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‘गाय दो लत्ती मारकर निकल गई’

‘गाय दो लत्ती मारकर निकल गई’

बिहार विधानसभा चुनावों के नतीजों ने साबित कर दिया है कि जिन मुद्दों को चुनावी मुद्दा बनाया जा रहा था वे जनता को स्वीकार नहीं। चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की करारी हार और महागठबंधन की शानदार जीत बताती है कि मतदाता ने तय करके भाजपा को हराया है। बिहार चुनावों से संबंधित कुछ सुर्खियां जो दो बीते डेढ़ दिन से सोशल मीडिया पर तैर रही हैं।
भड़के कैलाश विजयवर्गीय ने शत्रुघ्न सिन्हा की तुलना कुत्ते से की

भड़के कैलाश विजयवर्गीय ने शत्रुघ्न सिन्हा की तुलना कुत्ते से की

बिहार विधानसभा में मिली करारी हार से भाजपा में खलबली सी मची हुई है। एक ओर पार्टी में हार को लेकर मंथन का दौर जारी है तो दूसरी ओर पार्टी के कई नेता एक दूसरे को हार का जिम्मेदार ठहराने की कोशिश में सारी हदें पार करते जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने शत्रुघ्न सिन्हा पर निशाना साधते हुए उनकी तुलना एक कुत्ते से कर दी है।
हार के लिए किसी को जिम्मेदार ठहराने से भाजपा का इनकार

हार के लिए किसी को जिम्मेदार ठहराने से भाजपा का इनकार

बिहार चुनाव के नतीजों पर विचार विमर्श करने के लिए आज हुई भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद भाजपा ने बिहार में हार के लिए किसी भी नेता को जिम्मेदार ठहराने की बात को खारिज करते हुए इस आलोचना को भी नकार दिया कि संघ प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण की समीक्षा संबंधी बयान ने हार में एक बड़ी भूमिका अदा की।
बिहार से निकली बात दूर तलक जाएगी | नीलाभ मिश्र

बिहार से निकली बात दूर तलक जाएगी | नीलाभ मिश्र

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे राष्ट्रीय राजनीति में भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्थिति को तत्काल कोई खतरा न पहुंचाएं मगर कुछ चीजें तो इसने बिलकुल साफ कर दी हैं। सबसे पहले तो इन नतीजों ने भारतीय जनता पार्टी के सामने यह सबक रखा है कि समाज को बांटने वाले मुद्दे ज्यादा दूर तक आपका साथ नहीं देते। भाजपा को इस देश में अगर सही मायने में एक दक्षिणपंथी विचारधारा वाली पार्टी बनना है तो उसे सामाजिक विभाजक मुद्दों से परहेज करना चाहिए। एक बार को जनता आपकी दक्षिणपंथी आर्थिक नीतियों को तो सह लेगी मगर सामाजिक विभाजक नीतियों को नहीं। वैसे भारत में आर्थिक दक्षिणपंथी नीतियों के लिए भी जगह कम ही है।
बिहार चुनाव: महागठबंधन की आंधी में कई दिग्गज धराशायी

बिहार चुनाव: महागठबंधन की आंधी में कई दिग्गज धराशायी

महागठबंधन की इस आंधी में बिहार की राजनीति के कई बड़े और चर्चित चेहरों को हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा, लोजपा और हम के साथ साथ एमआईएम के कई बड़े नेता हार गए हैं।
महागठबंधन को 178 सीटें, भाजपा की करारी हार

महागठबंधन को 178 सीटें, भाजपा की करारी हार

बिहार चुनाव में नीतीश-लालू के महागठबंधन को शानदार जीत मिली जबकि भाजपा नेतृत्‍व वाले एनडीए का सफाया हो गया है। नीतीश कुमार एक बार फिर राज्‍य के मुख्‍यमंत्री बनने जा रहे हैं। बिहार के साथ-साथ देश की राजनीतिक दिशा-दशा तय करने वाले इन चुनावों में महागठबंधन ने 178 सीटें हासिल की हैं जबकि एनडीए के खाते में सिर्फ 58 सीटें आई हैं। भाजपा खिसक कर तीसरे नंबर पर आ गई है। लालू यादव की राजद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
नीतीश का जादू चला, लेकिन सबसे ज्‍यादा सीटें लालू को

नीतीश का जादू चला, लेकिन सबसे ज्‍यादा सीटें लालू को

बिहार विधानसभा चुनाव के अब तक के रुझानों से साफ हो गया है कि शानदार जीत के साथ नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार में सरकार बनाने जा रहे हैं। महागठबंधन को 178 सीटें मिली हैं जबकि भाजपा नीत एनडीए सिर्फ 58 सीटें हासिल कर पाया है। खास बात यह है कि लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्‍ट्रीय जनता दल 80 सीटों के साथ बिहार में सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी है जबकि नीतीश की जदयू 71 सीटों पर जीती है। पिछली बार 91 सीटें जीतने वाली भाजपा 53 सीटों पर सिमटकर रह गई है।
बिहार चुनाव अपडेट: पीएम मोदी ने दी नीतीश कुमार को बधाई

बिहार चुनाव अपडेट: पीएम मोदी ने दी नीतीश कुमार को बधाई

विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के साथ नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के मुख्‍यमंत्री बनने जा रहे हैं। भाजपा और इसके सहयोगी दलों को चुनाव में बुरी तरह हार का मुहं देखना पड़ा है जबकि नीतीश-लालू की जोड़ी ने रंग जमा दिया।
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