अपनी तीन दिवसीय ब्रिटेन यात्रा संपन्न कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को तुर्की के लिए रवाना हो गए। प्रधानमंत्री तुर्की में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
मिस्र में दुर्घटनाग्रस्त हुए रूसी विमान के ब्लैक बॉक्स के विश्लेषण से बम हमले का संकेत मिला है। जांच टीम के सूत्रों ने यह जानकारी दी है। विश्लेषण के नतीजों के बाद रूस ने मिस्र के लिए उड़ानें रोक दी हैं।
ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में चीन और अमेरिका से आने वाले छात्रों के बाद तीसरा स्थान भारतीय छात्रों का है जो ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान कर रहे हैं। एक ताजा रपट में यह जानकारी दी गई है।
पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत 30 करोड़ वर्ष पहले नहीं बल्कि कम-से-कम 4.1 अरब वर्ष पहले हुई थी। पूर्व के दस्तावेजों के अनुसार, हमारे ग्रह पर 30 करोड़ वर्ष पहले जीवन की शुरुआत होने की बात कही गई थी लेकिन नये अनुसंधान में नए तथ्य सामने आए हैं।
ब्रिटेन में भारतीय मूल के एक दुकानदार ने वहां पिछले 120 साल से शराब निषिद्ध रहे एक गांव में शराब बेचने की कानूनी जंग जीत ली है। इतिहास रचने वाले कमल शर्मा की दुकान मैरी वेल न्यूज को बोर्नविले में बर्मिंघम सिटी काउंसिल की लाइसेंस संबंधी उप समिति ने शराब बेचने की इजाजत दे दी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज न्यूयॉर्क में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलोंद से मिले। इन नेताओं के बीच आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने, जलवायु परिवर्तन समेत विविध मुद्दों पर चर्चा हुई। मोदी और ओबामा के बीच करीब एक वर्ष में यह तीसरी मुलाकात है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की उम्मीदवार का अमेरिका द्वारा समर्थन किये जाने पर प्रधानमंत्राी मोदी ने राष्ट्रपति ओबामा का धन्यवाद किया।
पिछले दो सप्ताह के दौरान यूरोप के दो बड़े देशों पर वामपंथ का रंग चढ़ता नजर आया। ब्रिटेन में हाथिये पर समझी जाने वाली वामपंथी और समाजवादी विचारधारा ने जबरदस्त तरीके से वापसी के संकेत दिए तो यूनान में वामपंथ का जादू एक बार फिर चला।
शरणार्थी संकट पर अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दबाव के बीच ब्रिटिश सरकार ने 15,000 सीरियाई शरणार्थियों को स्वीकार करने का फैसला किया है। उधर, आॅस्ट्रिया और जर्मनी भी हंगरी सीमा पर पहुंचने वाले हजारों प्रवासियों को शरण देने के लिए तैयार हो गए हैं।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की रहस्यमय मौत से जुड़े दस्तावेज हासिल करने के लिए उनके परिजनों ने अब ब्रिटिश सरकार से गुहार लगाई है। नेताजी के परपौत्र सूर्य कुमार बोस ने इस साल अप्रैल में बर्लिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर यह मुद्दा उठाया था। बोस का कहना है कि मोदी से मुलाकात के बाद उन्होंने नेताजी से जुड़ी फाइलों के बारे में एक पत्र भी लिखा था, जिसका अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।