अमेरिका में भारत के नए राजदूत अरूण कुमार सिंह ने अपने दस्तावेजों की प्रतियां विदेश मंत्रालय के चीफ ऑफ प्रोटोकॉल के कार्यालय में पेश करने के बाद औपचारिक तौर पर अपना पदभार संभाल लिया।
5 मई को लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में भारतीय जनता पार्टी सरकार ने आधिकारिक तौर पर माना कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस के परिवार के सदस्यों की 20 सालों तक कथित जासूसी की जांच वह नहीं करवाने जा रही है। गृहराज्यमंत्री हरिभाई पारथी भाई चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में यह भी माना कि नेताजी से संबंधित और कोई दस्तावेज सरकार सार्वजनिक नहीं करेगी।
भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश की सपा सरकार को घोटालों की सरकार करार देते हुए बुधवार को कहा कि नया घोटाला बिजली उपभोक्ताओं से निर्धारित दर से अधिक वसूली के रूप में सामने आया है।
केंद्र की मोदी सरकार अगर कारोबार को बढ़ावा देने के नाम पर श्रम कानूनों में बदलाव के अपने एजेंडे पर अड़ी रहती है तो देश की मजदूर यूनियनें इसके खिलाफ हड़ताल पर जाने से नहीं हिचकेंगी। इसमें भाजपा से जुड़ी श्रमिक यूनियनें भी शामिल होंगी। इस बारे में कोई भी फैसला 26 मई को लिए जाने की उम्मीद है।
नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप में मारे गए 57 विदेशियों में से 41 लोग भारतीय हैं। इमारतों को जमींदोज और बिजली के खंभों व पेड़ों को जड़ों से उखाड़ फेंकने वाला यह भीषण भूकंप अपने पीछे तबाही और दर्द का एक भयावाह मंजर छोड़ गया है। नेपाल पुलिस द्वारा जारी बयान के अनुसार, भूकंप में मरने वाले भारतीयों की संख्या 41 हो चुकी है।
फ्रांस के रक्षा मंत्री की भारत यात्रा से पहले भारत ने कहा कि भारतीय वायु सेना के लिए राफेल लड़ाकू जेट विमान खरीदने के लिए बातचीत इसी महीने शुरू होगी। अरबों डॉलर के इस सौदे को जितना जल्दी संभव हो अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
अस्पृश्यता यानी छूआछूत उन्मूलन के 65 साल बाद भी हर चार भारतीयों में एक अपने घरों में किसी न किसी रूप में छूआछूत का पालन करता है। चौंकाने वाला यह तथ्य एक अखिल भारतीय सर्वेक्षण में सामने आया है जिसे यहां दलित बुद्धिजीवियों, लेखकों एवं विद्वानों की एक सम्मेलन में पेश किया गया।
नेपाल में भारतीय मीडिया के खिलाफ आक्रोश तेजी से फैलता जा रहा है। नेपाल में आए भीषण भूकंप के बाद वहां पर कवरेज के लिए गए भारतीय मीडिया के रवैये ने एक बड़े हिस्से को बेहद नाराज किया है। यह नाराजगी बाकायदा ट्विटर पर एक अभियान के रूप में सामने आई जिसके तहत एक अकाउंट खोला गया-गो बैक इंडियन मीडिया-और यह कुछ ही घंटों में वायरल हो गया।
बाज़ार को बेचने हैं सौंदर्य को बढ़ाने वाले संसाधन इसलिए ‘च्वाइसेस’ या विकल्पों की बात हो रही है। लेकिन मुझे परेशानी इस बात से ज्यादा है कि वही स्त्री जब भारत के सड़कों, गलियों, खेतों, खलिहानों, कस्बों में बलत्कृत, क्षत-विक्षत मृत शरीर के रूप मे पाई जाती है। तब ना आपको उस पर बात करने से गुरेज है और ना उसका छायांकन करने में। लेकिन वही स्त्री जीवित अवस्था में अपने उसी शरीर पर हक की बातें करती है तो आपको 'परिवार व्यवस्था' से लेकर 'स्त्री देवी' के भ्रम के टूटने की धमक सुनाई देने लगती है।