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Search Result : "बोरा बेचने लगा शिक्षक"

प्लाज्मा से सूर्य जैसी ऊर्जा पैदा करने की उम्मीद

प्लाज्मा से सूर्य जैसी ऊर्जा पैदा करने की उम्मीद

गुजरात स्थित एक अनुसंधान संस्थान ने पदार्थ के चौथे रूप प्लाज्मा को स्थिर अवस्था सुपर कंडक्टिंग टोकामक (एसएसटी-।) में रोक कर रखने में अहम सफलता मिलने का दावा किया है।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला को एक महीने की पैरोल मिली

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला को एक महीने की पैरोल मिली

दिल्ली सरकार ने आज शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में हाल में दिल्ली उच्च न्यायालय से एक दशक के कारावास की सजा पाने वाले हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की एक महीने की पैरोल मंजूर की।
मायावती पर फिर लगा पैसे लेने का आरोप

मायावती पर फिर लगा पैसे लेने का आरोप

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती पर एक बार फिर पैसे देकर टिकट लेने का आरोप लगा है। यह आरोप बसपा के संस्‍थापक सदस्य एवं पूर्व मंत्री दीनानाथ भास्कर ने लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले बसपा सांसद जुगल किश‍ोर भी मायावती पर पैसे लेकर टिकट देने का आरोप लगाकर पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं।
अब आई वजनदार की बारी

अब आई वजनदार की बारी

ग्लैमर की दुनिया में कुछ नियंत्रण में हो न हो लेकिन वजन नियंत्रित रहना बहुत जरूरी है। वजन बेकाबू हो तो करियर का घोड़ा बेकाबू हो जाता है।
चौटाला पिता-पुत्र की सजा बरकरार

चौटाला पिता-पुत्र की सजा बरकरार

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़े घोटाले के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला और तीन अन्य को भ्रष्टाचार के जुर्म में दी गई 10 साल की कैद की सजा को बरकरार रखा है।
दिखने लगा है आप का असर

दिखने लगा है आप का असर

आम आदमी पार्टी के सत्ता की बागडोर संभालते ही दिल्ली के स्कूलों से लेकर झुग्गी बस्तियों में नई सरकार का असर दिखने लगा है।
‘आप’ की लहर में चढ़ने लगा सेंसेक्स

‘आप’ की लहर में चढ़ने लगा सेंसेक्स

दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों में आम आदमी पार्टी को जबर्दस्त बहुमत की ओर अग्रसर होता देख एक बार फिर शेयर बाजार ने भी अपनी चाल बदल ली है।
जवाबदेही के जुए से कतराती नौकरशाही

जवाबदेही के जुए से कतराती नौकरशाही

सूचना के अधिकार कानून के क्रियान्वयन पर अभी चार अध्ययन आए हैं। दो गैर सरकारी, परिवर्तन और सूचना के जनाधिकार पर राष्‍ट्रीय अभियान द्वारा, और दो सरकारी, केंद्रीय सूचना आयोग की कमेटी और स्वयं भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय द्वारा। सभी की रिपोर्ट के अनुसार सूचना का अधिकार सक्षमता से लागू करने में मुख्य बाधा अपर्याप्त क्रियान्वयन, कर्मचारियों के प्रशिक्षण का अभाव और खराब दस्तावेज प्रबंधन है। किसी ने फाइल देखने की नोटिंग की मांगों और खिझाऊ तथा तुच्छ आवेदनों के कारण नहीं माना है। फिर भी कार्मिक मंत्रालय नौकरशाही के दबाव में इनसे संबंधित लाना चाहता है तो उसकी मंशा पर शक होता है वही कार्मिक मंत्रालय जिसका अपना अध्ययन बताता है कि अभी देश के सिर्फ 15 प्रतिशत लोगों को सूचना के अधिकार के कानून की जानकारी है और 85 प्रतिशत लोगों को नहीं। यानी नौकरशाही अभी भी सिर्फ 15 प्रतिशत भारतीयों के प्रति जवाबदेह होने से भी कतरा रही है। और परिवर्तन की रिपोर्ट के अनुसार इन 15 प्रतिशत में सिर्फ एक-चौथाई यानी 27 फीसदी ही संतोषप्रद सूचना हासिल कर पाते हैं।
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