहित्य अकादमी

प्रतिरोध बढ़ा, सारा जोसेफ ने भी लौटाया साहित्य अकादमी

देश में सांपद्रायिक हिंसा की बढ़ती घटनाओं से आहत होकर अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने वाले साहित्यकारों की सूची में मलयाली लेखिका सारा जोसेफ का नाम भी जुड़ गया है। जोसेफ को वर्ष 2003 में उनकी रचना अलहयूद पेनमक्कल के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया था।
लोकतंत्र का तकाजा है कि लेखक आवाज उठाएं

लोकतंत्र का तकाजा है कि लेखक आवाज उठाएं

पिछले कई वर्षों से हमारे देश में जो होता रहा है उसने सृजन-समुदाय को लगातार बेचैन किया हैः अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सांस्कृतिक और धार्मिक बहुलता, सामाजिक समरसता पर संगठित प्रहार बहुत बढ़ गए हैं। राजनीति, धर्म और बाजार ने मिलकर, अपनी सभी मर्यादाएं छोड़कर, बेहद व्याप्ति अर्जित कर ली है। असहमति की जगह और अवसर सिकुड़ रहे हैं और पचास से अधिक वर्षों के परिपक्व लोकतंत्र में असहमति को देशद्रोही करार दिया जा रहा है।
अब अशोक वाजपेयी ने लौटाया साहित्य अकादमी पुरस्कार

अब अशोक वाजपेयी ने लौटाया साहित्य अकादमी पुरस्कार

देश में लगातार बढ़ रही सांप्रदायिक घटनाओं के विरोध में प्रसिद्ध लेखिका नयनतारा सहगल के बाद हिंदी के जाने-माने साहित्‍यकार अशोक वाजपेयी ने भी साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है। इससे पहले उदय प्रकाश भी कन्‍नड़ विद्वान एमएम कलबुर्गी की हत्‍या के विरोध में यह पुरस्‍कार लौटा चुके हैं।
Advertisement
Advertisement
Advertisement