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Search Result : "बच्चे को गोद कैसे लें"

कैसे मिलते हैं पुरस्कार?

कैसे मिलते हैं पुरस्कार?

दुनियाभर में सत्ता प्रतिष्ठानों की तरफ से दिए जाने वाले पुरस्कार हमेशा विवादों में रहे हैं। केंद्र में इस बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद पहली बार देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिये गए हैं। अगर पुरस्कार पाने वालों की फेहरिस्त पर नजर डाली जाए तो ऐसा लगता है कि अपने लोगों को उपकृत करने में भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस से भी आगे चली गई है। इस बार भाजपा सरकार ने अपनी ही पार्टी के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को भारत रत्न दिया तो वाजपेई सरकार में उप प्रधानमंत्री रहे पार्टी नेता लाल कृष्ण आडवाणी को पद्म विभूषण दे डाला। इसी तरह नजर डालें तो पुरस्कार पाने वालों में ज्यादातर भाजपा के करीबी पत्रकार, कलाकार, वैज्ञानिक और नेता हैं।
कैसे हुई आइएएस रवि की मौत

कैसे हुई आइएएस रवि की मौत

कर्नाटक के ईमानदार आइएएस अफसर डीके रवि की मौत का मामला राज्य की विधानसभा से लेकर देश की संसद तक में गूंज चुका है। राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है लेकिन रवि की मौत के राज से अब तक पर्दा नहीं हट पाया है।
ऐसे कैसे चलेगी भाजपा-पीडीपी सरकार

ऐसे कैसे चलेगी भाजपा-पीडीपी सरकार

जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाना भारतीय जनता पार्टी के ही नहीं बल्कि भगवा परिवार के सभी पितृ पुरुषों का भी चिरकालीन सपना रहा है। भाजपा की पूर्ववर्ती जनसंघ के संस्‍थापक अध्यक्ष श्यामाप्रसाद मुखर्जी की तो शहादत ही कश्मीर में हुई।
24 करोड़ बच्चों के पेट में कीड़ा

24 करोड़ बच्चों के पेट में कीड़ा

भारत के अलग-अलग हिस्सों में आप बच्चों के किसी भी डॉक्टर के पास जाएं, वहां आने वाले मां-बाप की एक आम शिकायत यही होती है कि उनका बच्चा ठीक से खाता-पीता नहीं है, या फिर यह कि खाता तो ठीक से है मगर बच्चे का उस अनुपात में वजन नहीं बढ़ रहा या उसकी लंबाई नहीं बढ़ रही।
मेरे बच्चे भी पूछ रहे हैं वाई-फाई कब मिलेगा : केजरीवाल

मेरे बच्चे भी पूछ रहे हैं वाई-फाई कब मिलेगा : केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की सत्ता संभालने के करीब एक हफ्ते बाद शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार आम आदमी पार्टी के चुनावी वायदों के तहत बहुत जल्द बिजली की दरें कम करने जा रही है और मुफ्त पानी योजना शुरू करने वाली है।
कॉरपोरेट हवस से कैसे बचे लोकतंत्र?

कॉरपोरेट हवस से कैसे बचे लोकतंत्र?

कॉरपोरेट लॉबींग और सरकारी नीतियों को अपने पक्ष में मोड़ने का एक और बड़ा मामला सामने आया है। साल 2010 में कॉरपोरेट लॉबीस्ट नीरा राडिया के टेप के बाहर आने पर कॉरपोरेट, मीडिया, नौकरशाही और राजनीति के गठजोड़ से बड़े पैमाने पर पर पर्दा हटते दिखा था। उसी तरह पेट्रोलियम मंत्रालय के गोपनीय दस्तावेज़ों को हासिल करने में बड़े कॉरपोरेट समूहों ने किस तरह के हथकंडे अपनाये यह अब सामने आ चुका है।
विश्व कपः सचिन के साथ लें डिनर का मजा

विश्व कपः सचिन के साथ लें डिनर का मजा

यदि आप सचिन तेंदुलकर के साथ सिडनी में डिनर करना चाहते हैं तो खासी रकम खर्च करनी पड़ेगी क्योंकि एक मशहूर रेस्तरां ने इस चैम्पियन बल्लेबाज के साथ 1500 से 3000 आस्ट्रेलियाई डाॅलर की कीमत पर डिनर का इंतजाम किया है ।
बच्चे को दूध नहीं पिलाने पर कार्रवाई

बच्चे को दूध नहीं पिलाने पर कार्रवाई

कामकाजी महिलाओं में सबसे खराब स्थितियां मजदूर वर्ग की महिलाओं की हैं। उनके लिए न तो क्रेच व्यवस्था है और न वे मजदूरी के समय से समय निकाल अपने नवजात बच्चों को दूध पिला सकती हैं। कुपोषण के शिकार इनके बच्चों का सही विकास तक नहीं हो पाता है। बच्चे को दूध न पिला सकने का ऐसा ही एक मामला तेलंगाना में सामने आया है जिसमें ऐसा होने पर बच्चे की मौत हो गई है।