सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को विवादित बाबरी ढांचा विध्वंस मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से लालकृष्ण आडवाणी समेत भाजपा के 13 नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश के तहत केस चलाने की मांग की गयी।
सुप्रीम कोर्ट ने आज उस याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रखा जिसमें बाबरी मस्जिद ढहाने के मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती सहित वरिष्ठ भाजपा नेताओं के खिलाफ साजिश के आरोप बहाल करने की मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मामले से जुड़ी दीवानी अपीलों पर शीघ्र सुनवाई करने से आज इनकार कर दिया। प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर की अगुवाई वाली पीठ ने सुनवाई के दौरान भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी से कहा कि न्यायालय को बताया गया था कि वह इस मामले में एक पक्षकार हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि विवाद में सुब्रमण्यम स्वामी को झटका देते हुए मामले में जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है। अदालत ने इस मामले में जल्द सुनवाई की संभावना से इनकार किया है।
प्रख्यात सरोद वादक अमजद अली खान का कहना है कि यह दुखद है कि शिक्षा लोगों को एक दूसरे के प्रति हमदर्द बनाने में नाकाम रही और दुर्भाग्य से कुछ लोग आज के दौर में भी मंदिर और मस्जिद बनाने के बारे में बात करते हैं।
तेलंगाना सरकार ने आज विधानसभा में बताया कि वह 2007 के मक्का मस्जिद बम विस्फोट मामले के आरोपी स्वामी असीमानंद की जमानत निरस्त कराने के लिए कदम उठायेगी। मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुसलमीन (एमआईएम) के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने सदन में शून्यकाल के दौरान इस मामले को उठाया।
सुप्रीम कोर्ट ने आज बाबरी मस्जिद विध्वंस केस की सुनवाई दो सप्ताह तक के लिए स्थगित की। कोर्ट ने सभी संबंधित पक्षों को मामले में लिखित में अपनी बात रखने को कहा। न्याय मूर्ति पिनाकी चंद्र बोस और न्यायमूर्ति एफ नरीमन की पीठ ने कहा कि वे इस मामले की सुनवाई अब छह अप्रैल को करेंगे। इस बीच सभी संबंधित पक्ष इस मामले में अपना लिखित हलफनामा पेश करेंगे।
बाबरी विध्वंस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और विनय कटियार समेत 13 नेताओं पर से आपराधिक साजिश मामले की सुनवाई गुरुवार को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने आज राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद से जुड़े पक्षों से को सलाह दी है कि वे इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाएं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह एक संवेदनशील और भावनात्मक मुद्दा है और यह बेहतर होगा कि इस मुद्दे को मैत्रीपूर्ण ढंग से कोर्ट से बाहर बात कर सुलझाया जाए। प्रधान न्यायाधीश जे एस खेहर ने कहा कि यदि संबंधित पक्ष उनकी मध्यस्थता चाहते हैं तो वह इस काम के लिए तैयार हैं।