पटना के गांधी मैदान में आज जदयू-राजद और कांग्रेस के महागठबंधन की एक बड़ी रैली हुई। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ-साथ नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव और शिवपाल यादव ने मोदी सरकार की शोबाजी और बयानबाजी पर जमकर प्रहार किए।
बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू यादव ने समाजवादी पार्टी के दो सीटें और छोड़ दी। अब सपा बिहार में पांच सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जनता दल यूनाइटेड, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के गठबंधन ने 243 में से 240 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की जबकि तीन सीटें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के लिए छोड़ी गई थी।
गुजरात में पटेल समुदाय द्वारा आरक्षण की मांग को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने समर्थन किया है। गुजरात से निकला आरक्षण का यह जिन्न विधानसभा चुनाव में भी असर डालता दिख रहा है। क्योंकि आरक्षण की मांग कर रहे पटेल समुदाय के युवा नेता हार्दिक पटेल ने बिहार में भी प्रचार करने की बात कही है। इसके बाद से बिहार की राजनीति करवट लेती दिख रही है।
नीतीश कुमार ने दावा किया कि यह लोगों के लिए मेरी प्रतिबद्धता है और मैं जानता हूं कि उनका यह विश्वास मुझ पर है कि जो मैं कहता हूं, वह करता हूं। नीतीश कुमार की सात सूत्री विकास योजना में युवाओं, महिलाओं, बेरोजगारों, युवा उद्यमियों और पेयजल, बिजली एवं शौचालय जैसी आधारभूत संरचना से जुड़ी जरूरतों पर विशेष जोर है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के एक साथ मंच साझा करने से कांग्रेस असमंजस की स्थिति में आ गई है। दरअसल दिल्ली में कांग्रेस लगातार आम आदमी पार्टी पर निशाना साध रही है और बिहार में जदयू के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ रही है। ऐसे में कांग्रेस नीतीश कुमार के मंसूबों को समझ नहीं पा रही है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार को सवा लाख करोड़ रुपये का पैकेज देने के दावे की पोल खोल दी है। नीतीश कुमार ने इस पैकेज में शामिल हरेक घोषणा का बारीकी से विश्लेषण किया है। उनका कहना है कि विशेष पैकेज में 87 फीसदी राशि पुरानी योजनाओं की है और सिर्फ 10368 की राशि नई है।
बिहार विधानसभा चुनाव की तिथियां अभी घोषित नहीं हुई लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के बीच बढ़ा संकट पैदा हो गया है। भाजपा के सहयोगी दलों लोक जनशक्ति पार्टी और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने सीटों की मांग करके एक नए सियासी समीकरण के संकेत दे दिए हैं। इतना ही नहीं इन दलों ने भाजपा के नारे अबकी बार भाजपा सरकार को बदलने को कहा है।
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है लेकिन इस सरगर्मी के बीच सबसे ज्यादा असमंजस आम आदमी पार्टी के नेताओं के बीच है। कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की करीबी रही परवीन अमानुल्लाह अब आदमी पार्टी की नेता हैं जो कि लगातार क्षेत्र में काम कर रही हैं। लेकिन खबर यह आ रही है कि आम आदमी पार्टी बिहार चुनाव में नीतीश कुमार को समर्थन दे सकती है ऐसे में अब यह कार्यकर्ता क्या करें इसको लेकर संशय बना हुआ है।
खस्ताहाल प्रशासन वाले राज्य भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली को दुरुस्त करने और भोजन का अधिकार अधिनियम को क्रियान्वित करने में सक्षम हैं- मध्यप्रदेश इसका नवीनतम उदाहरण है।