सरकार ने आज कहा कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने के प्रावधान वाले मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक को संसद के आगामी बजट सत्र में पेश करने के पूरे प्रयास किये जायेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के कारण केंद्रीय बजट की प्रस्तुति को स्थगित किए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका की त्वरित सुनवाई से आज इनकार कर दिया। प्रधान न्यायाधीश जी एस खेहर ने कहा कि इसमें किसी तत्कालिकता की आवश्यकता नहीं है। हम याचिका पेश होने पर व्यवस्था देंगे।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किए जाने पर आपत्ति जताते हुए विपक्षी दलों ने आज चुनाव आयोग का रुख किया और आयोग से मांग की कि वह सरकार से आठ मार्च को होने वाले अंतिम चरण के मतदान तक इस वार्षिक प्रक्रिया को स्थगित करने को कहे। वहीं केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह कहते हुए इस कदम का बचाव किया कि विपक्षी दल इसको लेकर क्यों भयभीत हैं, जबकि उनका दावा है कि नोटबंदी बहुत ही अलोकप्रिय फैसला है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज ऐलान किया कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में उनकी पार्टी अकेले दम पर चुनाव लडेगी। उन्होंने चुनाव आयोग से अनुरोध किया कि निष्पक्ष चुनाव के लिए केन्द्र सरकार को निर्देशित किया जाए कि वह एक फरवरी को आम बजट पेश न करे।
बजट प्रक्रिया में आमूल चूल परिवर्तन के एक हिस्से के तौर पर संसदीय मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीपीए) ने बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू करने और इसके बाद एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करने की आज सिफारिश की।
केंद्र की मोदी सरकार के लिए 2017 का साल करो या मरो का होगा। विशेषज्ञों ने यह राय जताई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि सरकार कैसे 8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने के लिए नोटबंदी से हुए संभावित 2.20 लाख करोड़ रुपये के लाभ का इस्तेमाल करती है।
आर्थिक विशेषज्ञों का सुझाव है कि नोटबंदी के झटके से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिये आगामी बजट में कुछ कदम लीक से हटकर उठाए जाने चाहिए। बाजार में मांग बढ़ाने के उपाय करने के साथ-साथ व्यक्तिगत आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर पांच लाख रुपये की जानी चाहिये।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि बजट पेश करने की तारीख पहले करने से वास्तविक अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर होगा क्योंकि इससे योजनाओं के लिए वित्त वर्ष की शुरुआत में ही अधिकृत कोष उपलब्ध हो जाएगा।
उत्तरप्रदेश जहां देश के सबसे बड़े सूबे की राजनीतिक तस्वीर बदलकर रख देने वाले चुनाव के लिए तैयार है, वहीं चार अन्य राज्यों में भी फरवरी-मार्च में लगभग एकसाथ चुनाव होने की संभावना है। अगले साल एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किए जाने के कुछ ही समय बाद ये चुनाव शुरू हो सकते हैं।