16 साल तक की भूख हड़ताल के बाद भी मणिपुर की लौह महिला इरोम शर्मिला की अच्छी सेहत का राज उनकी इच्छाशक्ति और योगाभ्यास है। इस भूख हड़ताल के दौरान उन्हें नाक से जबरन तरल भोजन दिया जाता था। शर्मिला के सहयोगियों और उनके परिवार के सदस्यों के अनुसार, शर्मिला ने 1998 में योग सीखा था। इसके दो साल बाद वह भूख हड़ताल पर बैठ गई थीं। यह भूख हड़ताल मंगलवार को खत्म हो गई।
मणिपुर की मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने 16 साल बाद मंगलवार को रोते हुए अपनी भूख हड़ताल खत्म की। इस अवसर पर बेहद भावुक इरोम ने कहा कि अब वह अपने संघर्ष की रणनीति में बदलाव करते हुए राजनीति में उतरना चाहती हैं।
मणिपुर से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आफ्स्पा) हटाने के लिए पिछले 16 साल से संघर्षरत र्इरोम शर्मिला चानू ने मंगलवार को अपना अनशन तोड़ दिया। इंफाल की अदालत में इरोम द्वारा अनशन तोड़ने की सूचना देने के बाद उन्हें जमानत दे दी।
मणिपुर की लौह महिला इरोम चानू शर्मीला कल मंगलवार की सुबह अपना 16 साल से जारी उपवास तोड़ेंगी। सैन्य बल विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) को खत्म करने की मांग को लेकर 16 साल पहले उन्होंने उपवास शुरू किया था।
मणिपुर में सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफ्सपा) की आड़ में सेना के कथित अत्याचारों के खिलाफ पिछले 16 सालों से अनशन पर रहकर विरोध कर रहीं इरोम शर्मिला अपना अनशन खत्म करेंगी। उन्होंने अपना विरोध जारी रखते हुए अगले साल राज्य विधानसभा का चुनाव लड़ने की घोषणा की है।
मणिपुर के सेनापति जिले के मुख्यालय में अनजान बदमाशों ने एक बम विस्फोट किया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह विस्फोट कल शाम करीब 7:30 बजे उपायुक्त कार्यालय के परिसर में स्थित योजना कार्यालय के एक कमरे में हुआ।
असम में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में सरकार गठन के हफ्ते भर के भीतर ही केंद्र सरकार ने समूचे पूर्वोत्तर में सौगातों की झड़ी लगा दी है। असम समेत पूर्वोत्तर के सभी राज्यों को विशेष राज्य की दर्जा देकर ढेरों आर्थिक पैकेज दिए गए हैं। पूर्वोत्तर के मिजोरम और मणिपुर को रेलवे के ब्रॉडगेज नेटवर्क से जोड़ दिया गया है। इसके अलावा भी ढांचागत और सामाजिक क्षेत्र की दसियों परियोजनाएं असम और पूर्वोत्तर के लिए घोषित की गई हैं।
दुनिया में सबसे लंबी भूख हड़ताल करने वाली शख्स का नाम है इरोम शर्मिला चानू। मणिपुर की यह आयरन लेडी बेहद नाजुक मिजाज और बेहद मधुर आवाज में पेड़-पौधों-पक्षियो और प्रेम के बारे में बतियाने वाली हैं। लेकिन उनके इच्छाशक्ति फौलादी है। उन्हें उनके मिशन से बड़ी से बड़ी अड़चन नहीं हिला पाई, आफ्सपा से वह तीखी नफरत करती हैं और इसके खात्मे से कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं है।
मणिपुर की मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला चानू ने राज्य में लागू विवादित सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफ्सपा) को हटाने की मांग को लेकर आज यहां की ऐतिहासिक शहीद मीनार परिसर में अपना अनिश्चितकालीन अनशन फिर से शुरू कर दिया। गौरतलब है कि इरोम शर्मिला 15 साल से अनशन पर हैं और अदालत ने उन्हें कल ही आत्महत्या के प्रयास के आरोप से बरी किया है।