विपक्ष के भारी विरोध और वॉकआउट के बीच सरकार ने लोकसभा में भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक पेश कर दिया। लेकिन सरकार इस विधेयक को लेकर कितना अड़ियल रूख अपनायेगी यह अभी साफ नहीं है।
जमीन अधिग्रहण को लेकर सोमवार से दिल्ली में हंगामा शुरु करने की पूरी तैयारी है। सड़क से लेकर संसद तक हंगामे के आसार हैं। एक तरफ प्रसिद्ध समाजसेवी अण्णा हजारे दिल्ली में धरना दे रहे हैं तो दूसरी ओर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने की रणनीति बना ली है।
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ अपने प्रदर्शन से पहले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आज संकेत दिए कि अगर नरेन्द्र मोदी सरकार ने इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया तो रामलीला मैदान में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
बसपा प्रमुख मायावती ने आज कहा कि केंद्र की नीतियां प्रदर्शित करने वाले राष्ट्रपति अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं है और इसमें काम कम और बातें ज्यादा हैं। उन्होंने संसद भवन परिसर में कहा, राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं है। विगत में जो सभी बातें कही गयी हैं, उसे ही विभिन्न तरीके से पेश किया गया है।
विकास के वादे के साथ सत्ता में आई नई सरकार ने सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों और विधानों पर निर्दयता से धावा बोल दिया है। अक्तूबरए 2014 में यह अफवाह उड़ाई गई कि कुछ जिलों में मनरेगा योजना बंद कर दी जाएगीए हालांकि प्रस्तावित बदलावों को लागू नहीं किया गया। मनरेगा के लिए वित्त की कमी करके और मजदूरी के भुगतान में देरी करके इसको धीरे.धीरे खत्म करने की स्थिति पैदा की जा रही है।
सीबीआई ने विशेष अदालत में कोयला ब््लॉक आवंटन से जुड़े एक मामले में अपनी अंतिम जांच रिपोर्ट पेश कर दी जिस पर 11 मार्च को सुनवाई होगी। इस मामले में पूर्व कोयला सचिव पी सी पारख, हिंडाल्को और अन्य कथित तौर पर संलिप्त हैं।
व्यापम घोटाले में कांग्रेस के आरोपों को नकारते हुए केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि यह सब राजनीतिक साजिश है। उमा ने कहा कि तीन चुनाव हारने तक कांग्रेस के जो नेता एक दूसरे से बात करना पसंद नहीं करते थे आज वे मेरी छवि खराब करने के लिए एकजुट हो गए हैं।